शनिवार को शनिदेव पर क्यों चढ़ाया जाता है तेल? एक्‍सपर्ट से जानिए

क्या आप जानते हैं कि शनिवार के दिन शनिदेव पर तेल क्यों चढ़ाया जाता है? पंडित सचिन शिरोमणि जी ने बताई इसके पीछे की वजह 

shani dev image

शनिदेव को न्यायप्रिय पसंद देवता माना गया है। शनिदेव मनुष्य को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। पुराणों के अनुसार, अगर कोई मनुष्य अच्छे कर्म करता है तो वह उसका जीवन खुशियों से भर देते हैं। वहीं, अगर कोई मनुष्य बुरे कर्मों में लिप्त होता है तो उसे शनि का क्रोध सहना पड़ता है। बता दें कि शनिदेव सूर्यदेव के पुत्र हैं और एक बार उनके पिता को भी उनके क्रोध का सामना करना पड़ा था। इसलिए सभी चाहते हैं कि उनके ऊपर सदैव शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहे।

अक्सर देखा जाता है कि शनिवार के दिन शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाया जाता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों किया जाता है? आइए दिल्ली के जाने-माने पंडित, एस्ट्रोलॉजी, कर्मकांड, पितृदोष और वास्तु विशेषज्ञ आचार्य सचिन शिरोमणि जी से जानते हैं कि आखिर क्यों शनिवार के दिन शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है और इसके पीछे की क्या पौराणिक कथाएं हैं?

शनिदेव और हनुमानजी के बीच हुआ था युद्ध

shani image

आचार्य सचिन शिरोमणि जी के अनुसार, रामायण काल में शनिदेव को अपनी शक्ति पर काफी घमंड हो गया था। अपनी शक्ति के नशे में चूर शनिदेव किसी भी देवता से युद्ध करने को तैयार हो जाते थे। एक बार उनके मन में पवन पुत्र हनुमानजी से युद्ध का विचार आया। उन्होंने हनुमानजी को युद्ध के लिए ललकारा लेकिन पवनपुत्र ने शनिदेव को युद्ध करने से मना कर दिया लेकिन वह बार-बार हनुमानजी को युद्ध के लिए ललकारते रहे।

इसे भी पढ़ें:शनि देव के ऐसे 5 मंदिर जहां दर्शन के लिए हमेशा होती हैं लम्बी लाइनें

हनुमानजी के बहुत समझाने के बाद भी जब शनिदेव नहीं माने तो आखिर में हनुमानजी ने उनको सबक सिखाने की ठान ली। दोनों के बीच युद्ध ज्यादा देर तक नहीं चला और बजरंगबली के प्रहार से शनिदेव घायल होकर गिर पड़े, जिसके कारण उन्हें काफी पीड़ा होने लगी। इसके बाद हनुमानजी ने शनिदेव की पीड़ा दूर करने के लिए उनके शरीर पर तेल लगाया, जिससे उनका दर्द सही हो गया। इसी कारण शनिदेव ने कहा, जो मनुष्य सच्चे मन से मुझे तेल चढ़ाएगा, मैं उसकी सभी पीड़ा हर लूंगा और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करूंगा।


रावण ने शनिदेव को बना लिया था बंदी

shanidev picture

दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, रामायणकाल में लंकापति रावण को अपनी शक्ति पर बहुत अहंकार हो गया था। रावण अपनी शक्ति से तीनों लोकों का स्वामी बनकर देवताओं को अपना दास बनाना चाहता था। एक बार रावण ने अपनी मायावी शक्तियों से सभी ग्रहों को बंदी बना लिया और कारागार में डाल दिया। शनिदेव को उसने कारागार में उल्टा लटका दिया।

इसे भी पढ़ें:Shani Dosha Nivaran: पंडित जी से जानें कैसे 'एक रोटी' दूर कर सकती हैं शनि दोष

उसी समय की बात है, हनुमानजी प्रभु श्रीराम के दूत बनकर माता सीता का पता लगाने के लिए लंका गए थे। उस समय रावण ने बजरंगबली की पूंछ में आग लगवा दी, जिसके बाद क्रोध में हनुमानजी ने पूरी लंका को आग लगा दी। लंका में आग लगने की वजह से सभी ग्रह कारागार से मुक्त हो गए लेकिन उल्टा लटका होने की वजह से शनिदेव के शरीर में असहनीय पीड़ा हो रही थी। शनि को देखकर हनुमानजी ने उनके शरीर पर तेल से मालिश की और उनकी पीड़ा को दूर किया। उस समय शनिदेव ने वरदान दिया कि जो भी मनुष्य सच्चे मन से मुझे तेल चढ़ाएगा उसके सभी कष्ट दूर होंगे और सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

अगर आप भी अपने जीवन में समस्याओं से गुजर रहे हैं तो शनिवार के दिन शनिदेव को तेल चढ़ाएं। साथ ही शनि चालीसा पढ़ें। शनिवार को हनुमान चालीसा भी जरुर पढ़ें क्योंकि शनिदेव हनुमानजी को अपना गुरू मानते थे। हनुमानजी की पूजा करने से भी शनि प्रसन्न होते हैं।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे जरूर शेयर करें। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरज़िंदगी के साथ।

Recommended Video

Photo Credit: s1.dmcdn.net, cdn.pardaphash.com
HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP