रेप पर चुटकुले या किसी भी तरह की टिप्पणी करने वालों की क्या मानसिकता हो सकती है? क्या उनमें शर्म, संवेदना या बुनियादी इंसानियत का अभाव है कि वो उत्पीड़न, अपमान और मानसिक क्षति के घिनौने एक्ट को मजाक का रूप दे सकते हैं। कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधानसभा के दौरान एक घिनौनी टिप्पणी की और कहा, ‘जब रेप टल नहीं सकता, तो लेट जाओ और इसका आनंद लो।’
भारत की महिला आज पूछती है आपसे कि क्या आप अपनी मां, बहन और बेटी को भी यही सलाह दोगे? और देश के विकृत मानसिकता वाले पुरुषों को आपके यह उच्च वाक्य क्या संदेश दे रहे हैं?
रमेश कुमार के बयान पर अलका लांबा की ये थी प्रतिक्रिया
इस पर राजनेता अलका लांबा ने इस रिमार्क की निंदा करते हुए कहा- ‘दुख है कि यह पहले भी हुआ है। अब भी हुआ और आगे नहीं होगा इसकी गारंटी कोई नहीं दे पा रहा है हमें। मैं आपको ऐसे बहुत से बयान याद दिला सकती हूं जो कहे गए हैं। अगर उन पर कभी कार्रवाई होती, तो इनकी कभी हिम्मत नहीं होती कि यह ऐसी टिप्पणी कर सकें। मैं सिर्फ एक ही सवाल इन विधायक और स्पीकर जो हंस रहे थे, उनसे पूछती हूं कि क्या घर में जाकर अपनी बेटियों को यह शब्द जो संवैधानिक पद पर बैठकर आपने कहा, कह सकते हैं? सिर्फ एमएलए को ही नहीं उन्होंने इस स्टेटमेंट पर हंसते उन सभी लोगों की निंदा करते हुए कहा- 'मुझे तो महाभारत का चीरहरण याद आ रहा है, जहां जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था, तो सभा में बैठे लोग हंस रहे थे और मैं मानती हूं कि वो सब भी जिम्मेदार है।'
दिल्ली से बीजेपी स्पोक्सपर्सन कपूर ने की कड़ी निंदा
दिल्ली से बीजेपी की स्पोक्सपर्सन अनुजा कपूर ने साफ और सीधे शब्दों में कांग्रेस विधायक रमेश कुमार की बातों को शर्मनाक बताया और कहा, 'यह एक महिला के सम्मान पर किया गया भद्दा और उसके फंडामेंटल राइट को चोट पहुंचाने वाला मजाक है। ऐसी टिप्पणियां एक औरत को धात पहुंचाती हैं और उसके आत्म सम्मान को चोट पहुंचाती हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आप यह बात कितने हल्के में मजाक की तरह बोल गए और यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की बात कही है।'
उन्होंने आगे कहा, 'इस तरह के लोगों का आईपीसी में सेक्शन्स हैं, जहां पर इन लोगों को बंद कर देना चाहिए और साथ ही इन्हें इनकी पोजीशन से हटा देना चाहिए। इनका कोई हक ही नहीं बनता है। 6 बार एमएलए होने के बाद भी ऐसी घटिया सोच लेकर ये बात करते हैं तो ये महिला सशक्तिकरण की बात कैसे और कहां करेंगे अपनी सरकार में? तृणमूल जो इस तरीके की बातें करती है, उससे पता चलता है कि ये रेप विक्टिम को हीन भावना से देखते हैं और उसकी पीड़ा को इस तरह उजागर कर देते हैं, जो शर्मनाक है। सरकार कोई भी हो लेकिन जो महिला के लिए इस तरह की टिप्पणी करे, वो गलत है। ऐसे लोगों को निकाल देना चाहिए।'
मानवाधिकार कार्यकर्ता अंजलि गोपालन ने कहा शर्मनाक
मानवाधिकार कार्यकर्ता, अंजलि गोपालन का कहना है, ‘ऐसी टिप्पणी करने की उनकी हिम्मत कैसी हुई? ये कैसे घटिया लीडर हैं और इनकी सोच भी एकदम घटिया है। यह आदमी अपनी मां, बेटी और बहन के लिए भी ऐसा कहता है? अगर इनकी सोच ऐसी है, तो मुझे लगता है कि इन्हें खुद को रेपिस्ट कहने पर भी आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इनसे कोई पूछे कि इन्हें कैसा लगेगा?’
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ एडवोकेट कमेलश जैन ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ एडवोकेट, कमलेश जैन ने इस बयान की निंदा करते हुए कहा, 'यह ऐसे लोगों की यौन विकृत मानसिकता को दर्शाता है। यह बेहद शर्मनाक बात है। रेप एक ऐसी घटना है जो किसी भी महिला को अंदर से तोड़ कर रख देती है। ऐसे में इस तरह की टिप्पणी करना बेहद गलत है। रेप जैसे गुनाह के लिए ही नहीं बल्कि ऐसी सोच रखने वालों को भी सजा मिलनी चाहिए।'
ऐसी थी अन्य लोगों की प्रतिक्रियाएं
रमेश कुमार के इस बयान पर अन्य लोगों ने भी कू थू-थू। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया सिंह पटेल ने कहा, 'मुझे आश्चर्य है कि राज्य के सदन में ऐसे लोग बैठे हैं जिन्हें महिला के प्रति न आदर और न सम्मान है। जिन लोगों ने इन्हें चुनकर वहां भेजा उन्हें एक बार सोचना चाहिए। इनकी पार्टी को ऐसे विधायक पर सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।'
अभिनेत्री और सपा सांसद जया बच्चन ने रमेश कुमार के बयान को शर्मनाक कहा, 'शर्मनाक हरकत, शर्मनाक हरकत। पार्टी को उनसे निपटना चाहिए और बहुत सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह दूसरों के लिए एक उदाहरण हो कि वे इस तरह की बातें न सोचें। अगर ऐसी मानसिकता वाले लोग विधानसभा या संसद में बैठे हैं, तो चीजें कैसे बदल सकती हैं? हमें उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देकर एक मिसाल कायम करनी होगी ताकि कोई कभी इस तरह बोलने की हिम्मत न करे। यह घृणित है, मैं स्तब्ध हूं।'
एनसीडब्ल्यू चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने रमेश कुमार की इस टिप्पणी पर ट्वीट कर इसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘यह बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे पास अभी भी ऐसे जनप्रतिनिधि हैं जो महिलाओं के प्रति दयनीय हैं और महिलाओं के प्रति भयानक मानसिकता रखते हैं। यह वास्तव में घृणित है। अगर वे सभाओं में बैठते हैं और इस तरह बोलते हैं तो वे अपने जीवन में महिलाओं के साथ कैसा व्यवहार कर रहे होंगे?’
It is extremely sad and unfortunate that we still have public representative who are misogynists and have horrible mindset towards women. https://t.co/e316ZMcGBl
— Rekha Sharma (@sharmarekha) December 17, 2021
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की। स्वाति ने एक ट्वीट कर लिखा, ‘कर्नाटक के MLA ने हंसते हुए कहा की जब रेप हो रहा हो, तो लेट के मज़े लेने चाहिए! ऐसी घटिया और रेपिस्ट सोच वाले आदमी को कोई हक़ नही बनता की वो विधान सभा में बैठे। मेरी अपील है कर्नाटक सरकार से इस आदमी पे FIR दर्ज कर अरेस्ट करो, विधान सभा से बर्खास्त करो & इसकी VIP सिक्यूरिटी छीनो!’
कर्नाटक के MLA ने हंसते हुए कहा की जब रेप हो रहा हो, तो लेट के मज़े लेने चाहिए! ऐसी घटिया और रेपिस्ट सोच वाले आदमी को कोई हक़ नही बनता की वो विधान सभा में बैठे। मेरी अपील है कर्नाटक सरकार से इस आदमी पे FIR दर्ज कर अरेस्ट करो, विधान सभा से बर्खास्त करो & इसकी VIP सिक्यूरिटी छीनो!
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 17, 2021
पीपल अगेंस्ट रेप इन इंडिया (PARI) की प्रमुख योगिता भयाना ने रमेश कुमार को बेशर्म बताते हुए कहा कि यह टिप्पणी ऐसे दिन आई है, जब देश दिल्ली गैंगरेप की घटना को नौ साल से देख रहा है।
उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो क्लिप साझा करते हुए कहा, ‘कर्नाटक विधानसभा का यह वीडियो कल का है जब देश निर्भया कांड के नौ साल देख रहा था। अपनी महिलाओं की रक्षा के लिए, हम उन्हें वोट देते हैं और यह बेशर्म रेप को एन्जॉयमेंट कह रहे हैं।’
शर्म की बात है,,
— Yogita Bhayana योगिता भयाना (@yogitabhayana) December 17, 2021
और बेशर्म खिखिया के हंस रहे हैं...
कर्नाटक विधानसभा का यह विडियो कल का है जब देश #निर्भया के 9 वर्ष पूरे होने का दुख मना रहा था।
अपनी औरतों को सुरक्षित करने के लिए हम इन्हें वोट देते हो,,सुने...
ये बेशर्म #Rape को एंजॉयमेंट कहते हैं…. pic.twitter.com/7Tlww9wzb9
साल 2012 शहर था दिल्ली, जहां एक लड़की के साथ दरिंदगी ने सभी के दिलों को दहला कर रख दिया था। इस मामले को लेकर इधर से उधर पटका-पटकी हुई। पार्लियामेंट में कभी एक सरकार, तो कभी दूसरी सरकार बस चिल्लाती रही। महिलाओं ने सुरक्षा की गुहार लगाई, लेकिन हमें मिला इंतजार। और यह देश में घटने वाली पहली घटना नहीं थी। इससे पहले भी और इसके बाद भी हमने दुष्कर्म के कई मामले देखे। मगर उनसे क्या सीखा?
