किसी भी व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक होने वाली कई घटनाओं का अनुमान ज्योतिष शास्त्र से लगाया जा सकता है। जहां एक तरफ ज्योतिष से आपके आने वाले भविष्य का पता चलता है वहीं इस बात की जानकारी भी मिलती है कि आपका अतीत और वर्तमान कैसा है। लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि आपको इस बात की जानकारी भी हो सकती है कि आपकी मृत्यु के कारण क्या हो सकते हैं तो आपको कैसा लगेगा? यकीनन इस बात का अंदाजा लगा पाना लगभग नामुमकिन ही होता है कि आपकी मृत्यु कैसे होगी, लेकिन ज्योतिष हमें इस बात की जानकारी भी दे सकता है।
दरअसल ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई तत्व हैं जिन्हें मृत्यु से जोड़ा जा सकता है। इसे नेटल चार्ट, पारगमन और प्रगति से भी जोड़ा जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टम भाव विशेष राशि या ग्रह विन्यास के अंतर्गत मृत्यु की जानकारी दे सकता है और किसी भी व्यक्ति की कुंडली में यम ग्रह की दिशा, स्थिति और आठवें स्थान से आपकी मृत्यु के कारणों का पता लगाया जा सकता है। आइए Life Coach और Astrologer, Sheetal Shaparia जी से जानें कि किसी भी राशि के लिए यम की दिशा के अनुसार मृत्यु के कारण क्या हो सकते हैं।
मकर राशि और आठवां घर
शीतल जी बताती हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आठवें घर में मकर राशि में जन्म लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु निराशा या शोक की भावना से हो सकती है। यह इस बात का संकेत दे सकता है कि व्यक्ति सामान्य जीवन से अधिक समय तक जीवित रह सकता है या उसकी मृत्यु मकर राशि से संबंधित किसी भी चीज के कारण हो सकती है जैसे कि हड्डियों का कैंसर।
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मृत्यु का अष्टम भाव में ग्रह से संबंध
ज्योतिष में कुंडली का प्रत्येक घर किसी व्यक्ति के अंधेरे पक्ष और व्यक्तित्व गुणों के बारे में कुछ न कुछ इशारा जरूर करता है जो सामाजिक रूप से अनाकर्षक होते हैं। जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली की बात की जाती है तब कुंडली के आठवें घर में ग्रहों को शामिल करते हुए एक ग्रह की वापसी होती है जो संभावित रूप से मृत्यु के कारणों का पता लगाता है।
आठवें भाव में मंगल देता है एक अशांत मृत्यु का संकेत
यदि किस व्यक्ति की कुंडली में अष्टम भाव में मंगल ग्रह होता है तब यह अशांत मृत्यु का संकेत देता है। लेकिन यह हमेशा नहीं होता है क्योंकि इस तरह के योग वालों की मृत्यु के कारण अलग भी हो सकते हैं। जन्म कुंडली में आठवें भाव का शासक जिस भाव में पड़ता है वह जीवन का वह क्षेत्र या क्षेत्र हो सकता है जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। जीवन का वह क्षेत्र जिसमें आठवें स्थान का शासक किसी के जन्म चार्ट में पड़ता है वह क्षेत्र मृत्यु के कारणों को बताता है। उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति के आठवें घर का शासक उसकी कुंडली में स्वास्थ्य के छठे भाव में है तो यह एक गंभीर बीमारी के शिकार होने की प्रवृत्ति का संकेत दे सकता है।(कुंडली में 'नाड़ी दोष' से जुड़ी समस्याएं और उपाय )
आठवें भाव में बृहस्पति की स्थिति
ऐसा माना जाता है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में तुला राशि में बृहस्पति मौजूद है तब यह विशेष रूप से मायने रखता है। बृहस्पति ग्रह लिवर से जुड़ा होता इसलिए यह बढ़े हुए लिवर या किडनी की समस्या का कारण हो सकता है या यह लिवर की समस्या से संबंधित हो सकता है।
