Christmas Tree Interesting Facts 2022: क्रिसमस ट्री से जुड़े इन रोचक तथ्यों के बारे में कितना जानते हैं आप?

About Christmas Tree in Hindi: अगर आप भी क्रिसमस ट्री का इतिहास और उससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो फिर इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ें।

 

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क्रिसमस का त्यौहार बहुत जल्द आने वाला है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसे सिर्फ ईसाई धर्म के लोग ही नहीं बल्कि हर धर्म के लोग बड़े ही धूम-धाम के साथ मानते हैं। क्रिसमस किसी विशेष देश में नहीं बल्कि विश्व के लगभग हर देश में मनाया जाता है। इसलिए कई लोग अभी से ही क्रिसमस की तैयारी में लग चुके हैं।

इस विशेष मौके पर क्रिसमस ट्री को डेकोरेट करना काफी खास काम माना जाता है। इस दिन ट्री को लाइट्स आदि कई चीजों से सजाया जाता है और इस ट्री के आसपास क्रिसमस सेलिब्रेट किया जाता है।

लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि क्रिसमस डे के दिन आखिर क्यों इसी ट्री का इस्तेमाल किया जाता है और ट्री का क्या महत्व है तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है?

इस लेख में हम आपको क्रिसमस ट्री का इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप भी ज़रूर जानना चाहेंगे। आइए जानते हैं।

क्रिसमस ट्री का इतिहास (Christmas Tree History in Hindi)

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क्रिसमस ट्री का इतिहास बेहद ही दिलचस्प है। क्रिसमस ट्री का इतिहास ईसाई धर्म से भी प्राचीन माना जाता है। कहा जाता है कि ईसाई धर्म से पहले से साल भर हरा-भरा रहने वाले पेड़ को लोग अपने घरों में लगाते थे।

घर पर लगाने वाले इस पेड़ की डालियों को सजाते थे। उनका मानना था कि ऐसे करने से दुःख दूर होता है और उनके ऊपर जादू-टोना का असर नहीं होता है।

एक अन्य कहानी है कि जर्मनी में एक बच्चे को एक विशाल पेड़ नीचे कुर्बानी दिया जाने वाला था। जब स्थानीय लोगों को मालूम चला तो उस विशाल पेड़ को काट दिया और उस स्थान पर क्रिसमस का ट्री लगा दिया। क्रिसमस ट्री लगाने के बाद स्थानीय लोगों ने उस पेड़ और स्थल को पूजने लगे।

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जर्मनी से जोड़कर देखा जाता है क्रिसमस ट्री

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जी हां, क्रिसमस ट्री को जर्मनी देश से जोड़कर देखा जाता है और बोला जाता है कि क्रिसमस ट्री की परंपरा शुरू करने वाला देश जर्मनी ही था। मान्यता है कि एक दिन पेड़ को बर्फ से ढके देखा गया और जब सूरज की रोशनी पेड़ पर पड़ी तो दूर से चमकने लगा। पेड़ की डालियां भी दूर से रोशनी कर रही थी।

इस घटना के बाद कुछ लोगों ने जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान उनके सामने ट्री को लगाया और लाइट्स आदि चीजों से सजाकर प्रार्थना करने लगे। इसके बाद से सभी लोग इस प्रक्रिया को करने लगे और देश के अन्य हिस्सों में भी यह प्रथा प्रचलित होने लगी।(क्रिसमस डे की शुभकामनाएं और बधाई संदेश)

इंग्लैंड और क्रिसमस ट्री का संबंध

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क्रिसमस ट्री का संबंध इंग्लैंड से भी जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, कई लोगों का मानना है कि इंग्लैंड में ट्री की परंपरा जर्मनी से रास्ते ही पहुंची थी। लोगों के अनुसार यह माना जाता है कि इंग्लैंड के तत्कालीन प्रिंस अल्बर्ट ने विंडसर केसिल में पहला क्रिसमस ट्री लगाया। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे इंग्लैंड में क्रिसमस ट्री लगाने की परंपरा शुरू हो गई। इस पेड़ को क्रिसमस डे के साथ-साथ अन्य दिनों में भी लोग लगाने लगे।

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क्रिसमस ट्री से जुड़े अन्य रोचक तथ्य (Christmas Tree Interesting Facts)

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  • क्रिसमस ट्री का संबंध सिर्फ जर्मनी और इंग्लैंड से ही नहीं बल्कि अमेरिका से भी जोड़कर देखा जाता है। कहा जाता है कि जब जर्मनी के लोग अमेरिका गए थे तो यह परंपरा अपने साथ लेकर गए थे।
  • एक अन्य लोककथा है कि एक नाटक में एक पेड़ को जीसस क्राइस्ट के सामान पवित्र माना गया था तक से इस पेड़ को उनके जन्मदिन पर सजाया जाता है।

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Image Credit:(@hearstapps,freepik)

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