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देश का प्रतिनिधित्व करने वाले, जिनके हाथों में देश की कमान हम महिलाएं उनसे क्या अपेक्षा करेंगी, जो 'रेप' जैसे गुनाह पर हंसते-खेलते, बिना सोचे-समझे टिप्पणी कर जाते हैं।
कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधानसभा में जो कहा वो खून खौला देने वाला था। एक ऐसे मुद्दे पर, एक ऐसी समस्या पर टिप्पणी करना, जिसके बारे में सुनकर रूह कांपने लगे, उन्हें या किसी को भी कितनी शोभा देता है? यह रमेश कुमार जैसे संकुचित मानसिकता के रोगियों के दिमाग की सड़न ही है, जो असेंबली में बिना दो बार सोचे यह कहता है, ‘जब रेप टल नहीं सकता, तो लेट जाओ और इसका आनंद लो। बड़े ही आश्चर्य और शर्म की बात है कि जहां लड़कियां आज भी सुरक्षित नहीं हैं, जहां आज भी ऐसे गुनाह पर सख्त नियम बनने बाकी हैं, जहां हर शहर में लड़कियों के साथ दुष्कर्म के मामले बढ़ते जा रहे हैं, उस देश का खून अब तक क्यों नहीं खौला?
यह पहली बार नहीं है जब रमेश कुमार ने अपनी भद्दी मानसिकता को दिखाया है। इससे पहले भी वह कई बार इस इतने सेंसिटिव मुद्दे को हवा में यूं ही कहते दिखे हैं। इससे पहले भी फरवरी 2019 में जब वह स्पीकर थे तब उन्होंने अपनी तुलना एक रेप सर्वाइवर से की थी। और सिर्फ इनकी बात हम क्या करें? इन जैसे लोगों से भरी पड़ी है दुनिया। रमेश कुमार जैसे अन्य कई संकीर्ण सोच वाले नेताओं की हमारे देश में कभी कमी नहीं रही।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की रिपोर्ट पर गौर करें, तो भारत में 2020 में प्रतिदिन औसतन 77 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। अब आप ही बताइए ये कैसे लोग हैं, जो बड़ी ही वीरता से अपनी मंदबुद्धि का प्रमाण इस तरह के भद्दे और औछी टिप्पणियों से करते हैं।
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पहले भी आ चुके हैं ऐसे बयान
आपको याद होगा साल 2014 में जब एक पत्रकार के गैंगरेप मामले में तीन पुरुषों को गिरफ़्तार किया गया था, तब एक सपा के नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा था, 'लड़कों से गलतियां हो जाती हैं, उन्हें इसके लिए फांसी की सजा नहीं होनी चाहिए।' उन्होंने तो लड़कियों को इसका जिम्मेदार ठहरा दिया था। इस टिप्पणी पर आप क्या कहेंगे?
पॉलिटिशियन ही नहीं, अभिनेता सलमान खान ने भी साल 2016 में अपनी फिल्म 'सुल्तान' के बारे में बात करते हुए कहा था कि वह इस फिल्म की शूटिंग के दौरान इतना थक जाते थे कि उन्हें रेप पीड़िता जैसा महसूस होता था। साल 2014 में त्रिणमूल कांग्रेस एमपी तमस पाल भी अपोजिशन की महिलाओं को रेप की धमकी दे चुके हैं। उन्होंने खुले आम यह स्टेटमेंट दी थी कि अगर उनके लोगों को किसी ने छेड़ा तो वह अपने लड़कों अपोजिश पार्टी के लोगों के घर रेप करने के लिए भेजेंगे।
एक घिनौने अपराध पर किसी के भी ऐसे शब्द यह दर्शाते हैं कि वह महिलाओं की कितनी इज्जत करता है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे नेता इतनी सहजता से इतनी शर्मनाक बात बोल जाते हैं।
हालांकि अपने स्टेटमेंट के बाद रमेश कुमार ने माफी भी मांगी, लेकिन क्या वह दिल से थी? और क्या यह तय है कि एमएलए की जुबान ऐसे मुद्दों पर फिर नहीं फिसलेगी। यह माफी उन्हें हर महिला से मांगनी चाहिए। ऐसे मामले पर एक ऐसे व्यक्ति की तुच्छ टिप्पणी जो बड़े औहदे पर बैठा है, हमें यह सोचने के लिए मजबूर करता है कि क्या हमें ऐसे लोगों को अपनी देश की कमान संभालने की जिम्मेदारी देनी चाहिए?
ऐसे बयान सुन कोई भी तिलमिला उठेगा। विधायक महोदय की इस हरकत पर आपके क्या विचार हैं, हमें फेसबुक पर कमेंट कर जरूर बताएं। ऐसे ही खबरों और मुद्दों के बारे में जानने के लिए पढ़ते रहें हरजिंदगी।
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