पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को भारत में बेहद विवादित शख्सियत के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि जिन्ना ने भारत के विभाजन में अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा पाकिस्तान बनने के बाद मोहम्मद अली जिन्ना वहां के नामी नेता बनकर सामने आए। आज भी पाकिस्तान के नोटों पर जिन्ना की फोटो देखने को मिलती हैं, उन्हें पाकिस्तान मुल्क का कायदे आजम कहकर बुलाया जाता है। जिन्ना की राजनीतिक जिंदगी जितनी चर्चित रही, उससे कई ज्यादा चर्चा उनकी लव लाइफ को लेकर भी होती रही। यह उस दौर की बात है जब मोहम्मद अली जिन्ना का दिल अपने से 24 साल छोटी रतनबाई पेतित पर आ गया था।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको मोहम्मद अली जिन्ना और रूटी जिन्ना की प्रेम कहानी के बारे में बताएंगे, जिसकी चर्चा सालों बाद भी लोगों के मन में तरोताजा है।
एमिबाई से हुआ था पहला निकाह-
रतनबाई से मिलने से पहले ही जिन्ना की शादी हो चुकी थी। बता दें, कि जिन्ना का निकाह 16 साल की उम्र में 14 वर्ष की एमिबाई से हुआ था। हालांकि शादी के बाद जिन्ना अपनी पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए। जब जिन्ना लंदन में अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें अपनी पत्नी के निधन की जानकारी मिली। माना जाता है कि जिन्ना की पहली पत्नी एमिबाई का देहांत बीमारी के चलते हुआ था, जिस कारण जिन्ना को अपनी पहली पत्नी का साथ ज्यादा समय तक नहीं मिला था।
अपने दोस्त की बेटी पर आया जिन्ना का दिल-
साल 1916 की बात है, जिन्ना के दोस्त रहे दिनशॉ पेतित ने उन्हें दार्जिलिंग आने की दावत दी थी। दिनशॉ के कहने पर जिन्ना उनसे मिलने के लिए दार्जिलिंग पहुंचे, जहां उनकी मुलाकात दिनशॉ की 16 साल की बेटी रतनबाई उर्फ रूटी से हुई। बता दें कि उस दौर में रतनबाई का नाम मुंबई की सबसे खूबसूरत लड़कियों में हुआ करता था।
कौन थीं रतनबाई उर्फ रूटी-
इतिहास की किताबों में रतनबाई पेतित को कई रूटी नाम से पुकारा गया है। रतनबाई के पिता दिनशॉ भारत के अमीर पार्सियों में गिने जाते थे, यही कारण था कि उस दौर में रति बेहद पढ़ी लिखी महिलाओं में गिनी जाती थीं। इतिहासकार बताते हैं कि रूटी की रुचि रोमानी कविताओं और राजनीति में थी, वहीं जिन्ना उस वक्त भारतीय राजनीति के उभरते हुए नेता के रूप में सामने आ रहे थे। यही कारण था कि उम्र के इतने अंतर के बाद भी जिन्ना और रूटी एक-दूसरे से प्यार कर बैठे।
इसे भी पढ़ें-विनोद मेहरा के आखिरी वक्त में भी थीं रेखा सहारा, दोनों की मोहब्बत का हुआ ऐसा अंजाम
पिता को नहीं मंजूर था रूटी और जिन्ना का प्यार-
समय के साथ जिन्ना और रूटी के बीच मेलजोल बढ़ा और दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। एक दिन जिन्ना ने हिम्मत करके दिनशॉ से उनकी बेटी का हाथ मांगा, जिन्ना की इस मांग को सुनते ही दिनशॉ ने उन्हें घर से बाहर निकल जाने को कहा। जिन्ना की इस पेशकश के बाद से ही दोनों की दोस्ती में एक गहरी दरार आ गई।
घरवालों की मर्जी के खिलाफ हुआ जिन्ना और रूटी का निकाह-
दिनशॉ उस दौर के नामी बैरिस्टर में से गिने जाते थे। यही कारण था कि वो आसानी से कोई भी केस नहीं हारते थे, मगर इस प्रेमी जोड़े की जिद्द के आगे दिनशॉ को भी हार माननी पड़ी। बता दें कि दोनों ने ही शादी के लिए रति के 18 साल पूरे होने का इंतजार किया। जब रति 18 की पूरी हुईं तो उन्होंने एक छाते और एक जोड़ी कपड़े के साथ अपने पिता के घर को छोड़कर जिन्ना के पास चली गईं।
रूटी ने इस्लाम धर्म को किया कबूल-
घर छोड़ने के बाद जिन्ना रूटी को जामिया मस्जिद लेकर गए और वहां रूटी ने इस्लाम धर्म कबूल लिया। जिसके बाद साल 19 अप्रैल को 1918 में जिन्ना और रूटी का निकाह हो गया। माना जाता है कि रूटी को इस्लाम इस कारण भी कबूलना पड़ा, क्योंकि उस वक्त जिन्ना इंपीरियल लोजेस्लेटीव काउंसिल में मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। ऐसे में अगर जिन्ना सिविल मैरेज एक्ट के तहत शादी करते तो तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता था, यही कारण था की जिन्ना और रूटी की शादी इस्लामी तरीके से की गई।
निकाह के कुछ सालों बाद आ गई रिश्ते में दरार-
निकाह के एक साल बाद ही जिन्ना और रूटी माता-पिता बन गए। रूटी ने डीना नाम की एक खूबसूरत बच्ची को जन्म दिया, हालांकि शादी के कुछ समय बाद ही दोनों के रिश्तों में दरार आ गई। घर में चल रहे विवादों के चलते रूटी नशे के दल-दल में डूबती चली गईं, अकेलेपन के कारण रूटी ड्रग्स लेने गईं और धीरे-धीरे बिमारियों की शिकार होती रहीं। जिन्ना एक तरफ जहां भारत के प्रसिद्ध मुस्लिम नेता के रूप में उभर रहे थे, वही रूटी डिप्रेशन और ड्रग्स के दलदल में धंसती जा रही थी।
इसे भी पढ़ें-मनोज बाजपेयी और शबाना की लव स्टोरी, धर्म की दीवार कभी नहीं तोड़ पाई इनका प्यार
अपने जन्मदिन पर रूटी ने कहा दुनिया को अलविदा-
ड्रग्स के कारण रूटी की तबियत दिन-ब-दिन खराब होती गई। जिस वजह से उन्हें इलाज कराने के लिए लंदन ले जाया गया। लंबे समय के इलाज के बाद रूटी भारत वापस लौटीं, अपने 30वें जन्मदिन के रोज रूटी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। मौत के बाद ईश्रा असरी कब्रिस्तान में रूटी के शव को दफना दिया गया और रूटी की मौत के साथ ही इस प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया। रूटी मौत का जिन्ना के मन पर गहरा प्रभाव पड़ा, लंबे समय तक जिन्ना रूटी की याद से उभर नहीं पाए।
तो ये थी जिन्ना और रूटी की लव स्टोरी, जिसके बारे में आप में से कई लोगों को नहीं पता होगा। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
Image Credit- wikipedia, twitter.com, facebook.com and google searches
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों