भारत में 26 जनवरी और 15 अगस्त पर देश भक्ति को दर्शाने वाला यह गाना हमें हमेशा सुनाई देता है। 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' बजने वाला गीत राष्ट्रीय पर्व के मौके पर स्कूल, ऑफिस, गली मोहल्ले और सरकारी दफ्तरों हर एक हिंदुस्तानियों के जुंबा पर रहता है। यह गीत देशभक्ति के गीतों में से एक है जिसकी धुन कान में पड़ते ही एक अलग तरंग पूरे शरीर में दौड़ पड़ती है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस गीत के रचयिता इकबाल का नाम अल्लामा कैसे पड़ा था।
आज के इस लेख में आज आपको इस गीत के रचयिता से जुड़े रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में शायद आपको ज्यादा जानकारी नहीं है।
ब्राह्मण जाति से रखते थे ताल्लुक
इकबाल का जन्म 9 नवंबर, 1877 को भारत में पंजाब के सियालकोट में हुआ था। उनका परिवार कश्मीरी हिंदू था, जिसने 17वीं शताब्दी में धर्म परिवर्तन कर इस्लाम अपना लिया था। गीत के रचयिता का पूरा नाम मोहम्मद इकबाल मसऊदी है। इकबाल खुद इन धर्मों की संस्कृतियों के बीच में खड़े दिखते हैं। इकबाल ने अपनी कविता में जिक्र किया है कि वह ब्राह्मण और सूफी इस्लाम दोनों धर्मों से ताल्लुक रखते हैं।
इसे भी पढ़ें-फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ में गाए गए गाने ‘हम देखेंगे’ का क्या है पाकिस्तानी कनेक्शन
'तराना-ए-हिंद' लिखने के बाद लिखा ये गीत
साल 1904 में इकबाल ने 'सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा' राष्ट्र गीत लिखने वाले इकबाल में एक साथ काफी बदलाव आया। जिसके बाद उन्होंने 'तराना-ए-मिल्ली मुस्लिम हैं हम,वतन है सारा जहां हमारा' लिखकर गाने लगे। इस गाने को लिखने के पीछे की वजह इकबाल की खुद की कहानी में लिखी है। साल 1899 में इकबाल लाहौर के जाने-माने गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। पढ़ाई के बाद वह वहां पर नौकरी करने लगे। साल 1905 में वह आगे की पढ़ाई के लिए वह कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज चले गए। वहां उन्हें काफी बदलाव देखने को मिला। गुलाम लाहौर में बजाय इंग्लैंड की हवा में आजादी दिखी थी।
लंदन में दे बैठे थे इकबाल अपना दिल
इकबाल को लंदन की एक भारतीय मुस्लिम महिला को दिल दे बैठे थे। लेकिन आपको बता दें कि इकबाल का निकाह हाईस्कूल करने के बाद करा दिया गया था। इकबाल जिस महिला से इश्क करते थे उसका नाम अतिया फैजी नाम था।
इस कारण से इकबाल से पड़ा अल्लामा नाम
'तराना-ए-हिंद' यानी 'सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान' हमारा लिखने वाले इकबाल काफी ज्यादा विद्वान थे। इनकी विद्वता के कारण लोग उन्हें अल्लामा कहते थे जिस कारण से इनका अल्लामा इकबाल पड़ गया।
इसे भी पढ़ें-जानें क्या है ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ गाने का पाकिस्तान कनेक्शन
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
Image Credit- Freepik, Shutterstock
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों