हिंदू धर्म में ईश्वर की पूजा करने का काफी महत्व है। शास्त्रों में पूजा करने की एक विधि भी बताई गई है। हालांकि, हिंदू धर्म में हजारों देवी-देवता हैं और सभी की पूजा विधि भी अलग है। मगर पूजा के कुछ नियम सभी में एक जैसे हैं। इन नियमों में से सबसे अनिवार्य है, हर देवी-देवता को कुमकुम, हल्दी और अक्षत चढ़ाना। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी को अर्पित करने का भी एक नियम है। खासतौर पर जब आप देवी-देवताओं को अक्षत यानि चावल अर्पित करते हैं, तो उस दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है तब ही आपको शुभ फल प्राप्त होते हैं।
इस विषय में उज्जैन के पंडित एवं ज्योतिषाचार्य मनीष शर्मा कहते हैं, 'शास्त्रों में चावल को सबसे पवित्र अनाज बताया गया है। यही कारण है कि हर पूजा में इसे शामिल किया जाता है। अक्षत के अभाव में आपकी कोई भी पूजा पूरी नहीं हो सकती है और न ही आपको उसका फल मिलता है। ग्रंथों में पुष्प के साथ चावल को भगवान पर अर्पित करने का विधान बताया गया है। मगर भगवान को अक्षत समर्पित करने के कुछ नियम भी हैं।'
इतना ही नहीं, पंडित जी भगवान पर चावल चढ़ाने के 3 मुख्य नियम भी बताते हैं-
ऐसा होना चाहिए चावल
पंडित जी कहते हैं, 'भगवान पर चढ़ने वाला चावल सफेद, शुद्ध और अखंडित होना चाहिए।' इतना ही नहीं, जो चावल आप भगवान को अर्पित कर रहे हैं, उसे रसोई में न रखें और अपने खाने के लिए इस्तेमाल में न लें। भगवान को चढ़ने वाला चावल हमेशा अलग से पूजा की सामग्री के साथ रखें। आप यह भी कर सकती हैं कि जब घर में नया चावल आए, तो उसमें से पहले ही पूजा के लिए चावल निकाल लें।
किस तरह से चावल करें अर्पित
चावल को जीवन में पूर्णता का प्रतीक माना गया है और इसलिए जब तक आप भगवान को चावल अर्पित नहीं करते हैं, तब तक पूजा को अधूरा माना जाता है। जरूरी नहीं है कि आप भगवान पर मुट्ठी भर चावल अर्पित करें, केवल चावल के 5 या 7 दाने भी आप भगवान पर चढ़ाते हैं, तो इसका शुभ फल प्राप्त होता है।
पंडित जी कहते हैं, 'आमतौर पर लोग यह गलती करते हैं और खाली चावल भगवान पर चढ़ा देते हैं। मगर सही नियम यह है कि आप चावल को पुष्प, कुमकुम, हल्दी, अबीर या रोली के साथ भगवान को अर्पित करें।' इसके लिए आप पहले से ही चावल को हल्दी में रंग कर रख सकते हैं और पूजा के दौरान उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस बात का भी ध्यान रखें कि जब आप भगवान पर चावल चढ़ाएं तो सीधे हाथ की मध्यमा और अनामिका उंगली के साथ अंगूठे का इस्तेमाल करें।
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चावल चढ़ाते वक्त इस मंत्र का करें जाप
चावल का सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है। इसलिए जब आप भगवान को चावल अर्पित कर रहे हों तो अपने मन को शांत रखें। इस दौरान आपका ध्यान भगवान की पूजा पर ही होना चाहिए और इसके लिए आप चावल चढ़ाते वक्त इस मंत्र का जाप कर सकते हैं-
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकमाक्ता: सुशोभिता:. मया निवेदिता भक्त्या: गृहाण परमेश्वर॥
इस मंत्र के द्वारा आप ईश्वर से इस बात की कामना करते हैं कि वह आपकी पूजा को स्वीकार करें और आपको सुख-शांति का आशीर्वाद दें।
पूजा में भगवान को अक्षत अर्पित करने के यह नियम आसान हैं और फलदायी भी हैं। आप इनका पालन जरूर करें और इस जानकारी को दूसरों तक पहुंचाने के लिए आर्टिकल को लाइक और शेयर करें। धर्म और पूजा से जुड़े और भी आर्टिकल्स पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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