इन दिनों भारत में मुगलों और मस्जिदों को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गर्म है।कई जगहों पर इसे लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है। उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद हाल ही में सुर्खियों में रही, जहां कोर्ट के आदेश के बाद पुनर्निर्माण और रंगाई-पुताई का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं, जब भी जामा मस्जिद का नाम लिया जाता है तो सबसे पहले दिल्ली की जामा मस्जिद याद आती है, जिसे शाहजहां ने 71वीं शताब्दी में बनवाया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि केवल दिल्ली और संभल ही नहीं, बल्कि भारत के कई अन्य हिस्सों में जामा मस्जिदें स्थित हैं, जो ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से बेहदमहत्वपूर्ण मानी जाती हैं।
आज हम इस आर्टिकल में जामा मस्जिद के नाम और इसकी खासियत के बारे में जानेंगे। साथ ही, अन्य मस्जिदों से उनकी अलग पहचान को समझने की कोशिश करेंगे।
जामा मस्जिद नाम का अर्थ और महत्व
जामा मस्जिद नाम दो अलग भाषाओं से मिलकर बना है, अरबी और फारसी। अरबी में जामा का मतलब शुक्रवार होता है, जो इस्लाम का सबसे पवित्र दिन माना जाता है। इस दिन मुसलमान विशेष रूप से जुमा की नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं। वहीं, मस्जिद का मतलब होता है इबादत का स्थान, यानी जहां लोग अल्लाह की पूजा करते हैं। जब इन दोनों शब्दों को मिलाया जाता है, तो जामा मस्जिद बनता है। जामा मस्जिद का अर्थ है कि शुक्रवार की विशेष नमाज के लिए बनाई गई मस्जिद।
आपको बता दें कि इस नाम की मस्जिदें आमतौर पर बड़े शहरों में बनाई जाती हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग यहां एक साथ इकट्ठा होकर इबादत कर सकें। इन मस्जिदों की विशेषता यह भी होती है कि वे केवल एक आम मस्जिद नहीं, बल्कि पूरे इलाके के मुसलमानों के लिए सामूहिक प्रार्थना का मुख्य केंद्र होती हैं।
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जामा मस्जिदों की विशेषता
जामा मस्जिदों का निर्माण विशेष तौर पर धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक कारणों से किया गया था।
धार्मिक उद्देश्य
जामा मस्जिद एक ऐसी जगह थी, जहां पर हर शुक्रवार को सामूहिक रूप से जुमा की नवाज अदा की जाती थी। इससे इस्लामी परंपराओं और संस्कृति को संरक्षित रखने में मदद मिलती थी।
सामुदायिक एकता
जामा मस्जिदें शहरों के बीचोंबीच बनाई जाती थीं, ताकि बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर एक साथ इबादत कर सकें। इससे सामुदायिक भावना और भाईचारे को बढ़ावा मिलता था।
वास्तुकला
मुगल शासकों ने सुंदर और भव्य जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। आमतौर पर जामा मस्जिदों का निर्माण बेहतरीन संगमरमर, लाल पत्थर और नक्काशीदार स्तंभों से हुआ था।
शाही फरमानों का केंद्र
मुगल काल में, जामा मस्जिद केवल नमाज की जगह नहीं होती थी, बल्कि यहां से शाही फरमानों की घोषणा भी की जाती थी।
दिल्ली की प्रसिद्ध जामा मस्जिद
दिल्ली की जामा मस्जिद भारत की सबसे प्रसिद्ध और विशाल मस्जिदों में से एक है। इसे 17वीं शताब्दी में मुगल शासक शाहजहां ने बनवाया था और इसका निर्माण 1656 में पूरा हुआ था। यह मस्जिद धार्मिक स्थल के अलावा भारतीय इस्लामी वास्तुकला का प्रतीक भी है। मस्जिद का विशाल परिसर एक साथ 25,000 से अधिक श्रद्धालुओं को समेट सकता है। लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बनी इस मस्जिद की तीन विशाल गुंबदें, दो ऊंची मीनारें और सुंदर नक्काशीदार मेहराबें इसे अद्वितीय बनाती हैं।
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जामा मस्जिद, अहमदाबाद
1426 में सुल्तान अहमद शाह ने गुजरात के अहमदाबाद शहर में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। यह मस्जिद की विशेषता इसके पीले बलुआ पत्थर से बने खंभे, जटिल नक्काशी और विशाल प्रार्थना कक्ष हैं। इस मस्जिद में आपको इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की झलक साफ दिखाई देगी।
जामा मस्जिद, लखनऊ
19वीं शताब्दी में सुल्तान अली शाह के शासनकाल में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। यह मस्जिद लखौरी ईंटों से बनी है और यह इस्लामी सुलेख और अवधी वास्तुकला को दर्शाती है।
जामा मस्जिद, मुंबई
18वीं शताब्दी में मुंबई में इस ऐतिहासिक मस्जिद का निर्माण हुआ था। यह मस्जिद काले और सफेद संगमरमर से बनी हुई है। यह मस्जिद दक्षिण मुंबई के व्यस्त बाजारों के बीच स्थित है।
जामा मस्जिद, आगरा
1648 में शाहजहां की बेटी जहांआरा बेगम ने आगरा में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया था। यह मस्जिद आगरा किले के पास स्थित है। इस मस्जिद की वास्तुकला में फारसी शैली के गुंबद और खूबसूरत टाइल वर्क शामिल है।
जामा मस्जिद, भोपाल
19वीं शताब्दी में सुल्तान शाहजहां बेगम द्वारा भोपाल में जामा मस्जिद का निर्माण करवाया गया था। यह मस्जिद सफेद संगमरमर, सुनहरी मीनारों और जटिल नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
विदेशों में स्थित जामा मस्जिदें
जामा मस्जिद केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि कई अन्य देशों में भी इस नाम की मस्जिदें मौजूद हैं।
जामा मस्जिद, ढाका (बांग्लादेश)
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक जामा मस्जिद बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित है। यहां पर हर शुक्रवार को लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं और नमाज अदा करते हैं।
जामा मस्जिद, नैरोबी (केन्या)
20वीं शताब्दी की शुरुआत में केन्या की राजधानी नैरोबी में जामा मस्जिद को बनवाया गया था। यह पूर्वी अफ्रीका के सबसे प्रतिष्ठित इस्लामी पूजा स्थलों में से एक है।
जामा मस्जिद, काबुल (अफगानिस्तान)
जामा मस्जिद अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भी स्थित है, जो अपनी शानदार वास्तुकला और भव्य प्रार्थना हॉल के लिए प्रसिद्ध है।
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Image Credit - herzindagi, freepik, jagran
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