Matka Khad: पेड़-पौधे में हो जाएगी फूल और फलों की बारिश, मिट्टी में डालें ये स्पेशल खाद

पेड़-पौधे की ग्रोथ और उसमें खूब सारे फल और फूल खिले इसके लिए लोग क्या कुछ नहीं करते। ऐसे में आज हम आपको मटका खाद बनाने की विधि बताएंगे, जो दोगुनी तेजी से पेड़-पौधे की ग्रोथ को बढ़ाएगी।

 
how matka khad prepared

रासायनिक खाद के इस्तेमाल से देश में मिट्टी की गुणवत्ता तेजी से कम होते जा रही है। लोग पेड़-पौधे की अच्छी ग्रोथ और खूब सारे फल-फूल के लिए बाजारों में मिलने वाले केमिकल बेस्ड खाद का उपयोग कर रहे हैं। ये थोड़े समय के लिए आपके पेड़ पौधे में फल-फूल तो ला देंगे, लेकिन इन फल और फूलों के सेवन से हमारे सेहत पर बुरा असर पड़ता है। वहीं लगातार रासायनिक खाद के इस्तेमाल से मिट्टी अपना नेचुरल पोषण खो देती है। वहीं बहुत से लोग अपने घर पर ही मौजूद बेकार की फल-सब्जी के छिलके और दूसरी घरेलू चीजों की मदद से खाद बनाते हैं और गार्डन में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यदि आप प्राकृतिक तरीके से अपने गार्डन में फल और फूल की संख्या को बढ़ाना चाह रहे हैं, तो आज हम आपको एक ऐसे खाद के बारे में बताएंगे, जो आपके गार्डन के लिए बेस्ट है।

क्या है मटका खाद?

मटका खाद घर पर ही तैयार 100 प्रतिशत शुद्ध जैविक खाद है, जो किसी भी पेड़ और पौधे की ग्रोथ के लिए बेस्ट है। बहुत कम लागत में तैयार इस मटका खाद को आप बहुत आसानी से घर पर ही बना सकते हैं।

कैसे बनाएं मटका खाद

Matka Khad

मटका खाद बनाने के लिए एक बाल्टी लें और उसमें 5 लीटर पानी भरें। अब 150 ग्राम गुड़ डालकर अच्छे से घोल तैयार करें। अब बाल्टी में 5 लीटर गोमूत्र और 5 किलो गोबर डालकर अच्छे से मिला लें। शुरू में 5 मिनट के लिए सीधी दिशा में डंडे से मिलाएं, फिर उल्टे दिशा में हिलाएं।

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खाद का मिश्रण तैयार है अब इसे किसी पुरानी या नई मटकी में भरकर मटकी के मुंह को बंद करें। अच्छे से पैक करने के लिए गोबर और मिट्टी का लेप लगा दें। अब मटकी को किसी छायादार जगह में रख दें, धूप वाली जगह पर न रखें, नहीं तो खाद सूख जाएगी। 10-12 दिन में खाद बनकर तैयार हो जाएगी, इसे किसी ड्रम में डालें और 150 लीटर पानी डालकर फसल पर छिड़काव करें। आप खाद की मात्रा को कम भी बना सकते हैं।

कैसे करें मटका खाद का उपयोग

how to make Matka Khad

  • पेड़-पौधे लगाने के हर 15 दिन में खाद का उपयोग करें।
  • ज्यादा मात्रा में खाद का उपयोग न करें, हमेशा पानी मिलाकर ही खाद को पेड़ एवं पौधे में डालें।
  • जब मिट्टी में अधिक नमी हो, तभी इस खाद का उपयोग करें।
  • मटका खाद को एक सप्ताह के अंदर ही इस्तेमाल करें, ज्यादा दिनों से तैयार खाद बेकार हो जाता है।
  • खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले गोबर और गोमूत्र 7 दिन से ज्यादा पुराना न हो।

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Image Credit: Freepik

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