भारत में चुनाव की प्रक्रिया अपने जोरों पर है। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण की वोटिंग 19 अप्रैल को हुई थी जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया है। अगले चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को आयोजित कराई जाएगी। भारत का संविधान 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वोट डालने का अधिकार देता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस अधिकार को विशेष स्थिति में छीना भी जा सकता है। इस लेख में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वोट डालने का अधिकार किस स्थिति में छीना जा सकता है।
भारत में वोट डालने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है। वे लोग जो विदेश में रहते हैं और उन्हें भारत की नागरिकता प्राप्त है वे वोट डालने भारत आ सकते हैं। हालांकि इस अधिकार को प्राप्त करने के लिए एक विशेष नियम बनाया गया है।
अगर मतदाता लिस्ट में नाम नहीं है तो क्या करें
चुनावों में 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को वोट डालने का हक है। लेकिन इसके लिए मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में होना जरूरी है। अगर कोई भारतीय नागरिक 18 साल से अधिक उम्र का है, लेकिन उसका लिस्ट में नाम नहीं है तो वह व्यक्ति मतदान नहीं कर सकता है। मतदाता लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरना होता है। अगर आप पहली बार वोट डाल रहे हैं तो फॉर्म 6 भरकर अपने निर्वाचन एरिया के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को जमा करें।
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एक से ज्यादा बार वोट डालने पर क्या होता है?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62 (3) के अनुसार कोई व्यक्ति एक ही वर्ग के एक निर्वाचन क्षेत्र से एक से ज्यादा वोट नहीं दे सकता है। अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा वोट डालता है तो उसके सारे वोट रद्द कर दिए जाएंगे। कई बार गलती से लिस्ट में दो बार नाम आ जाता है तो आप केवल एक ही नाम पर वोट दें।
कैदियों को वोटिंग अधिकार क्या है?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) के अनुसार अगर कोई व्यक्ति जेल में बंद या पुलिस हिरासत में है तो वह चुनाव में मतदान नहीं कर सकता है। अगर कोई मानसिक रूप से विकलांग है और न्यायालय द्वारा मानसिक रूप से विकलांग घोषित कर दिया गया है तो वह व्यक्ति वोट नहीं डाल सकता है।
इन स्थितियों में छीन जाता है वोट डालने का हक
रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट, 1950 की धारा 62(2) के अंतर्गत,व्यक्ति निवार्चन क्षेत्र में वोट नहीं कर सकता है जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 के तहत अयोग्य पाया गया है। यह धारा वोट डालने वाले व्यक्ति की योग्यता को बताता है। इसके साथ ही अगर आप भ्रष्ट आचरण और अन्य अपराधों से संबंधित किसी भी कानून के प्रावधानों के तहत वोट डालने का हक छीना जा सकता है।
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