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Narmada River origin,

इस स्थान पर भगवान शिव विराजते हैं अपनी पुत्री नर्मदा जी के साथ, पर्व में उमड़ती है लाखों की भीड़

भारत में ऐसी कई सारी मंदिर और तीर्थ स्थल हैं, जो देवी-देवताओं के लिए प्रसिद्ध है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव अपनी पुत्री नर्मदा के साथ विराजते हैं। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-08-23, 16:15 IST

भारत में भगवान शिव के बहुत से मंदिर हैं, जिनमें से कुछ बहुत प्रसिद्ध हैं और इनका इतिहास भी बेहद रोचक है। रामायण की कथा में यह उल्लेख मिलता है कि रामेश्वर ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी। ऐसे और भी मंदिर और शिवलिंग हैं जिसकी स्थापना देवी-देवताओं ने की थी। 12 ज्योतिर्लिंग के अलावा ऐसे और भी प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं, जहां 12 महीने भक्तों की भीड़ होती है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां भगवान शिव अपनी पुत्री मां नर्मदा के साथ विराजते हैं।

ज्वालेश्वर महादेव के बारे में

Jwaleshwar Mahadev Mandir history

अमरकंटक मध्य प्रदेश में स्थित एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जहां भगवान शिव और मां नर्मदा एक साथ विराजते हैं। यहां स्थित भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग का नाम है जलेश्वर महादेव, जो प्राचीन काल से पहाड़ी के ऊपर स्थित है। जलेश्वर महादेव को ज्वालेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है। ज्वालेश्वर महादेव का मंदिर नर्मदा नदी के तट पर स्थित है, बता दें कि नर्मदा महादेव की पुत्री है। हर साल, ग्रहण, सावन, कार्तिक, माघ और मार्गशीर्ष में इस मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त नर्मदा मां और जलेश्वर महादेव के दर्शन के लिए आते हैं।

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ये है अमरकंटक की खासियत

इस अमरकंटकक्षेत्र में महेश्वर नदी और नर्मदा नदी का संगम देख सकते हैं। अमरकंटक के इस मंदिर को 17वीं शताब्दी में मराठों द्वारा जीर्णोद्धार करवाया था। यहां के गुफाओं और पहाड़ों में सालों से साधू-संत और ऋषि मुनि तपस्या कर रहे हैं।

इस मंदिर से जुड़ी ये पौराणिक कथा है प्रसिद्ध

Jwaleshwar Mahadev Mandir history ()

इस मंदिर को लेकर कथा में यह कहा गया है कि एक बार भगवान शिव ने धनुष और एक बाण से त्रिपुरा के किलेबंद शहर को नष्ट कर दिया था। जिसके बाद इसी जगह पर शिव जी ने अपनी पुत्री नर्मदा को शस्त्र सौंप दिए थे। इस कथा के अलावा यह भी कहा जाता है कि यहां पर ही शिव जी ने अपनी जटाओं से मां गंगा की रक्षा की थी।

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Image Credit:Freepik

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