Gandhi Jayanti 2023: कैसे बनीं कस्तूरबा महात्मा गांधी की हमसफर, जानें इनकी अनसुनी प्रेम कथा

इस लेख में हम आपको गांधी जयंती के अवसर पर यह बताने जा रहे हैं कि कैसे हुई थी महात्मा गांधी की कस्तूरबा से मुलाकात और कहां से शुरू हुई इनकी प्रेम कथा। 

mahatma gandhi marriage story in hindi

Mahatma Gandhi Marriage: देशभर में गांधी जयंती मनाई जाती है। गांधी जयंती बस आने को ही है।

ऐसे में इस अवसर पर हम आपको गांधी जी की प्रेम कथा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं।

  • ये तो सबको पता है कि गांधी जी का विवाह कस्तूरबा गांधी से हुआ था। तब दोनों की उम्र 13 साल थी।
  • यानी कि दोनों नाबालिक थे, लिहाजा विवाह के बाद भी दोनों पति-पत्नी से ज्यादा दोस्त की तरह थे।
  • ऐसा कहा जाता है कि गांधी जी को स्कूल समय में कस्तूरबा के प्रति गहरा आर्कषण हुआ करता था।
  • गांधी जी की आत्म कथा में लिखा है कि उन्होंने खुद कस्तूरबा को पढ़ाया था ताकि वो सक्षम बनें।
  • यहां तक कि गांधी जी जब शिक्षा हासिल करने साउथ अफ्रीका गए तब कस्तूरबा भी साथ गईं थीं।
kasturba gandhi and mahatma gandhi
  • माना जाता है कि गांधी जी की शिक्षा से लेकर आजादी की हर लड़ाई में कस्तूरबा उनके साथ थीं।
  • अश्वेतों के खिलाफ भेदभाव के विरोद में हुए आन्दोलन में कस्तूरबा ने अहम भूमिका निभाई थी।
  • मैला ढोने वालों से लेकर मजदूरों तक सभी आन्दोलन से जोड़ने का काम कस्तूरबा ने ही किया था।
  • साथ ही, फीनिक्स फॉर्म के निर्माण में भी कस्तूरबा गांधी का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
  • भरता वापस आने के बाद देश की आजादी में भी वह महात्मा गांधी के साथ खड़ी रहीं।
  • माना जाता है कि ऐसा कोई आंदोलन न था जिसमें गांधी जी को कस्तूरबा का साथ न मिला हो।
  • आंदोलन की चर्चाएं भले ही गांधी जी करते थे लेकिन योजनायें बनाने में कस्तूरबा का साथ था।
  • कस्तूरबा सेवा भावी थीं। इसलिए जो भी गांधी जी से मिलने आता उसकी आवभगत में लग जातीं।
  • कुछ ऐसे पल भी गांधी जी ने अपनी आत्मकथा में लिखें जब उनकी कस्तूरबा से लड़ाई भी होती थी।
  • एक बार तो मामूली सी बात पर हुई लड़ाई के कारण गांधी जी ने कस्तूरबा को घर से निकाल दिया था।
mahatma gandhi and kasturba gandhi
  • हालांकि बाद में उन्हें इस व्यवहार पर बहुत पछतावा भी हुआ और उन्होंने कस्तूरबा से माफी भी मांगी।
  • कहा जाता है कि जब गांधी जी देश के लिए 'बापू' बने तब कस्तूरबा भी देश के 'बा' बन गई थीं।
  • बापू के खान पान से लेकर उनके सोने बैठने की व्यवस्था तक कस्तूरबा खुद देखा करती थीं।
  • जब कस्तूरबा गांधी के दुनिया से जाने का समय नजदीक आया था तब बापू ने उनकी बहुत सेवा की थी।
  • जिस समय को पाने के लिए कस्तूरबा तरस गई थीं गांधी जी का वह समय उन्हें उनके अंतिम पलों में मिला।

आप भी इस लेख में दी गई जानकरी के माध्यम से जान सकते हैं कि कैसे हुई थी महात्मा गांधी और कस्तूरबा की मुलाकात और कहां से शुरू हुई थी दोनों की अनसुनी प्रेम कथा। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: wikipedia

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