हमारे आसपास ऐसे हजारों पेड़ और पौधे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। अगर बात करें भारतीय वनस्पतियों के बारे में तो ऐसे कई दुलर्भ पौधे हैं जो सिर्फ हिमालय की जंगलों में होते हैं लेकिन, कुछ ऐसे भी पौधे हैं जो घर पर गमले में आसानी से उगाया भी जा सकता है। इन्हीं दुर्लभ पौधों में से एक पौधा है 'सिंदूर' का। शायद, आप इस पौधे का नाम पहली बार सुन रहे होंगे।
लेकिन, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये एक औषधीय प्लांट है जिसे एक नहीं बल्कि कई चीजों को बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप इस प्लांट के बारे में नहीं जानते हैं, तो आपको इस लेख को ज़रूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि, आज इस लेख में हम आपको सिंदूर के पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं और ये भी बताने जा रहे हैं कि गार्डन में इसे कैसे आसानी से उगा सकते हैं, तो आइए जानते हैं।
सिंदूर का प्लांट एक औषधीय पौधा है जिसका वानस्पतिक नाम बिक्सा ओरेलाना है। कई लोग इस पौधे को सिंदूरी, कपीला, आदि नामों से भी जानते हैं। इसके अलावा ये पौधा कमीला और लैटिन में मालोटस, फिलिपिनेसिस नाम से प्रसिद्ध है। कई लोग इसे लिपस्टिक ट्री भी कहते हैं क्योंकि, इस पौधे के फल को लिपस्टिक का रंग बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
लिपस्टिक बनाने के अलावा सिंदूर के फल को कई अन्य चीजों को बनाने में भी इस्तेमाल होता है। कहा जाता है कि इस फल से सिंदूर से लेकर बाल रंगने में, नेल पॉलिश, साबुन एवं पेंट में भी इसका उपयोग किया जाता है। लाल स्याही बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। सौंदर्य चीजों में इस्तेमाल करने के साथ-साथ इस फल के आर्क से निकले तेल को चीज, बटर, सूप, सॉस आदि बनाने में भी उपयोग किया जाता है। हालांकि, फ़ूड में इसका इस्तेमाल लेटिन अमेरिका में किया जाता है।
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अगर आपको सिंदूर का पौधा गमले में लगाना है, तो सही बीज का चुनाव करना बहुत ज़रूरी है। अगर बीज सही नहीं होगा तो आप कितना भी मेहनत कर लें पौधा सही से नहीं होगा। इसलिए सही बीज का चुनाव ज़रूर करें। सिंदूर पौधा का बीज खरीदने के लिए आप किसी बीज भंडार का रूख कर सकते हैं। बीज भंडार में अच्छे किस्म में बीज आसानी से मिल जाते हैं। इसके अलावा किसी नर्सरी में जाकर भी सिंदूर का छोड़ा पौधा गमले में लगाने के लिए ले सकते हैं।
बीज खरीदकर घर लाने के बाद समय है मिट्टी तैयार करने की। जिस मिट्टी को गमले में डालना है उसे फोड़कर एक दिन के लिए धूप में रख दें। इससे मिट्टी की नमी दूर हो जाएगी और अगर कीड़े मौजूद होने तो भाग जाएंगे। अगले दिन मिट्टी में एक से दो मग खाद डालकर अच्छे से मिक्स कर दें। खाद मिक्स करने के बाद मिट्टी को गमले में डालें। अब बीज को मिट्टी में 1-2 इंच गहरा दबाकर एक माप पानी डालकर छोड़ दें। सिंदूर का पौधा लगाने के लिए आप मिट्टी के गमले का ही चुनाव करें।
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सिंदूर के पौधे में खाद कैसा इस्तेमाल कर रहे हैं ये भी बहुत मायने रखता है। क्योंकि, केमिकल युक्त खाद पौधे के विकास को प्रभावित कर सकता है। इसलिए सिंदूर के पौधे और फल के विकास के लिए आप जैविक खाद का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा गाय, भैंस आदि जानवर के गोबर को भी खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा घर में बचे अतिरिक्त भोजन को भी खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
बीज लगाने और खाद डालने के बाद समय-समय पर पौधे में पानी डालना भी बहुत ज़रूरी है। जब बीज अंकुरित हो जाए तो पानी ज़रूर डालें। जब पौधा तीन से चार इंच बड़ा हो जाए तो सप्ताह में एक से दो बार पानी डाल सकते हैं। पौधे को छोड़े-छोटे कीड़ों से बचाने के लिए कीटनाशक स्प्रे का छिड़काव करना भी बहुत ज़रूरी है। इसके लिए केमिकल मुक्त यानि बेकिंग सोडा, नींबू का रस, सिरका आदि के इस्तेमाल से नेचुरल कीटनाशक स्प्रे बनाकर पौधे पर छिड़काव कर सकते हैं। लगभग दस से बारह महीने बाद पौधे में फल होने लगता है जिसे आप पकने तक छोड़ दें। जब फल लाल रंग का हो जाए तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
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