जीवन में नकारात्मक परिस्थितियों में उदासी का अहसास होना सामान्य है। हम सभी कभी ना कभी इस परिस्थिति से गुजरते हैं। इस तरह के भाव क्षणिक होते हैं और कुछ समय बाद परिस्थितियां सामान्य होने पर यह नकारात्मक भाव भी मन से खुद-ब-खुद ही निकल जाते हैं। लेकिन कुछ महिलाओं के साथ ऐसा भी होता है कि उनके मन में नकारात्मकता इस कदर घर कर जाती है कि उन्हें हर छोटी-छोटी बात में फ्रस्टेशन या गुस्से का अहसास होता है। इस स्थिति में दूसरे लोग उन्हें चिड़चिड़ा समझने लगते हैं, वहीं महिला को स्वयं ही समझ नहीं आता कि उनके साथ क्या हो रहा है और वह खुद को सामान्य बनाए रखने के लिए क्या करें। अगर आप भी ऐसी ही किसी स्थिति से जूझ रही हैं तो इन आसान टिप्स को अपनाकर अपनी लाइफ को वापिस ट्रैक पर लाने में मदद कर सकती हैं-
मन को रखें शांत
जब आप छोटी-छोटी चीजों पर फ्रस्टेट या गुस्सा होने लगती हैं तो सबसे पहले जो चीज आपको करनी चाहिए, वह है अपने मन को शांत रखने का प्रयास करना। दरअसल, जब आप शांत होंगी, तभी आप कुछ अन्य चीजों के बारे में सोच पाएंगी या फिर अपनी स्थिति का सही तरह से आकलन कर पाएंगी। मन को शांत रखने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है प्राणायाम। इस उपाय को मैंने स्वयं भी अपनी लाइफ में अपनाया है। जब कभी काम का बोझ या फिर मन में नकारात्मक भाव मुझे फ्रस्टेट करने लगते हैं तो मैं ओम् चैंटिंग, अनुलोम-विलोम प्राणायाम व भ्रामरी प्राणायाम जैसे प्राणायाम का अभ्यास करती हूं। यकीन मानिए, इससे मन एकदम शांत हो जाता है और चिड़चिड़ेपन की जो धूल आपके मन पर जमी होती है, वह भी साफ हो जाती है।
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देखें सकारात्मकता की ओर
अमूमन फ्रस्टेशन का कारण आपके आसपास होने वाली नकारात्मक चीजें भी होती हैं। अगर आपकी जॉब चली जाती है या फिर जिस प्रोजेक्ट को पाने की आप उम्मीद कर रही होती हैं, अगर वह प्रोजेक्ट आपको नहीं मिलता तो ऐसे में मन में एक निराशा छा जाती है। जिससे व्यक्ति फ्रस्टेट होता है। यह वही स्थिति होती है, जब खुद को संभालना बेहद जरूरी होता है। अगर आप हार का ही दुख मनाती रहेगी तो कभी भी खुद को जीत के जश्न के लिए तैयार नहीं कर पाएंगी। इस स्थिति में सबसे अच्छा उपाय यह है कि आप अपनी हार से सबक लें और खुद को बेहतर बनाएं। साथ ही यह भी सोचें कि आपके लिए कोई बड़ी सफलता इंतजार कर रही है, इसलिए आपको यह छोटी सफलता नहीं मिली। इससे मन में आशा के भाव उत्पन्न होते हैं और आप खुद को बड़ी सफलता के लिए तैयार करती हैं।
आज पर फोकस
बहुत सी महिलाएं अपने भविष्य की चिंता में इस कदर घुलने लगती हैं कि उन्हें हरदम निराशा का ही अहसास होता है और फिर वही एक फ्रस्टेशन में बदल जाता है। भविष्य की सेविंग से लेकर बच्चों की पढ़ाई, उनका करियर व शादी जैसे कई मुद्दे उन्हें परेशान करते हैं। आपको यह समझना होगा कि भविष्य में क्या होगा, इसका निर्णय पहले से नहीं किया जा सकता और इसलिए भविष्य की चिंता करना व्यर्थ है। बस आप आज पर फोकस करें। हां, आप भविष्य के लिए कुछ बचत अवश्य करें, लेकिन भविष्य को लेकर जरूरत से ज्यादा चिंतित ना हो। जब आप चिंता का दामन छोड़ देंगी तो खुशियां खुद ब खुद आपका हाथ थाम लेंगी।
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ना करें तुलना
व्यक्ति की फ्रस्टेशन का एक मुख्य कारण उसका स्वयं की दूसरों से तुलना करना भी होता है। अगर किसी के पास आपसे अधिक पैसे हैं या फिर वह आपसे अधिक खुश व सक्सेसफुल है, तो ऐसे में मन ही मन एक जलन की भावना पनपने लगती हैं। जिससे आप स्वयं में ही दोष तलाशती हैं और फिर आपके मन में निराशा, उदासी, जलन, गुस्सा, फ्रस्टेशन जैसे भाव अपनी जगह बना लेते हैं। लेकिन अगर आप इन सभी नकारात्मक भावों से बचना चाहती हैं तो खुद की तुलना दूसरों से करना छोड़ दें। अगर आप तुलना कर भी रही हैं तो यह देखें कि सामने वाला व्यक्ति ऐसा क्या करता है, जिसके कारण वह आपसे बेहतर है और फिर आप उन गुणों को अपनी लाइफ में भी उतारने का प्रयास करें। इस तरह आपकी तुलना सकारात्मक होनी चाहिए।
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