Hz Exclusive: जानिए कैसे सोनाली चौकेकर ने ट्रांसजेंडर होने के बावजूद समाज में बनाई पहचान

LGBTQ+ समुदाय के लोग भी हमारी तरह ही इंसान हैं, लेकिन आज भी हमारे समाज में इन्हें गलत नजरिए से देखा जाता है और उनके व्यक्तित्व पर सवाल उठाए जाते हैं। 

 
success story of transgender sonalee chaukekar

आज भी हमारे समाज में लोग LGBTQ+ समुदाय से जुड़े लोगों के बारे में बिना सोचे-समझे उनके व्यक्तित्व पर सवाल उठा देते हैं। लोगों के दिमाग में इस समुदाय के लिए तरह-तरह के सवाल आते हैं और वह यह सोचते हैं कि ये लोग समाज का हिस्सा नहीं हैं। सोनाली चौकेकर ने ट्रांसजेंडर होने के बावजूद समाज में पहचान बनाई है। प्राइड मंथ में हरजिंदगी हिंदी ने सोनाली चौकेकर से बातचीत की और उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी जानने की कोशिश की है।

आपकी LGBTQ+ समुदाय में ऐक्सेप्टन्स जर्नी कैसी रही और आपने किन परेशानियों का सामना किया?

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सोनाली चौकेकर ने बताया, "LGBTQ+ समुदाय में मेरी ऐक्सेप्टन्स जर्नी बहुत मुश्किलों से भरी हुई थी। मैंने शुरू में कई सारी परेशानियों का सामना किया था लेकिन मुझे अपने ऊपर पूरा विश्वास और मेरा सेल्फ रिफलेक्शन भी था जिससे मुझे उन चुनौतियों से ऊपर उठने की राह मिली। इन चीजों ने मुझे उस स्थान पर रहने की ताकत दी है जहां मैं आज हूं, एक कॉर्पोरेट फील्ड में खुशी से काम कर रही हूं।"

क्या आपको लगता है कि एलजीबीटीक्यू+ व्यक्ति के रूप में आपके अनुभवों ने आपके दृष्टिकोण को आकार दिया है और साथ ही आपके व्यक्तिगत विकास पर कैसा प्रभाव पड़ा है?

सोनाली चौकेकर ने हरजिंदगी से बातचीत के दौरान बताया, "एक LGBTQ+ व्यक्ति के रूप में मेरे अनुभवों ने मेरे दृष्टिकोण को गहराई से आकार दिया है और इसमें योगदान दिया है। साथ ही मेरा मेरा व्यक्तिगत विकास भी हुआ है। मैं अपनी विकास यात्रा के प्रति दृढ़ रहता था और इसलिए मैंने अपनी शिक्षा के लिए पैसे सेव करने के लिए कड़ी मेहनत की और अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इस दौरान मुझे जिन भेदभाव और चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उनसे मुझमें ताकत भी मिली। अपनी इस जर्नी के माध्यम से, मैंने विविधता का जश्न मनाना, प्रामाणिकता को अपनाना सीखा है और मैं एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के अधिकारों और उसके लिए आवाज उठा सकती हूं।"इसे भी पढ़ें-LGBTQ+ कम्यूनिटी से जुड़ी असल परेशानियों से दूर रहते हैं प्राइंड मंथ पर बने ब्रांड एड्स: प्रार्थना प्रसाद

LGBTQ+ के रूप में आपने किन चुनौतियों का सामना किया है और अभी भी आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

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"मुझे ऐसे क्षणों का सामना करना पड़ा जिन्होंने मेरे दृढ़ संकल्प की परीक्षा ली। ये अनुभव, हालांकि चुनौतीपूर्ण थे। सामाजिक भेदभाव, परिवार और दोस्तों से स्वीकृति की कमी, शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक सीमित पहुंच और ट्रांसजेंडर अधिकार न मिलना, यहां तक कि पहचान की कानूनी मान्यता के लिए संघर्ष करना। ये सभी कुछ ऐसी चुनौतियाँ थीं जिनका मैंने सामना किया। मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम एक साथ मिलकर, उन बाधाओं को खत्म कर सकते हैं जो हमें रोकती हैं। सामूहिक प्रयासों के माध्यम से, हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जहां प्रत्येक व्यक्ति को उसकी सच्ची पहचान के लिए महत्व दिया जाए, सम्मान दिया जाए और उसका जश्न मनाया जाए।"इसे भी पढ़ें-ट्रांसजेंडर और ड्रैग परफॉर्मर सुशांत दिवगीकर ने बताया Lgbtq+ समुदाय को समाज में मिलना चाहिए पूरा सम्मान

क्या आपने करियर में बाधाएं या भेदभाव को फेस किया है?

"मैं माइंडस्पेस बिजनेस पार्क में एक सहायक और इनक्लूसिव वातावरण पाने के लिए आभारी हूं। उन्होंने विविधता को अपनाया है और एक ऐसा माहौल बनाया है जहां व्यक्तियों को उनकी प्रतिभा के लिए महत्व दिया जाता है, चाहे वह कोई भी व्यक्ति क्यों न हो। मेरे अंदर क्षमता होने के कारण मैंने एक ऐसा वातावरण भी तैयार किया जो मुझे फलने-फूलने का मौका देता है। रूढ़िवादिता को चुनौती देकर, दूसरों को ट्रांसजेंडर मुद्दों के बारे में शिक्षित करके और अपनी प्रतिभा और समर्पण के बारे में बताकर मैंने बाधाओं को तोड़ा और अपनी क्षमताओं से आगे बढ़ती गई।"

आपकी राय में, LGBTQ+ समुदाय से जुड़ी हुई कौन-कौन सी गलतफहमियां समाज में अभी भी मौजूद हैं?

"LGBTQ+ समुदाय के साथ कई आम गलतफहमियां और रूढ़िवादिताएं जुड़ी हुई हैं। LGBTQ+ समुदाय में लिंग पहचान को लेकर लोगों के बीच कई गलतफहमियां हैं। समाज में LGBTQ+ समुदाय के लोगों को अलग इंसान के रूप में देखा जाता है जबकि हम भी उनके जैसे ही है। यह जरूरी है कि इन धारणाओं को चुनौती देने के लिए लोगों को LGBTQ+ समुदाय से जुड़ी समझ हो।"

आप LGBTQ+ समुदाय के भविष्य को लेकर आपके क्या विचार हैं?

"मैं एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के लिए एक ऐसे भविष्य की कल्पना करती हूं जो जीवन के सभी पहलुओं में सच्ची समानता और स्वीकृति की विशेषता रखता हो। मैं ऐसे समाज की आशा करती हूं जहां एलजीबीटीक्यू+ व्यक्ति भेदभाव या हिंसा के डर के बिना रह सकें, जहां हमारे अधिकार सुरक्षित हों और जहां हमें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य देखभाल, कानूनी सहायता प्राप्त हो। मैं एक ऐसे भविष्य की कामना करती हूं जहां विविधता का जश्न मनाया जाए और जहां एलजीबीटीक्यू+ समुदाय की आवाज भी सुनी जाएं और उनका सम्मान किया जाए।"

सोनाली चौकेकर का सफर बहुत संघर्षों से भरा हुआ था, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और खुद को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाकर वह सभी के सामने उदाहरण की तरह पेश हुई।

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