हिंदू धर्म में भगवान शिव को विशेष रूप से पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि वो अपने भक्तों की समस्त इच्छाएं पूर्ण करते हैं और उन पर अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं। महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से शिव जी के पूजन का विधान है और उनकी पूजा अलग-अलग तरीकों से की जाती है।
इस दिन विशेष रूप से रुद्राभिषेक करना फलदायी माना जाता है। वैसे तो रुद्राभिषेक किसी भी दिन किया जा सकता है लेकिन यदि इसे महाशिवरात्रि के दिन किया जाए तो विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और कष्टों से मुक्ति मिलती है। अगर इस दिन आप समस्त परिवार के साथ रुद्राभिषेक करते हैं तो जीवन में सफलता के योग बनते हैं। आइए ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से जानें कि महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करना फलदायी क्यों माना जाता है और इसका महत्व क्या है।
भगवान शिव के क्रोध को कम करता है
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार हैं जो क्रोध को दर्शाते हैं और महाशिवरात्रि के दिन उनके किसी भी रौद्र रूप को शांत करने के लिए रुद्राभिषेक जरूरी माना जाता है।
ग्रह दोष ठीक होते हैं
महाशिवरात्रि के दिन यदि आप घर में रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं तो आपके कुंडली में यदि किसी भी तरह का ग्रह दोष है तो उससे मुक्ति मिलती है। ग्रहों की शांति और मंगल से मुक्ति पाने के लिए आप इस दिन नियम से रुद्राभिषेक करें।
कई बार आपके साथ ऐसी घटनाएं होती हैं जिनके कारणों का पता लगा पाना मुश्किल होता है। दरअसल ये ग्रह दोषों की वजह से हो सकते हैं। अगर आप किसी भी समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के दिन किया गया रुद्राभिषेक फलदायी होगा।
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मनवांछित इच्छा पूर्ण होती है
यदि आप महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान के साथ रुद्राभिषेक करते हैं तो आपके लिए बहुत शुभ होता है। अगर आपको नौकरी में समस्याएं आ रही हैं या फिर धन की बिना वजह हानि हो रही है या फिर आपके मन में कोई ऐसी इच्छा है जो पूर्ण नहीं हो पा रही है तो आप रुद्राभिषेक जरूर करें।
यदि आपकी शादी में बाधाएं आ रही हैं या दाम्पत्य जीवन में कोई समस्याएं हो रही हैं तो पति-पत्नी को एक साथ मिलकर रुद्राभिषेक करना चाहिए।
नकारात्मकता दूर होती है
यदि आपके घर में किसी भी नकारात्मक शक्ति का वास है तो आपको महाशिवरात्रि के दिन घर या मंदिर में रुद्राभिषेक (रुद्राभिषेक के नियम) अवश्य करना चाहिए। ये आपके जीवन के लिए विशेष रूप से फलदायी होता है और किसी भी बाधा को दूर करने में मदद करता है।
मन शांत होता है
शिवलिंग से निकलने वाली ऊर्जा व्यक्ति के मन को प्रभावित करती है और रुद्राभिषेक के फलस्वरूप व्यक्ति के मन को शांति मिलती है। यदि आप इसका आयोजन महाशिवरात्रि के दिन करते हैं तो मानसिक बीमारियों से राहत मिल सकती है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है।
रुद्राभिषेक करने से आत्मशक्ति और ज्ञान शक्ति बढ़ती है। ऐसी मान्यता है कि सबसे पहले रुद्राभिषेक भगवान विष्णु ने किया था, इसी वजह से इसे जीवन के लिए और ज्यादा शुभ तथा फलदायी माना जाता है।
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कैसे करें रुद्राभिषेक
- यदि आप घर पर महाशिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक का आयोजन करते हैं तो सबसे पहले शिवलिंग को घर की उत्तर दिशा में रखें और अपना मुख पूर्व की तरफ रखें।
- रुद्राभिषेक के लिए श्रृंगी में सबसे पहले गंगाजल डालें और मंत्रों के उच्चारण के साथ अभिषेक शुरू करें फिर शृंगी से ही गन्ने का रस, शहद, दही, दूध समेत सभी तरल पदार्थों से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- ध्यान रखें कि भगवान शिव का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र, शिव तांडव स्तोत्र, ओम नमः: शिवाय का जाप करते समय अभिषेक करें।
- शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, फूल नैवेद्य आदि शिवलिंग पर अर्पित करें। भगवान शिव के मंत्र का 108 बार जाप करें और रुद्राभिषेक संपन्न होने के बाद सपरिवार आरती करें।
- आपको ध्यान देना है कि अभिषेक करते समय श्रृंगी से जल की धारा निरंतर निकालनी चाहिए।
यदि आप महाशिवरात्रि के पावन दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक करते हैं तो मनोकामनाओं की पूर्ति के साथ सफलता का आशीष भी मिलता है।
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