मां बनना दुनिया का सबसे बड़ा सुख माना जाता है। मगर इस दौरान एक महिला के जीवन में जो बदलाव आते हैं, उसे एक दूसरी महिला ही समझ सकती है। मां बनने के बाद अक्सर महिलाएं शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक स्ट्रगल को झेलती हैं। मां बनना जितना खूबसूरत है, उतना ही कठोर है इस पूरी प्रक्रिया से गुजरना, क्योंकि डिलिवरी के बाद भी वह इन चीजों से गुजरती है।
मां बनने के इस सफर में एक महिला शारीरिक दर्द से गजुरती है। इमोशनल शिफ्ट्स से परेशान रहती है और चीजों को स्वीकार करने में उन्हें वक्त लगता है। यही कारण है कि हर जिंदगी इस मदर्स डे पर एक नया कैंपेन लेकर हाजिर हुआ है। इस कैंपेन का नाम है Maa Strong है, जिसमें हमारे साथ जुड़ी हैं सुचेता पाल। सुचेता एक अवॉर्ड विनिंग एजुकेटर हैं। वह खुद एक मां हैं और मां बनने के बाद वाली पोस्ट पार्टम लाइफ से अच्छे से वाकिफ हैं।
इस कैंपेन को शुरू करने का हमारा उद्देश्य यही है कि हम इस पर चर्चा कर सकें। लोग नहीं जानते कि पोस्ट पार्टम क्या होता है? एक महिला उससे अकेले गुजर रही होती है। उसके दंश को अकेले सह रही होती है, इसलिए जरूरी है कि महिलाओं को फिजिकल, इमोशनल और मेंटल स्ट्रेंथ पाने में मदद की जा सके।
Maa Strong के जरिए हम पोस्ट पार्टम रिकवरी के बारे में होने वाली बातचीत को नॉर्मलाइज करने की कोशिश करेंगे। इस कैंपेन के माध्यम से, हम हर मां को यह याद दिलाना चाहते हैं कि अपनी ताकत वापस पाना कोई लग्जरी नहीं है यह एक 'नेसेसिटी' है।
सुचेता पाल के साथ Maa Strong कैंपेन करने का उद्देश्य
इस कैंपेन का एक ही मुद्दा है कि हम हर मां को फिर एक बार यह महसूस करवा सकें कि वह अंदर और बाहर से स्ट्रॉन्ग है।
हमारा मानना है कि पोस्ट पार्टम फिटनेस सिर्फ वजन कम करने या पहले जैसा होने का मतलब नहीं है। यह उससे कहीं बढ़कर है। इसका मतलब है कि आप बच्चे के जन्म के बाद फिस से मजबूत, आत्मविश्वासी और भावनात्मक रूप से स्ट्रॉन्ग फील कर सकें।
सुचेता पाल को प्री और पोस्टनेटल फिटनेस, ब्रीदवर्क और माइंडफुल मूवमेंट में महारथ हासिल है। इस कैंपेन में हम उनके साथ मिलकर एक साइंस-बैक्ड कॉन्टेंट तैयार करेंगे। जो मदर्स को भावनात्मक रूप से जागरूक करने में भी मदद करेगा।
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पोस्ट पार्टम में मदर्स किन परेशानियों का करती हैं सामना-
इस दौरान किसी एक समस्या से मदर्स नहीं गुजरती हैं। उन्हें फिजिकली, मेंटली और इमोशनली कई सारी परेशानियां होती हैं। वे अक्सर इन समस्याओं से जूझती हैं-
- कोर की कमजोरी और डायस्टेसिस रेक्टी (पेट की मांसपेशियों का अलग होना)
- पेल्विक फ्लोर की समस्याएं और कमर दर्द
- नींद न आने के कारण थकान रहना
- हार्मोनल चेंज और कई अनएक्सपेक्टेड शारीरिक बदलाव होना। इसके अलावा, इन इमोशनल स्ट्र्गल्स का सामना भी वे करती हैं-
- एंग्जायटी रहना और मूड स्विंग्स
- पोस्ट पार्टम डिप्रेशन
- आइसोलेशन और लॉस ऑफ आइडेंटिटी फेस करना
ये चुनौतियां आम हैं और अक्सर महिलाओं को ऐसे में मजबूत करने के लिए कहा जाता है, लेकिन उन्हें यह नहीं बताया जाता कि यह कैसे करना है!
मानसिक और इमोशनल वेलनस क्यों है जरूरी?
फिजिकल स्ट्रेंथ रिकवरी का दृश्यमान हिस्सा हो सकती है, लेकिन इसकी शुरुआत मन से शुरू होती है। पोस्ट पार्टम डिप्रेशन और एंग्जायटी सात में से एक मां को प्रभावित करती है, फिर भी इसे लेकर स्टिग्म और जागरूकता की कमी के कारण कई मदद नहीं लेती हैं।
इमोशनल रूप से फिट रहना, आम फिटनेस से अलग नहीं है। यह इसका एक महत्वपूर्ण पिलर है। अगर एक मां को मेंटल सपोर्ट मिले, तो उसकी शारीरिक रिकवरी बहुत अच्छी होती है। इसके साथ ही, वह बच्चे का पालन-पोषण और भी बेहतर तरीके से कर पाती है और खुद से फिर से मिलने का मौका उसे मिलता है।
Maa Strong सीरीज में, हमारा लक्ष्य न केवल मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग करना है, बल्कि हम एक मां में आत्मविश्वास फिर से भरने के लिए ब्रीदवर्क, माइंडफुलनेस, कम्यूनिटी सपोर्ट और विशेषज्ञ मार्गदर्शन पर जोर देंगे।
इस सीरीज में किन चीजों की होगी बात?
सुचेता पाल के साथ शुरू किया गया यह कैंपेन मदर्स की पोस्टपार्टम जर्नी पर खुलकर बात करेगा। यह सिर्फ एक फिटनेस प्लान नहीं होगा। इसमें हम हर मां की मदद करेंगे, ताकि वह खुद को फिर से बना सके, खुद की खोज कर सके। हमारा मानना है कि एक मजबूत मां सिर्फ एक मजबूत बच्चे का पोषण नहीं करती, बल्कि वह खुद को ईंट दर ईंट, सांस दर सांस से फिर से बनाती है।
आने वाले हफ्तों में, सुचेता पाल के साथ हम जानेंगे:
- रिकवरी के हर स्टेज के लिए खासतौर से तैयाप पोस्टपार्टम फिटनेस रूटीन
- ब्रीदवर्क और कोर को फिर से बिल्ड करने की तकनीकें
- मेंटल हेल्थ-चेक इन और भावनात्मक स्ट्रेंथ के लिए रणनीतियां
- न्यूट्रिशन टिप्स जो हीलिंग और एनर्जी को बढ़ावा देने में मदद करेंगे
- उन मदर्स की कहानी जिन्होंने इससे उबरकर अपनी स्ट्रेंथ फिर से पाई
- रिकवरी का 360° दृष्टिकोण देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट्स के इंसाइट्स
हर कंटेंट का उद्देश्य आपको सपोर्ट करना, शिक्षित करना और सशक्त बनाना है, ताकि आपको कभी यह महसूस न हो कि आप इस यात्रा पर अकेले चल रही हैं।
आइए, मिलकर मजबूत बनें। Maa Strong परफेक्शन के बारे में नहीं है-यह आपकी प्रोग्रेस के बारे में है। यह सिर्फ एक अभियान नहीं है। यह एक आंदोलन है। हर उस मां के लिए जो फिर खुद को बनाने के लिए तैयार है।
हम आपका मार्गदर्शन करने के लिए तैयार हैं, इसलिए खुद पर भी थोड़ा ध्यान दें और याद रखें कि आपकी ताकत आपसे दूर नहीं हुई है। हम सिर्फ आपको इसे फिर से खोजने में मदद कर रहे हैं।
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सुचेता पाल के बारे में जानें:
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सुचेता पाल एक अवॉर्ड विनिंह मैटरनल फिटनेस एजुकेटर हैं। वह Mom.Bod.Strong की निर्माता हैं, जो मदरहुड के सभी स्टेज में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए डॉक्टर द्वारा सुझाया गया फिटनेस-एजुकेशन और लाइफस्टाइल ट्रांसफोर्मेशन प्रोग्राम है।
15 साल के वैश्विक करियर के साथ, 15+ देशों में 15000 से अधिक महिलाओं को सुचेता प्रशिक्षित कर चुकी है। करने के बाद, वह एक इंजीनियर थी जो एक जुम्बा इंस्ट्रक्टर बनीं। वह ज़ुम्बा® इंडिया की अग्रणी हैं। गौरी खान, बिपाशा बसु और यामी गौतम जैसी हस्तियों के साथ उन्होंने काम किया है। मदरहुड को अपनाने के बाद, उन्होंने जो संघर्ष झेले, उससे सीखकर और हील होकर उन्होंने अपनी जैसी मदर्स के लिए साइंस-बैक्ड फिटनेस प्रोग्राम बनाया।
WCD पुरस्कार विजेता और TEDx वक्ता के रूप में अब उनका मिशन माताओं को स्वास्थ्य और फिटनेस के माध्यम से बेहतर तरीके से चलने, बेहतर दिखने और बेहतर महसूस करने के लिए सशक्त बनाना है।
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