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jhumka gira re song

जानें आखिर क्या है बरेली में झुमका गिरने की असली कहानी

अगर आपने झुमका गिरा रे गीत सुना है तो आपको इस गाने के पीछे छिपी कहानी के बारे में जरूर जानना चाहिए।
Editorial
Updated:- 2022-12-14, 14:25 IST

आए दिन नए से नए मूवी और गाने रिलीज होते रहते हैं। वहीं भारत के कई शहर ऐसे हैं जो अपने यहां पर मिलने वाली प्रसिद्ध चीजों के लिए जाने जाते हैं। जिसका प्रभाव हमें सालों से बॉलीवुड के गानों में देखने को मिल रहा है, चाहें वो मेरठ की रेवड़ी हो, या प्रतापगढ़ का आवला। चाहे वो बनारस का पान हो या फिर फतेहाबाद के लजीज गुलाबजामुन। इन शहरों का नाम सुनते ही हमें यहां की प्रसिद्ध चीजें भी याद आ जाती हैं। बिल्कुल ऐसे ही हमें बरेली नाम सुनकर झुमका याद आता है। सालों से महिलाओं का सबसे अजीज श्रृंगार झुमका बरेली की पहचान है। यह शहर अपने झुमके लिए इतना प्रसिद्ध है कि साल 2019 में यहां पर स्थित एक चौराहे का नाम बदलकर झुमका चौराहा कर दिया गया।

आपको बता दें कि इस शहर में कभी भी डिजाइनर झुमके नहीं मिला करते थे, बल्कि असल में यह शहर अपने सूरमा के लिए जाना जाता था। तो सोचिए कि आखिर फिल्म ‘मेरा साया’ में गाया हुआ गाना बरेली के झुमके का जिक्र क्यों करता है। आइए जानते हैं बरेली में गिरे झुमके और इसपर बने गाने के पीछे छिपी दिलचस्प कहानी के बारे में।

क्या है इस गाने का हरिवंश राय बच्चन कनेक्शन-

jhumka gira re song story

'झुमका गिरा रे' गीत को गीतकार राजा मेंहदी अली खान ने लिखा था और यह कहानी भी उन्हीं से शुरू होती है। राज मेंहदी साहब और अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंश राय बच्चन और माता तेजी बच्चन आपस में दोस्त थे। राज मेंहदी साहब अपने काम के सिलसिले में अक्सर बरेली आया जाया करते थे। उस वक्त भारत और पाकिस्तान अलग-अलग देश नहीं थे, उस समय में एक प्रेम कहानी बहुत प्रसिद्ध हुई, वो कहानी थी लाहौर के सरदार खजान सिंह की बेटी तेजी सूरी और जाने माने कवि हरिवंश राय बच्चन की प्रेम कहानी। इस खूबसूरत प्रेम कहानी को जन्म देने वाला शहर था बरेली।

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तेजी और हरिवंश राय की पहली मुलाकात का किस्सा-

love story of harivansh rai bachhan and teji bacchan

आपको बता दें कि इस कहानी की शुरुआत करीब आज से 80 साल पहले हुई थी। यह वहीं समय था जब हरिवंश राय बच्चन देश भर में अपनी कलम से जादू बिखेर चुके थे, वहीं उन्हें लगभग हर व्यक्ति जानने लगा था। कुछ समय पहले ही कवि हरिवंश राय बच्चन अपनी पहली पत्नी और पिता को भी खो चुके थे, जिस कारण उस समय वो पूरी तरह से टूट गए थे। 1941 में साल का आखिरी दिन था कवि हरिवंश अपनी दोस्त प्रो. ज्योति प्रकाश के घर पहुंचे थे, वहां पर उनके अलावा एक और मेहमान भी पहुंची हुईं थी जिनका नाम था तेजी सूरी। यह तेजी और हरिवंश जी की पहली मुलाकात थी।

तेजी की हो चुकी थी सगाई-

उस समय जब हरिवंश राय बच्चन तेजी सूरी से मिले थे, तब तेजी की सगाई विदेश के किसी बड़े आदमी के साथ हो गई थी, लेकिन मन ही मन तेजी उस आदमी से शादी नहीं करना चाहती थीं। यह वही समय था जब दोनों ही लोगों के दिल टूटे हुए थे। ऐसे में तेजी की प्रोफेसर प्रेमा जौहरी और उनके पति प्रेम प्रकाश जौहरी ने दोनों को मिलाने का काम किया।

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इस तरह किया प्रेम का इजहार-

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नए साल की शुरुआत थी, उस समय के नामी वकील राम जी शरण सक्सेना के घर पर पार्टी रखी गई थी। इस मौके पर हरिवंश राय बच्चन और तेजी आसपास ही बैठे हुए थे। रात में जब सभी समारोह से लौटे तो प्रेम प्रकाश जी ने हरिवंश राय बच्चन से कविता सुनाने को कहा। उनकी कविता सुनकर तेजी की आंखों से आंसू बह गए यह देखकर कवि हरिवंश राय से भी आंसुओं को रोका न गया। यह देख कर प्रेमा और प्रेम जौहरी दोनो ही कमरे से बाहर चले गए। जिसके बाद दोनों प्रेमी एक दूसरे के गले लगकर रोने लगे।

इस घटना के बाद ही दोनो ने एक दूसरे से प्रेम का इजहार किया। सुबह प्रेम प्रकाश जी आए और दोनों के गले में मालाएं डालकर सगाई की घोषणा कर दी। कुछ इस तरह दोनों की प्रेम कहानी आगे बढ़ी। दोनो अपने-अपने घर की तरफ लौट आए, तेजी बच्चन लाहौर चली गईं, वहीं हरिवंश राय बच्चन इलाहाबाद जाकर शादी की तैयारियां करने लगे।

आखिर कैसे आया राजा मेंहदी को इस गाने का आइडिया-

story behind jhumka gira re

दोनो जब बरेली छोड़कर अपने शहर चले गए, तो दोनो के दोस्त आए दिन उनकी शादी को लेकर सवाल किया करते थे। एक बार की बात है तेजी बच्चन और राजा मेंहदी साहब एक कार्यक्रम में मिले, तब उन्होंने तेजी से सवाल किया किया कि आखिर वो और हरिवंश राय बच्चन शादी कब करेंगे। तब इस बात का जवाब तेजी ने बड़े खूबसूरत तरीके से दिया। उन्होंने कहा 'कि मेरा झुमका तो बरेली के बाजार में गिर गया' अब इस कथन के कई अर्थ हो सकते हैं जैसे दिल हार जाना या दोनों ने सगाई कर ली है जल्द ही शायद शादी भी कर लें।

राजा मेहंदी अली खान के दिमाग में यह जवाब कई सालों तक रहा। कई सालों बाद जब मेरा साया फिल्म का गाना लिखने की बात आई तो राजा मेंहदी साहब को यह किस्सा याद आ गया और उन्होंने तेजी के इस झुमके वाले कथन पर गाना बना दिया, जिसके बोल लोगों को आज भी याद हैं। झुमका गिरा रे गीत तेजी बच्चन के इसी कथन से प्रेरित था।

तो यह थी झुमका गिरा रे गाने के पीछे की असली कहानी, आपको हमारा आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

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