सावन में श्री शिवमहापुराण पढ़ने से मिलते हैं ढेर सारे फायदे, बता रहे हैं पंडित भानुप्रतापनारायण मिश्र

अगर आप सावन में श्री शिवमहापुराण का पाठ करती हैं तो इससे आपको मानसिक शांति के साथ ढेर सारे फायदे मिलते हैं, बता रहे हैं पंडित भानुप्रतापनारायण मिश्र। 

 
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सावन में प्रतिदिन श्री शिवमहापुराण की कथा सुनने और पढ़ने का विशेष महत्‍व है। माना जाता है कि इस समय में अगर विधि विधान से शिव जी की पूजा अर्चना की जाए, सावन के सोमवार और प्रदोष व्रत रखे जाएं, तो महिलाओं का भाग्य जाग जाता है। हमने इस बारे में बात की पंडित भानुप्रताप नारायण मिश्र से और उन्होंने हमें इस बारे में हमें अहम बातें बताईं। आइए जानें उन्होंने क्या कहा-

सावन के सोमवार इतने शुभ माने जाते हैं कि इस दौरान महिलाओं की पूजा-अर्चना से उनके पति का दुर्भाग्‍य भी सौभाग्‍य में परिवर्तित हो जाता है। इस दौरान श्री शिवमहापुराण पढ़ने का विशेष फल मिलता है। दरअसल इसमें केवल शिव ही नहीं, बल्कि ब्रह्मा, विष्णु, कार्तिकेय और गणेश जैसे देवों के बारे में भी लिखा है। इसमें सती की कथा है, शिव जी का सती से वियोग का वर्णन है, साथ ही शिव जी और गणेश जी की लीलाओं का भी वर्णन है।

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रोचक कथाएं जो देती हैं सीख

श्री शिवमहापुराण में शिव पार्वती ( सती ) की कथा का वर्णन है कि कैसे शिव जी ने एक बार सती के पिता दक्ष को नमस्कार नहीं किा था, जिससे वे क्रोधित हो गए थे। दक्ष ने शिव का अपमान किया और यह पार्वती को इतना बुरा लगा कि उन्होंने इसके लिए अपने प्राण ही त्याग दिए। अगर हम अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में देखें तो स्वाभिमान हमारे लिए सर्वोपरि होता है। आज के समय में हर स्त्री को समझना चाहिए कि पति का सम्मान कितना अहम है। जब सती ने देह त्याग दी तभी तारकासुर और शक्तिशाली हो गया। शिव इस समय समाधि में चले गए। इसी को देखते हुए तारकासुर ने वरदान मांगा कि वह शिव जी के पुत्र के हाथों मारा जाए। उधर पार्वती जी ने 107 बार जनम लेकर घोर तपस्या की और शिव जी ने उन्हें 108वें जन्म में स्वीकार किया। शिव जी को समाधि से बाहर लाने के लिए कामदेव ने भी लोकहित में जाकर काम किया। उन्होंने तप में बैठे शिव जी पर पुष्प का बाण चला दिया, जिससे उनकी तपस्या भंग हो गई और रुष्ट होकर उन्होंने तीसरा नेत्र खोल दिया, जिससे कामदेव भस्म हो गए। ये सभी कथाएं पढ़कर महिलाएं सीख सकती हैं कि लोकहित में उनका व्यवहार कैसा होना चाहिए।

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ये हैं बड़े लाभ

इस समय में चार्तुमास चल रहा है और इसमें सावन का महीना सबसे महत्वपूर्ण है। इस समय में जिनका ब्रहस्पति ग्रह खराब है, उन्हें श्री शिवमहापुराण का पाठ करने से फायदा होगा। जिन महिलाओं की शादी नहीं हो पा रही, उन्हें भी इसका पाठ करने से अपना इच्छित वर पाने में मदद मिलती है। दरअसल श्री शिवमहापुराण पढ़ने से महिलाओं और उनके माता-पिता में जो दृष्टि विकसित होती है, उसका फायदा उन्हें मिलता है और वे अपने जीवन में आने वाले संकटों का बेहतर तरीके से निवारण कर पाते हैं। श्री शिवमहापुराण का पाठ यह भी सिखाता है कि प्रगति के साथ कैसे जुड़ें, सांसारिक चीजें पाने के लिए किस तरह का दृष्टिकोण अपनाया जाए। सोमवार व्रत रखने और प्रदोष व्रत रखने से काफी फायदा मिलता है, इनसे महिलाओं की इच्छाशक्ति काफी मजबूत होती है। जिन महिलाओं की धन की अच्छी स्थिति है, उन्हें अन्न का दान करने और अगर उनके पास समय हो तो बना-बनाया खाना लोगों में बांटने से लाभ होता है। इससे मन की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है और समाज कल्याण से जुड़े कामों में ध्यान जाने से महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

मानसिक शांति और एकाग्रता

श्री शिवमहापुराण का पाठ करने से महिलाओं का मन पूरी तरह एकाग्र हो जाता है। किसी तरह की दुविधा हो तो वह दूर होने लगता है और असीम शांति महसूस होती है। इससे महिलाएं अपनी रोजमर्रा के जीवन में भी सुखी रहती हैं।

इन सेलेब्रिटीज को विशेष लाभ

वृश्चिक राशि (नरेंद्र मोदी, सायना नेहवाल) धनु राशि (मुकेश अंबानी) और मकर राशि ( रजनीकांत और शाहरुख खान), जिनकी वर्तमान में साढ़ेसाती चल रही है और अरुण जेटली, वीरेंद्र सहवाग और अरविंद केजरीवाल, जिनकी ढैया लगी हुई है, को श्री शिवमहापुराण का पाठ करने से विशेष लाभ हो सकता है। अगर कथा के पाठ के लिए समय की कमी हो तो इसके लिए आप अपने घर-परिवार के लोगों या शास्त्रों का पाठ करने वालों की मदद ले सकती हैं। इसका आपको समान लाभ मिलता है। आखिर में आपको इसके हवन में उपस्थिति अवश्य दर्ज कराएं।

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