आज के इस डिजिटल युग में टेक्नोलॉजी हर किसी की जरूरत बन गई है। हर गुजरते दिन के साथ टेक्नोलॉजी और भी ज्यादा स्मार्ट होती जा रही है और हमारे काम को और भी आसान बना रही है। इसकी वजह से हमारे लगभग सभी काम कुछ ही सेकंड में पूरे हो जाते हैं। बदलते समय के साथ हम सभी की निर्भरता टेक्नोलॉजी पर बढ़ती जा रही है। जिसकी वजह से कहीं ना कहीं हमारी मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर पड़ने लगा है।
हम सभी अपना अधिकतर समय स्क्रीन को स्क्रॉल करते हुए बिताते हैं। अगर हमें कैलकुलेशन करना हो तो उसके लिए स्मार्टफोन में कैलकुलेटर है। चीजों को याद रखने के लिए आजकल रिमाइंडर का इस्तेमाल होने लगा है। जिसकी वजह से हम सभी की चीजों को याद रखने की क्षमता कम होने लगी है।
इस तरह अगर देखा जाए तो तकनीक पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता का सबसे बुरा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ा है। आज के समय में खुद को अप-टू-डेट रखने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना तो जरूरी है। लेकिन अगर आप कुछ छोटे-छोटे टिप्स को फॉलो करते हैं तो टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के साथ-साथ अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल भी रख सकते हैं। तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ आसान टिप्स के बारे में-
डिजिटल डिटॉक्स पर करें फोकस
अपनी डे-टू-डे लाइफ को बेहतर बनाने के लिए हम सभी को टेक्नोलॉजी की जरूरत होती है। लेकिन फिर भी आपका समय-समय पर डिजिटल डिटॉक्स जरूर करना चाहिए। इस दौरान आप टेक्नोलॉजी से पूरी तरह से ब्रेक लें, चाहे वह कुछ घंटों के लिए हो, एक दिन के लिए हो या फिर वीकेंड के लिए। इस समय का उपयोग आप प्रकृति से जुड़ने, अपने पसंदीदा शौक पूरे करने या फिर सिर्फ आराम करने के लिए करें। जब आप खुद को डिजिटल डिटॉक्स करते हैं तो उस दौरान आपका माइंड रिसेट होता है और साथ ही साथ आपका तनाव भी कम होता है, जिससे आप खुद को अधिक फोकस और चार्ज महसूस करते हैं।
मेडिटेशन को बनाएं रूटीन का हिस्सा
डिजिटल युग में अपनी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने के लिए मेडिटेशन का सहारा लेना सबसे अच्छा माना जाता है। जब आप डीप ब्रीदिंग या मेडिटेशन की प्रैक्टिस करते हैं तो इससे डिजिटल इंटरैक्शन के कारण होने वाले मेंटल हेल्थ के नुकसान को रिवर्स करने में मदद मिलती है। भले ही आपके पास बहुत अधिक समय ना हो, लेकिन फिर भी आपको कम से कम पांच मिनट मेडिटेशन जरूर करना चाहिए। मेडिटेशन करने से आपका फोकस और चीजों को याद रखने की क्षमता बेहतर होती है।
खुद के साथ तय करें सीमाएं
अगर आप टेक्नोलॉजी के साथ एक बेहतर रिश्ता बनाना चाहते हैं तो ऐसे में आपको खुद के साथ सीमाएं तय करना जरूरी है। जब आप खुद के लिए कुछ सीमाएं निर्धारित करते हैं तो इससे आपके लिए तकनीक को बेहतर तरीके से हैंडल करना आता है। फोन या सोशल मीडिया पर घंटों तक स्क्रॉल करते हुए खो जाना आसान है, लेकिन जब आप खुद के लिए सीमाएं तय करते हैं और अपनी ऑनलाइन एक्टिविटीज को ट्रैक करते हैं तो इससे आप खुद को अधिक बेहतर तरीके से तनावमुक्त रख पाते हैं। इससे आपको अत्यधिक तनाव, बर्नआउट और खराब नींद जैसी समस्याओं को हैंडल करने में मदद मिल सकती है।
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सेट करें एक पॉजिटिव डिजिटल रूटीन
पॉजिटिव डिजिटल रूटीन बनाना आपकी मेंटल हेल्थ का ख्याल रखने में मदद करता है। आप सुबह या रात का कुछ समय ऐसा करें, जिसमें आप खुद को डिवाइस से दूर रखें। इस दौरान आप पढ़ने से लेकर जर्नलिंग या कॉफ़ी की चुस्कियां ले सकते हैं। जब आप डिजिटल लाइफ से दूर खुद की केयर में समय बिताते हैं तो इससे आपकी मेंटल हेल्थ भी बेहतर होती है।
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