Mahashivratri Kab Hai 2025: 26 या 27 फरवरी कब रखा जाएगा महाशिवरात्रि व्रत, जानें शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त, मंत्र और महत्व

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने से जीवन के सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं, और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। अब ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा और जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त मंत्र और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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महाशिवरात्रि एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो भगवान शिव को समर्पित है। यह हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर फरवरी या मार्च में आता है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाते हैं, और कुछ लोग रुद्राभिषेक भी करते हैं। महाशिवरात्रि को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने और अपने पापों को धोने का एक शुभ अवसर माना जाता है। यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। अब ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का समय क्या है और जलाभिषेक करने के दौरान किस मंत्र का जाप करने से लाभ हो सकता है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

इस साल महाशिवरात्रि का व्रत कब रखा जाएगा?

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महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है और फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे से 27 फरवरी को सुबह 08:54 बजे तक रहेगी। व्रत और पूजा 26 फरवरी को उदयातिथि के अनुसार की जाएगी।

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाता है, जो की सुबह का सबसे पहला मुहूर्त होता है. इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए सबसे उपयुक्त समय सुबह 6 बजकर 48 मिनट से 9 बजकर 41 मिनट तक का है. इस समय में भगवान शिव का जलाभिषेक करना सबसे अच्छा माना जाता है।

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महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के दौरान मंत्र जाप

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव को जल अर्पित करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। जलाभिषेक करते समय कुछ मंत्रों का जाप करने से इसका फल और भी बढ़ जाता है।

  • ऊं नमः शिवाय - यह सबसे प्रसिद्ध और सरल मंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥ इस मंत्र का जाप करने से दीर्घायु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • ऊं तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥ यह शिव गायत्री मंत्र है। इसका जाप करने से ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।

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महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा का महत्व क्या है?

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महाशिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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Image Credit- HerZindagi

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