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what are women legal rights after divorce

तलाक लेने से पहले जरूर जान लीजिए ये सभी नियम

 इस लेख में हम आपको बताएंगे कि भारत में तलाक से पहले आपको किन नियमों के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
Editorial
Updated:- 2022-10-25, 17:01 IST

हमारे देश में हर साल कई दंपत्तियों के बीच तलाक होते हैं। तलाक को लेकर हमारे देश में कई सारे कानून भी हैं। इन सभी कानूनों का बहुत अधिक महत्व होता है। इस लेख में हम आपको 4 ऐसे तलाक से संबंधित कानूनों के बारे में बताएंगे जो आपको अवश्य पता होने चाहिए।

तलाक के लिए क्या कहता है कानून?

Indian laws for divorce

आपको बता दें की भारत में विवाह और तलाक दोनों ही धर्मों के अनुसार होते है क्योंकि तलाक एक व्यक्तिगत मामला है इसलिए धर्म संबंधित कानून को इससे जोड़ कर देखा जाता है। हिन्दू लोगों के लिए, बौद्ध, सिख और जैन लोगों के तलाक के लिए हिंदू विवाह अधिनियम बनाया गया है। अगर बात करें मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदायों की तो उनके विवाह और तलाक को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानून होते हैं।

1)संपत्ति में बंटवारा

आपको बता दें कि तलाक के बाद संपत्ति में बंटवारा भी होता है। अगर पत्नी कोई जॉब नहीं करती है तो उसे पति की सम्पति में अधिकार मिलता है। लेकिन अगर पत्नी जॉब करती है तो उससे संबंधित दूसरे नियम भी होते हैं जिनके लिए कानून की मदद लेनी पड़ती है।

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2) क्या कहता है हिंदू विवाह अधिनियम?

आपको बता दें कि हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 के अनुसार यदि कोई भी हिन्दू पति के द्वारा एक से अधिक पत्नियां रखता है तो पत्नी के लिए अर्जी को जिला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर सकती है। आपको बता दें कि इस कानून के तहत पत्नी जब यह अर्जी पेश करेगी तब पति की दूसरी पत्नी जीवित होनी चाहिए।

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3)बच्चों के लिए फैसला

आपको बता दें कि बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिए तलाक लेने वाले पति पत्नी को आपसी सहमति के साथ यह फैसला लेना होता है कि कौन बच्चों को अपने साथ रखेगा। लेकिन अगर यह फैसला आपसी सहमति से नही हो पाता है तो कोर्ट में इसका फैसला किया जाता है। इसमें बच्चे की अपनी सहमति भी देखी जाती है।

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4)इन वजहों से ले सकते हैं तलाक

आपको बता दे कि एक पति- पत्नी किसी कारण से तलाक ले सकते हैं। अगर बात करें मुख्य कारणों की तो उसमें संक्रामक रोग भी शामिल है। हिन्दू तलाक कानून के अनुसार अगर कोई पति/पत्नी किसी बड़ी बीमारी जैसे एड्स, सिफिलिस, गोनोरिया, कुष्ठ रोग आदि से ग्रसित है तो उसका पार्टनर उसे तलाक दे सकता है।

इसके अलावा अगर पति या पत्नी में से कोई भी मानसिक बीमारी का शिकार है और अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ है तो ऐसे मामले में भी तलाक के लिए अर्जी डालने का वैध अधिकार होता है।

तो यह थी जानकारी तलाक के कानूनों से जुड़ी हुई। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

image credit- freepik

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