हिंदू धर्म में घर में मंदिर रखने और बनवाने का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि घर में अगर मंदिर होता है तो सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इसलिए लोग घर में मंदिर के लिए वह स्थान चुनते हैं, जो सबसे पवित्र होता है। कई लोग तो अपने घर में अलग से पूजा स्थल बनवाते हैं, वहीं कुछ लोगों के घर में इतनी जगह नहीं होती है कि अलग से मंदिर के लिए स्थान बना सकें। इसलिए घर की रसोई वह स्थान होती है, जिसे मंदिर के बाद सबसे पवित्र स्थान माना गया है।
रसोई से सेहत, स्वाद और सौंदर्य तीनों ही प्राप्त किए जा सकते हैं। ऐसे में रसोई में यदि आप मंदिर बनवा रही हैं या रख रही हैं, तो आपको वास्तु के कुछ नियमों का जरूर ध्यान रखना चाहिए। इस विषय में हमारी बात वास्तु एक्सपर्ट डॉक्टर शेफाली गर्ग से हुई है।
रसोई में रखे मंदिर का रंग
रसोई में मंदिर बनवा रही हैं या रख रही हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि उसका रंग लाल होना चाहिए। लाल रंग को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र रंग माना गया है। यह अग्नि तत्व का रंग है, इसलिए रसोई का रंग भी लाल हो तो वास्तु के हिसाब से उसे अच्छा माना जाता है। वहीं रसोई में मंदिर हो तो उसका रंग भी लाल रखें। यदि आप लाल रंग नहीं रखना चाहती हैं, तो सफेद, सिल्वर, पीला और भूरा रंग भी शुभ रहता है।
रसोई में मंदिर की दिशा
अगर रसोई में मंदिर बनवा रही हैं, तो आपको उसकी दिशा हमेशा उत्तर-पूर्व रखनी चाहिए। इस दिशा में शुभ प्रभाव होता है और इससे अच्छी एवं सकारात्मक ऊर्जा भी प्राप्त होती है। वास्तु के अनुसार इस दिशा में मंदिर बनवाने से शुभ और लाभ की प्राप्ति होती है।
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रसोई में बने मंदिर में कौन से भगवान रखें
रसोई घर में बने मंदिर में कभी भी शिव जी की तस्वीर या शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। दरअसल, शिव जी का भोजन जैसा है वैसा आम लोग नहीं कर सकते हैं। ऐसे में आपको भगवान श्रीकृष्ण, अन्नपूर्णा देवी, हनुमान जी और श्री गणेश जी की प्रतिमा रखनी चाहिए। आप किचन के मंदिर में देवी लक्ष्मी की बैठी हुई तस्वीर में रख सकती हैं।
रसोई में है मंदिर तो रखें इन बातों का ध्यान
- सबसे ज्यादा जरूरी है साफ-सफाई। रसोई में मंदिर है तो आपको झूठे बर्तनों को सिंक में नहीं रखना चाहिए।
- कभी भी जूते चप्पल पहन कर आप किचन के अंदर प्रवेश न करें।
- जो भी रसोई में भोजन पके उसका भोग सबसे पहले भगवान को लगाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपको रसोई में सात्विक भोजन ही पकाना होगा।
- भगवान का मंदिर जिस दिशा में हो उसकी अपोजिट दिशा में आपको चूल्हा नहीं रखना चाहिए, ताकि आप भगवान की ओर पीठ करके भोजन न पकाएं।
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