अपने हुनर से आगे बढ़ने वाली Aaj Pakao की को-फाउंडर Prachi Patil की कहानी

आइए इस लेख में अपने हुनर से आगे बढ़ने वाली Aaj Pakao की को-फाउंडर Prachi Patil की कहानी के बारे में जानते हैं।

 

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माउंट एवरेस्ट चढ़ने और आकाश में उड़ने के लिए पुरुष होना ज़रूरी नहीं है। अगर दिल में कुछ कर गुजरने की चाह और लक्ष्य पाने का जूनून हो तो बड़े से बड़े मुकाम को भी महिलाएं पार का लेती हैं। आज हमारे देश में न जाने कितनी ऐसी महिलाएं हैं जो आज अपने हुनर और मेहनत के दम पर पूरी दुनिया के सामने एक उदाहरण बन चुकी हैं।

कुछ ऐसी ही प्रेरक कहानी है Suzo Agro Private Limited-Aaj Pakao की को-फाउंडर और सीईओ Prachi Patil जी की। जी हां, स्वादिष्ट खाना बनाने और खाना खाने की चाहत भला कौन नहीं रखता है। यूं तो मार्केट में कई ब्रांड के फेमस फूड्स मिलते हैं, लेकिन फूड्स Aaj Pakao का स्वाद ही बेमिसाल होता है।

Prachi Patil कुछ इसी तरह की फूड्स अपने चाहने वालों के सामने प्रस्तुत करती हैं। उनके इसी हुनर को सलाम करने और उन्हें सम्मान देने के लिए Herzindagi Womenpreneur Awards 2023 में उन्हें Special Certificate से नवाजा गया। आइए इनके बारे में कुछ बातें जानते हैं।

Suzu Agro-Aaj Pakao का आइडिया कहां से आया?

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प्राची पाटिल ने बताया कि जब मैं विदेश में काम करने और पढ़ने गई तो वहां कई साल बिताए। उस समय खान-खाने के लिए मुख्य रूप से डिब्बाबंद फूड्स पर निर्भर रहती थी। यह पकाने और खाने में अच्छे लगते थे।

लेकिन इसे खाने में बाद मैं जब बीमार पड़ी तो कुछ समय बाद भारत लौट आई। जब भारत में लौटी तो डिब्बाबंद फूड्स की कीमत और स्वाद में काफी अंतर देखने को मिला और कई मानकों पर खारे भी नहीं थे।

अधिकांश भारतीय घरों में यह देखा जाता है कि खाना बनाने से पहले कुछ चीजों ओ छिलना पड़ता है, कुछ भोजन को उबालना पड़ता है, कुछ फूड्स को साफ करने तो कुछ फूड्स को भिगोकर रखना पड़ता है। इन्हीं प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता है और खर्च भी अधिक लगता है।

ऐसे में समय बचाने, खर्च को कम करने और स्वाद को अधिक करने के लिए Aaj Pako अलग-अलग अंकुरित बीन्स और फूड्स की एक श्रृंखला के साथ शुरुआत की है और विभिन्न ग्रेवी के साथ प्रयोग किया है। मारे उत्पाद खाना पकाने के समय को 70% से 75% तक कम करने में मदद कर रहे हैं।

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Aaj Pakao दूसरी कंपनी से कैसे अलग है?

आज पकाओ भारतीय परिवारों पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक अनूठा उद्यम है। हम सीधे इस तथ्य पर ध्यान केंद्रित करते हैं कि खाना बनाने में जितना कम खर्च और समय लगे तो बेहतर है। आज पकाओ उत्पादों की एक समावेशी श्रृंखला है जो पकाने में झटपट बन जाती है और खाना पकाने की इच्छा रखने वाले पुरुषों सहित सभी के लिए सुलभ है।

