भारत के प्राचीन इतिहास में कई ऐसे राजा और महाराजा ऐसे रहे हैं, जिनकी प्रेम कहानियां इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं और इसमें से कई राजाओं की प्रेम कहानी की आज भी याद की जाती है। आपने यकीनन कई मुगल बादशाहों की प्रेम कहानी सुनी भी होगी या फिर पढ़ी होगी। लेकिन क्या आपको मेवाड़ के महाराजा महाराणा प्रताप और महारानी अजबदे पंवार की प्रेम कहानी पता है? अगर नहीं, तो आपको बता दें कि महाराणा प्रताप की भी एक अद्भुत कहानी है, जो न सिर्फ इतिहास के पन्नों में दर्ज है बल्कि उनकी प्रेम कहानी की मिसाल भी दी जाती है।
हालांकि, महाराणा प्रताप की और भी कई रानियां थीं लेकिन महारानी अजबदे पंवार उनकी पहली और सबसे खास रानियों में से एक थीं। तो चलिए जानते हैं महारानी अजबदे पंवार कौन थीं और उनकी शादी महाराणा प्रताप से कैसे हुई थी। लेकिन इससे पहले महाराणा प्रताप के बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
1- कौन थे महाराणा प्रताप?
महाराणा प्रताप का जन्म सन 1540 में हुआ था, उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह था लेकिन बचपन में उन्हें कीका के नाम से पुकारा जाता था।। महाराणा प्रताप राजपूत सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा थे, जो आज वीरता, शौर्य, त्याग और नर्म लहजे के लिए जाने जाते हैं। उनके पिता का नाम महाराणा उदय सिंह और माता का नाम महाराणी जयवंताबाई था। (अकबर की पहली बेगम के बारे में कितना जानते हैं आप)
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2- कौन थीं महारानी अजबदे पंवार?
इतिहास के अनुसार महारानी अजबदे पंवार महाराणा प्रताप की पहली और सबसे प्रिय पत्नी थीं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अजबदे सिसोदिया के एक परिवार में पैदा हुई थीं। उनके पिता का नाम राव माम्रक सिंह था और उनकी माता का नाम हंसा बाई था। कहा जाता है कि अजबदे बेहद कोमल हृदय और साहसी लड़की थीं, जो हमेशा से महाराणा प्रताप के प्रति वफादार रही हैं।
3- अजबदे महाराणा प्रताप की सबसे प्रमुख पत्नी थीं
इतिहास के अनुसार महाराणा प्रताप जब 17 साल के थे तब उनका विवाह अजबदे से हो गया था और अजबदे उस वक्त 15 साल की थीं। लेकिन कहा जाता है कि अजबदे और महाराणा प्रताप एक दूसरे को शादी करने से पहले ही जानते थे क्योंकि दोनों अच्छे दोस्त थे। दोनों के बीच विश्वास और सम्मान का भाव था। इसलिए महाराणा प्रताप मेवाड़ साम्राज्य से संबंधित तमाम गोपनीय सूचना अजबदे के साथ साझा कर किया करते थे। (अकबर की इन बेगमों के बारे में कितना जानते हैं आप)
4- महाराणा को अजबदे में रानी जयवंताबाई की छाया आती थी नजर
कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को अजबदे के अंदर अपनी मां की छाया दिखती थी। इसलिए जब भी महाराणा प्रताप अजबदे को देखते थे तो उन्हें अपनी मां की याद आती थी। इसलिए राजा को महारानी अजबदे के प्रति प्रेम की एक अलग ही लगाव था। बता दें कि महाराणा प्रताप और महारानी अजबदे अमर सिंह के बाद एक और संतान हुई थी, जिसका नाम भगवान दास था।
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