herzindagi
Jamia ground report protest on caa

Jamia Protest: वो महिलाएं जो बन गईं इस आंदोलन की एक नई पहचान

जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रोटेस्ट का चेहरा दो महिलाएं बन गई हैं। उनके साथ ही इस साल दुनिया की अलग-अलग प्रोटेस्ट में शामिल हुई महिलाओं को भी जान लीजिए। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2019-12-17, 10:13 IST

2019 साल असल में प्रोटेस्ट का साल रहा है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में किसी न किसी बात को लेकर अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए महिलाएं सामने आई हैं। हाल फिलहाल की बात करें तो जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी दोनों ही जगह से नए सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (CAA 2019) को लेकर प्रोटेस्ट शुरू हो गया है और अब ये पूरे देश में फैल रहा है। इस प्रोटेस्ट को लेकर दिल्ली से लेकर दक्षिण तक और पश्चिम बंगाल , असम जैसे राज्य भी विरोध कर रहे हैं और इस विरोध प्रदर्शन में बच्चे, बूढ़े, महिलाएं सब उतर आए हैं।   

जामिया की ही तरह पूरी दुनिया में 2019 में अपने हक की लड़ाई को दिखाती कई महिलाएं सामने आई हैं। भले ही पर्यावरण को लेकर लड़ाई हो, या फिर शिक्षा को लेकर या फिर किसी और मामले में , 2019 महिलाओं का साल रहा। सबसे पहले बात करते हैं जामिया की। 

इसे जरूर पढ़ें- Personal Tips: दिल्ली में रहते और अकेले सफर करते हुए, अपनी सुरक्षा के लिए मैं अपनाती हूं ये 5 चीजें 

1.  वो महिलाएं जो बन गईं जामिया आंदोलन का चेहरा- 

सबसे पहले महिला सशक्तिकरण की मिसाल दिखाने वाली और दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया की लड़ाई में कूदने वाली महिलाएं सामने आईं। नॉर्थ ईस्ट से लेकर दिल्ली तक हर जगह ये विरोध हुए। जामिया मिलिया इस्लामिया में दिल्ली पुलिस लाठीचार्ज के समय जिस तरह से दो महिलाओं ने आगे आकर अपने साथी को बचाया वो जामिया के प्रोटेस्ट का चेहरा बन गया। पुलिस ने आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया और दिल्ली पुलिस पर ये आरोप है कि छात्रों पर गोलियां भी चालाई गईं।

AMU protest highlights

सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो वायरल हो गई। एक तस्वीर में तीन लड़कियां ऊपर चढ़कर नारेबाज़ी करती दिखीं। दूसरी तरफ जामिया का ही एक वीडियो था जिसमें एक लड़की अपने साथी को बचाने की कोशिश कर रही थी। पुलिस हॉस्टल में घुसकर लाठीचार्ज कर रही थी। इस लड़की को शील्ड गर्ल के नाम से जाना जाने लगा।  ये सब कुछ सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल के कारण हो रहा है। 

सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल-  

बिल के मुताबिक अल्पसंख्क, हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी, ईसाई जो अफगानिस्तान, बंगलादेश और पाकिस्तान के 2015 के पहले आए हैं उन्हें फास्ट ट्रैक सिटिजनशिप दी जाएगी। मुसलमानों को भारत की सिटिजनशिप नहीं दी जाएगी। क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार वो भारत के पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक नहीं हैं। जो लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं उनका कहना है कि ये नया बिल सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को अलग करने की कोशिश कर रहा है और ये एक सेक्युलर देश के लिए अच्छा नहीं है।  

लोग पूरे देश में इसका विरोध कर रहे हैं और एकता और समानअधिकारों की बात कर रहे हैं। यही कारण है कि जामिया में इस तरह का प्रोटेस्ट चल रहा है।  

इसी प्रोटेस्ट में जामिया स्टूडेंट की तस्वीर भी सामने आई है जो अपने साथी को बचाने के लिए पुलिस के सामने डटकर खड़ी हो गई है। ये लड़की है आयशा रैना जो लोगों का दिल जीत रही है और इतना ही नहीं सभी को अपनी आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित कर रही है।  

इसकी जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि पुलिस ने छात्रों के प्रदर्शन पर आंसू गैस से हमला किया था और कुछ छात्र घायल हो गए थे। आयशा के अनुसार वो लोग घर में घुसे थे ताकि अपने घायल छात्रों को पुलिस से बचा सकें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और पुलिस पीछे से आ गई। आयशा के अनुसार वो लोग तो सामने भी नहीं थे। आखिर में प्रोटेस्ट कर रहे थे और तभी उन्होंने सामने से आए छात्रों को वापस भागते हुए देखा क्योंकि पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ दिए थे। 

हमने पहले पेड़ के पीछे छुपने की कोशिश की, लेकिन तब तक लाडिडा जो अस्थमा की मरीज है उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी तभी वो पास के एक घर पर गए जहां उन्हें लगा कि पुलिस उनका पीछा नहीं करेगी। आयशा ने इसी दौरान अपनी हिम्मत की मिसाल दी। 

सच कहा जाए तो महिलाओं में वो हिम्मत होती है कि वो इतिहास बदल दें और भले ही वो किसी भी चीज़ के लिए अपनी जिद पर अड़ी हों। चलिए ऐसी ही कुछ और महिलाओं की बात करते हैं।  

2. अलाह सलाह, सुडान 

दिसंबर का प्रोटेस्ट तो आपने देख लिया अब एक बार अप्रैल का प्रोटेस्ट भी देख लेते हैं। कट्टर सुडान में एक महिला वहां के आंदोलन का चेहरा बन गई। सुडान के डिक्टेटर ओमार अल बशहीर का तख्तापलट करने के लिए विरोध प्रदर्शन चल रहा था जहां 22 साल की आर्किटेक्चर स्टूडेंट अलाह सलाह ने अपनी आवाज़ उठाई। उन्हें इस आंदोलन का चेहरा माना गया और दुनिया की प्रभावशाली विद्रोह करने वाली महिलाओं में वो शामिल हो गईं। उनकी फोटो बहुत ज्यादा शेयर की गई और कई युवा महिलाओं ने उनका साथ दिया। ये वो चेहरा था जो आगे बढ़ा। 

Citizenship Amendment Bill  protest

इसे जरूर पढ़ें- HZ Exclusive: महिला सुरक्षा के बारे में श्वेता तिवारी ने बोली बड़ी बात, 'पुलिस और कानून कभी नहीं बदलने वाला'

 

3. ओल्गा मिसिक, रशिया

कुछ ऐसा ही हुआ ओल्गा मिसिक के साथ, 17 साल की ओल्गा जुलाई में वायरल हुई थीं जो पुलिस के सामने सड़क पर बैठकर रशिया का संविधान पढ़ रही थीं। वो रशिया में फ्री इलेक्शन की मांग कर रही थीं और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ प्रोटेस्ट कर रही थीं। 

Citizenship Amendment Bill

 

4. लाम का लो, हॉन्ग कॉन्ग

जब हॉन्ग कॉन्ग के कई हिस्सों में चीन के विवादित बिल को लेकर प्रोटेस्ट शुरू हुआ तो 26 साल की एक लड़की का फोटो वायरल हुआ जो शांति से मेडिटेशन के पोज़ में बैठी हुई थी। ये हॉन्ग कॉन्ग के बेहतरीन कल्चर को दिखाने वाली तस्वीर बन गई और लाम असल में इस विरोध प्रदर्शन का नया रूप दिखाने वाली महिला बन गईं। 

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।