क्या कहता है यम ग्रह (प्लूटो) का नेटल चार्ट
अगर आप प्लूटो के नेटल चार्ट की बात करें तो जिसकी कुंडली में यम (प्लूटो ) की स्थिति कुंडली के चौथे स्थान में है ऐसे व्यक्ति की मृत्यु घर या परिवार के सभी सदस्यों की उपस्थिति में हो सकती है। कुंडली में छठे भाव में यम का होना दुर्बल करने वाली स्वास्थ्य समस्या की वजह से मृत्यु का कारण बन सकता है। नौवें भाव में प्लूटो के कारण व्यक्ति की मृत्यु विदेश में हो सकती है।
सूर्य जीवन से जुड़ा है प्लूटो मृत्यु से
प्लूटो यानी कि यम ग्रह में किसी अवसर पर जीवन को समाप्त करने की क्षमता होती है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य को जीवन का ग्रह और यम को मृत्यु का ग्रह माना जाता है।
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नौवें भाव में प्लूटो देता है ये संकेत
नौवें भाव में प्लूटो के कारण व्यक्ति की मृत्यु विदेश में हो सकती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में नवें स्थान पर यम ग्रह होता है उसे विदेश यात्रा के दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है।
राशि के अनुसार जानें आपकी मृत्यु के कारणों के बारे में
जब भी बात राशि के अनुसार मृत्यु के कारणों की होती है तब भी ज्योतिष शास्त्र कुछ ख़ास संकेत देता है। हर एक राशि के लिए मृत्यु के कारण अलग हो सकते हैं। आइए जानें उन कारणों के बारे में।
मेष राशि के लिए अग्नि खतरनाक संकेत देती है। इस राशि के लोगों को आग से बचने की जरूरत होती है और उनकी मृत्यु का कारण कोई गर्म वस्तु या आग हो सकती है।
वृषभ राशि के लोगों को प्लेन यात्रा के दौरान सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि उनकी मृत्यु का कारण हवाई यात्रा हो सकती है।
मिथुन राशि के लोगों को लिवर की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए उनकी मृत्यु का कारण भी लिवर की समस्याएं हो सकती हैं।
कर्क राशि के जातकों को अपने लोगों से ही खतरा हो सकता है और उनकी मृत्यु का कारण कोई अपना ही बन सकता है।
सिंह राशि के जातकों की मृत्यु किसी गैजेट की वजह से हो सकती है, इसलिए इसके इस्तेमाल के समय आपको ध्यान रखना चाहिए।
कन्या राशि के लोगों को जंगली जानवरों से खतरा हो सकता है, इसलिए आपको उनसे बचने की जरूरत है।
तुला राशि के लोगों की मृत्यु किसी जगह अटकने से हो सकती है इसलिए किसी भी अकेली जगह पर जाने से बचें।
वृश्चिक राशि के लोगों (वृश्चिक राशि के लोगों का स्वभाव)की कुंडली में आत्महत्या के योग होते हैं इसलिए आपको तनाव से बचने की जरूरत होती है।
धनु राशि के लोगों को किसी दवा के बुरे प्रभाव की वजह से मृत्यु का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए किसी भी दवा को लेने से पहले डॉक्टरी परामर्श जरूर लें।
अगर आपकी राशि मकर है तो आपकी मृत्यु डैम घुटने से हो सकती है।
कुंभ राशि के लोगों के लिए शांत और आसान मौत के योग होते हैं, लेकिन इन्हें अकाल मृत्यु का सामना भी करना पड़ सकता है।
मीन राशि के लोगों की मृत्यु का कारण कोई डॉक्टरी लापरवाही हो सकती है, इसलिए किसी गलत डॉक्टर से बचें।
किसी भी व्यक्ति की कुंडली के आठवें स्थान और यम की दिशा के अनुसार मृत्यु का अंदाजा लगाना एक ज्योतिष भविष्यवाणी है लेकिन यह समय और स्थितियों के अनुसार बदल भी सकती है और यह अनुमान सभी के लिए अलग भी हो सकता है।
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