फरवरी में इस तरह रखें अपराजिता की बेल का ध्यान, मार्च में खिलेंगे भर-भर के फूल

अपराजिता जिसे विष्णुकांता के नाम से भी जाना जाता है, अक्सर लोग इस फूल को अपने घरों में लगाना पसंद करते हैं।

 
how to make aparajita plant bushy

अपराजिता जिसे विष्णुकांता और नीलकंठ समेत कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। विष्णुकांता के इस फूल को लोग अपने गार्डन की शोभा बढ़ाने से लेकर देवी-देवता के पूजा के लिए इस्तेमाल करते हैं। अपराजिता के फूल का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। इस फूल का उपयोग कई तरह के स्वास्थ्य लाभ के लिए भी किया जाता है। देखा जाए तो इस फूल के बहुत से लाभों को जानते हुए लोग इसे अपने गार्डन, आंगन और बालकनी में लगाते हैं।

फरवरी का महीना चल रहा है, सर्दियों के मौसम के बाद भारत में ऋतुराज वसंत का आगमन हो रहा है। यह समय पतझड़ के लिए भी जाना जाता है, इस वक्त बहुत से पेड़-पौधों के पत्ते झड़ने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में अपराजिता के बेल को भी खास देखभाल की आवश्यकता होगी। सर्दियों में ठंडी हवाओं धूप की कमी के कारण बेल में फूल खिलना बंद हो जाते हैं। बहुत से लोगों के मन में यह सवाल है कि ऐसा क्या करें कि मार्च अप्रैल आते-आते बेल में खूब सारे फूल खिलने लगे। तो हम आपके लिए एक बढ़िया लिक्विड खाद की रेसिपी लाए हैं, जो आपके पौधे की ग्रोथ और फ्लावरिंग को बढ़ाएगी।

अपराजिता के घोल में डालें यह घोल

how to get more flowers in aparajita plant

सामग्री

  • 200 ग्राम कंपोस्ट
  • 5 ग्राम सरसों की खली
  • 5 ग्राम डीएपी
  • 2-3 लीटर पानी

कैसे बनाएं पौधे के लिए घोल

aparajita plant flowering season

  • एक प्लास्टिक की बाल्टी में 2-3 लीटर पानी लें और उसमें 200 ग्राम कोई भी वर्मी कंपोस्ट डालें।
  • मिश्रण में 5 ग्राम सरसों की खली और 5 ग्राम DAP डालकर अच्छे से मिला लें।
  • डीएपी डालना वैकल्पिक है, यदि आवश्यकता महसूस न हो तो आप डीएपी का उपयोग न करें।
  • खाद बनाने के लिए सभी को अच्छे से मिक्स करें और किसी जगह पर ढककर रख दें।
  • 5-6 दिनों के बाद खाद को अच्छे से मिक्स कर 100 एमएल अपराजिता के जड़ में डालें।
  • इस घोल को आप हर दस से पंद्रह दिन में डालें।
  • इसके अलावा यदि पौधे में कीड़े आ रहे हो तो नीम के तेल और शैंपू को पानी में मिलाकर हर हफ्ते पौधे में स्प्रे करें।
  • पौधे की बेहतर ग्रोथ के लिए रोजाना 6-7 घंटे की धूप जरूर दिखाएं।
  • 15-20 दिनों में मिट्टी की गुड़ाई जरूर करें, ताकी जड़ अच्छे से ग्रो करें और पौधे में खूब सारे फूल खिले।
  • बेल को घना बनाने के लिए बिना कली वाले टहनियों को काटते रहें।

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Image Credit: Freepik

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