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जानें क्या है सरकार की ‘नारी अदालत’? महिलाओं को न्याय दिलाने में करेगी मदद

महिलाओं के विकास के लिए सरकार नई-नई योजनाएं लेकर आ रही है। ऐसे में अब बिना कोर्ट-कचहरी चक्कर लगाए ही महिलाएं न्याय पा सकती हैं।
Editorial
Updated:- 2022-07-19, 16:02 IST

छोटे शहरों और गांव की महिलाओं के लिए आज भी न्याय पाना बेहद मुश्किल है। ऐसे में उन्हें जागरूक करने के मकसद से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्कीम लागू की गई है। जिसके तहत बिना कोर्ट कचहरी जाए ही, महिलाओं को न्याय मिल सकेगा। इस स्कीम को ‘नारी अदालत’ कहा जाता। आज के इस लेख में जानते हैं नारी अदालत और इससे जुड़ी सुविधाओं के बारे में-

क्या है नारी अदालत?

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15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए ‘मिशन शक्ति’ कार्यक्रम की शुरुआत गई है। जिसके अंतर्गत ‘नारी अदालत’ प्रोजेक्ट को जोड़ा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत गावों में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार से जुड़े मामलों के समाधान के लिए ग्राम पंचायतों में नारी अदालत का संचालन होता है।

कैसे चलेगी नारी अदालत?

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गावों में महिला अधिकार और कानूनी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 11 महिला सदस्यों का समूह मध्यस्थता के जरिए स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक समाधान दिलाने का काम करता है। इस नयी योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। शुरुआत में इसे कुछ राज्यों में और केंद्र शासित राज्यों में लागू किया जाएगा। जिन गांवों में महिला प्रधान काम करती हैं, वहां पर इस योजना को जल्द से जल्द लागू कर दिया जाएगा।

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क्या है नारी अदालत का लक्ष्य?

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  • नारी अदालत का लक्ष्य महिलाओं को अपने खिलाफ होने वाले अन्याय के प्रति जागरूक करना है। इसके अलावा महिलाओं के लिए न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाना है।
  • नारी अदालत के जरिए जन्म के दौरान महिलाओं को Sex Ratio बढ़ाने के लिए जागरूक करना है।
  • इस स्कीम का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं secondary level शिक्षा के लिए enrolled कर सकें।
  • इस स्कीम के तहत पंचायती राज मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संचालित सेवा केंद्रों में ग्राम पंचायत के माध्यम से सहायता प्रदान की जाएगी।

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2 भागों में बंटी हैं योजनाएं

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‘मिशन शक्ति’ को 2 उप योजनाओं में बांटा गया है। पहला सम्बल और दूसरा सामर्थ्य में बांट दिया गया है। जिसके तहत महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है।

सम्बल

सम्बल उपयोजना के तहत महिलाओं को उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए जागरूक किया जाता है। इस स्कीम के अंतर्गत One Stop Centre, Women Helpline,Beti Bachao Beti Padhao और नारी अदालत जैसी स्कीम शामिल हैं।

सामर्थ्य

  • सामर्थ्य उप योजना के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण से जुड़ी स्कीम आती हैं। जिसके तहत महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास किए गए हैं।
  • इस उपयोजना तहत महिलाओं को Ujjwala Swadhar Greh और वर्किंग वुमन हॉस्टल जैसी सुविधाएं दी जाती हैं।

तो ये थी नारी अदालत और मिशन शक्ति से जुड़ी सभी बातें, जिनके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। आपको हमारा यह आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें, साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।

Image Credit- freepik

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