यह एक जन-केंद्रित ब्रांड के रूप में जो ग्राहकों को खुश रखता है और चीजों को सुविधाजनक बनाता है। उदाहरण के लिए बीन्स और स्प्राउट्स पेश किया गया है, क्योंकि आमतौर पर इन्हें पकाने से पहले तैयार करने में लंबे समय तक भिगोने और अंकुरित करने की आवश्यकता होती है। ऐसे में पकाओ का प्रोडक्ट्स आसानी से खाने योग्य है।(डॉ स्वाति पिरामल के बारे में जानें)

आपको बता दें कि हम पाव भाजी, मंगलोरियन घी रोस्ट, गोअन ज़ाकुटी ग्रेवी और चेट्टीनाड ग्रेवी जैसे प्रामाणिक क्षेत्रीय स्वादों को सामने ला रहे हैं।

किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या उपलब्धियाँ प्राप्त हुईं हैं?

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शुरूआती समय में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शुरुआत में ग्रेवी युक्त पैक भोजन लोगों के लिए एक नई चीज थी और बहुत से लोग जानते तक भी नहीं थे। ग्राहकों के सामने प्रोडक्ट्स को सही साबित करना बहुत मुश्किल था।

बीन्स और ग्रेवी से शुरुआत करते हुए, शुरुआत में हमने कस्बे में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों और मेलों में उत्पादों को बेचा। आगे चलकर दाल मखनी, मिसल और बीन्स जैसे हमारे ग्रेवी बीन कॉम्बो के लिए हमें जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली जो जल्द ही बेस्टसेलर बन गए।

शुरुआत में आज पकाओ ने 25-40 आयु वर्ग के ग्राहकों के लिए रखा था। इस दौरान महसूस किया कि खरीदारी के फैसले उम्र से नहीं, बल्कि खाना पकाने के समय में कमी से प्रभावित होते हैं। आज के समय में लगभग हर उम्र के लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। हमारे ऑनलाइन बिक्री डेटा से पता चला है कि हमारे 70% ग्राहक पुरुष हैं, और बाकी महिलाएं हैं।

आज पकाओ के लिए आगे का क्या विजन है?

निकट भविष्य में, हमारा लक्ष्य पूरे भारत के और शहरों में विस्तार करना है। मौजदा समय में आज पकाओ मुंबई और पुणे मार्केट में मजबूत पकड़ है। बहुत जल्द गोवा, औरंगाबाद, नागपुर, दिल्ली, बैंगलोर और हैदराबाद में विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। इन शहरों में कामकाजी लोग अधिक रहते हैं और ज्यादातर परिवारों में पति और पत्नी दोनों काम करते हैं। ऐसे में किचन में समय देना उनके लिए मुश्किल लगता है और आज पकाओ अधिक अच्छा लगता है।

इसके अलावा रीजनल फूड्स पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जिसे कम समय में पकाया जा सकें। हम प्रसिद्ध महाराष्ट्रीयन मिसल पाव लाने जा रहे हैं। इसके अलावा हम एक रेडी-टू-कुक पैकेज पेश करने जा रहे हैं जिसमें सिर्फ पानी डालना और पकाने की जरूरत है।

आज पकाओ अभूत जल्द ग्लोबल होगा। यह यूएई और दक्षिण पूर्व एशिया की कंपनियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। आगे की योजना बी2बी के साथ-साथ रिटेल के लिए पोर्टफोलियो और उत्पाद आधार का विस्तार करना है।

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एक अन्य महिला उद्यमी के लिए क्या सलाह देंगी?

एक महिला उद्यमी के रूप में अन्य महिला उद्यमी को यह सलाह दूंगी कि वो पाने लक्ष्य की पीछा करते रहे। अगर आपके पास एक बड़ा लक्ष्य और हिम्मत है तो आप किसी भी मुमकिन चीज को आसान बना सकते हैं। शुरुआत में कई दिक्कते होंगी, लेकिन आगे बढ़ते रहना भी आपको मंजिल तक पहुंचाएगी। इसलिए आप अपनी पूरी ताकत लगा दें।

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Iamage Credit:(@hz)

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