इस तरह से करें गुच्छा रोग का उपचार, फलों से लद जायेगा आम का पेड़

आम का सीजन आने वाला है और वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही आम के पेड़ में फूल लग गए हैं। बहुत स आम के पेड़ में गुच्छा रोग ने भी हमला बोल दिया है, तो चलिए इसके उपचार के बारे में जानते हैं।

 
mango flower diseases

आम का सीजन जल्द ही आने वाला है। आम के कई हाइब्रिड किस्मों ने अब फल देना शुरू कर दिया है, लेकिन देसी आम के किस्मों के लिए अभी फूल या मौर आने का समय है। हर साल वसंत ऋतु के आगमन के साथ आम, पलास और गंगा इमली समेत कई पेड़ों में फूल खिलना शुरू होते हैं। फूल खिलना तो ठीक है, लेकिन आम के पेड़ में फूलों के साथ-साथ रोग भी लग जाते हैं। जी हां, आपको बता दें कि आम के पेड़ में जब नए फूल खिलते हैं, तो साथ में गुच्छा रोग भी लग जाता है। यह पेड़ में आम के पैदावार के लिए बहुत खतरनाक है। गुच्छा रोग के चलते फूल अच्छे से विकसित नहीं हो पाते, जिसके चलते आगे पेड़ में फल भी नहीं फलते। ऐसे में यदि आपके भी आम के पेड़ में गुच्छा रोग लग गया है, तो आज हम इसके उपचार के कुछ तरीके बताएंगे।

क्या है गुच्छा रोग?

how to treat mango tree bunch disease.

यह आम के पेड़ के लिए सबसे खतरनाक रोग में से एक, इस रोग के चलते आम के फलों का 20-25 प्रतिशत तक हो सकता है। इस रोग के चलते कलियां मोटी और गुच्छेदार हो जाती है और ठीक से नहीं खिलाने के कारण फूलों में फल नहीं लग पाते। आम के पेड़ में यह रोग फूल आने के समय होता है, जिसके चलते फूल और पत्तियां मिलकर गुच्छा बन जाते हैं और कलियां फूल या फल में परिवर्तित होने के बजाए पत्तियों में परिवर्तित हो जाती है। इसके अलावा पेड़ के शाखाओं पर भी छोटी-छोटी पत्तियां गुच्छे का रूप ले लेती हैं। इस गुच्छा रोग के कारण पेड़ों में फल नहीं लगते (आम के पत्ते का महत्व)।

गुच्छा रोग के उपचार के लिए क्या करें?

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  • सबसे पहले आम की जो भी टहनी गुच्छा रोग से ग्रसित है, उसे काटकर अलग करें।
  • पेड़ नें केएमएस (पोटैशियम मेटाबाईसल्फाइट) लें और 200 लीटर पानी में 120 ग्राम मिलाकर छिड़काव करें। इसे अक्टूबर और जनवरी के महीने में डालें, ताकी पेड़ को रोग से ग्रसित होने से बचाया जा सके।
  • केराथियान को एक लीटर पानी में एक ग्राम डालकर हर 15 दिन में डालें।
  • इसके अलावा हर 15 दिन के अंतराल में बेनोमिल का छिड़काव करें। एक लीटर पानी में 1 मि.ली. लीटर डालकर घोल बनाएं और पेड़ पर छिड़काव करें।
  • इसके अलावा आम के पेड़ के पास चारों ओर गोल गड्ढा बनाएं और उसमे जैविक और कैमिकल बेस्ड खाद डालकर पानी डालें। इससे जड़ को पर्याप्त पोषण मिलेगा।

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Image Credit: Wikipedia

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