बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकार सुनील दत्त भले ही आज इस दुनिया में नहीं है। लेकिन उनकी फिल्में आज भी दर्शकों का मनोरंजन करती हैं। उन्होंने साल 1955 फिल्म रेलवे प्लेटफॉर्म से अपने अभिनय की शुरुआत की। इसके बाद साल 1957 में रिलीज हुई फिल्म मदर इंडिया ने उन्हें बालीवुड जगत का स्टार बना दियां। इसके अलावा उन्होंने
साधना, मुझे जीने दो, गुमराह, वक़्त, खानदान और पड़ोसन जैसी कई बेहतरीन फिल्मों में भी काम किया।
बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि अभिनय करने से पहले सुनील दत्त रेडियो सीलोन में काम करते थे। लेकिन जब उनकी आंखों में एक अभिनेता बनने का सपना पलने लगा तो वे मुंबई आ गए। मेहनत के साथ-साथ किस्मत ने भी उनका साथ दिया और उन्हें जल्द ही एक फिल्म का ऑफर भी मिल गया। लेकिन उन्होंने अपनी पहली ही फिल्म के लिए ना कह दिया और इसके पीछे मुख्य वजह उनका अपनी मां कुलवंती देवी दत्त से किया गया वादा था। तो चलिए जानते हैं क्या था वह वादा, जिसके लिए उन्होंने अपनी पहली फिल्म के ऑफर को भी रिजेक्ट कर दिया-
दरअसल, फिल्मों में आने से पहले सुनील दत्त रेडियो सीलोन में एक रेडियो जॉकी के रूप में काम कर रहे थे। इस दौरान उन्हें एक बार दिलीप कुमार का इंटरव्यू करने का मौका मिला था, उस समय वह उनकी फिल्म शिकास्ट के सेट पर काम कर रहे थे। जब वे सेट पर पहुंचे थे, तो फिल्म के निर्देशक रमेश सहगल भी वहां मौजूद थे। सुनील दत्त से रमेश सहगल बहुत प्रभावित हुए। ऐसे में उन्हांेने एक आउटफिट में स्क्रीन टेस्ट करने के लिए कहा था जो कि शिकास्ट के मुख्य अभिनेता दिलीप कुमार की थी।
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जब सुनील दत्त ने वह कॉस्ट्यूम पहना तो सहगल साहब ने उनसे कहा कि तुम खुद क्यों नहीं अभिनेता बन जाते। जिसके जवाब में सुनील दत्त ने कहा कि अगर मुझे हीरो का रोल मिलेगा तो मैं तैयार हूं। उस समय वह थर्ड इयर में पढ़ाई कर रहे थे। रमेश सहगल के लिए अपना स्क्रीन टेस्ट पूरा करने के बाद वह स्टूडियो से वापिस घर आ गए।(सुनील और नरगिस दत्त की लव स्टोरी)
सुनील दत्त ने यूं ही स्क्रीन टेस्ट दिया था, लेकिन उनके ऑडिशन ने रमेश सहगल को प्रभावित किया था, और बाद में उन्हें 300 रुपये में अपनी पहली फिल्म की पेशकश भी की थी। हालांकि, सुनील दत्त ने अपनी मां से किए गए वादे को बरकरार रखने के लिए इसे अस्वीकार कर दिया था।(नरगिस दत्त की जिंदगी से जुड़े फैक्ट्स)
फिल्म का ऑफर मिलने से सुनील दत्त को खुशी तो बहुत हुई, लेकिन फिर भी उन्होंने इस रोल के लिए मना कर दिया। उन्होंने रमेश सहगल से कहा कि अगर आप बुरा ना माने, मुझे बीए तो पास करना ही है, चाहे कुछ भी हो जाए। क्योंकि मैं अपनी मां को वादा करके आया हूं कि मैं पढ़ने जा रहा हूं और बीए पास करूंगा।
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सुनील दत्त की बातें सुनकर रमेश सहगल बहुत खुश हुए और उन्होंने सुनील दत्त को गले से लगा लिया। साथ ही, उन्होंने सुनील दत्त से यह भी कहा कि वह उनकी पढ़ाई पूरी होने का इंतजार करेंगे। एक बार जब पह अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर लेंगे, तो वे उनकी पहली फिल्म में साथ काम करेंगे। बाद में, रमेश सहगल ने भी अपना वादा निभाया। सुनील दत्त के बीए पूरा करने के बाद, उन्होंने अपनी पहली फिल्म, रेलवे प्लेटफॉर्म पर काम करना शुरू कर दिया था, जिसका निर्देशन रमेश सहगल ने किया था।
यकीनन सुनील दत्त जी हमेशा रिश्तों में अधिक मानते थे। चाहे फिर बात मां की हो या बेटे की, वह हमेशा अपनों के लिए एक चट्टान की तरह खड़े रहे।
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