हिंदू शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब हम किसी की देवता के प्रतीक की पूजा करते हैं तब उनकी मूर्ति या प्रतीक कुछ आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं जो उन देवताओं के प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करते हैं।
जब बात शिवलिंग के पूजन की होती है तब भक्त उनका पूजन बड़ी ही श्रद्धा से अलग तरीकों से करते हैं। कुछ लोग जहां शिवलिंग पर नियमित जल चढ़ाते हैं तो कुछ लोग शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाकर अपनी श्रद्धा दिखाते हैं।
शिवलिंग के पूजन और उनकी स्थापना की बात करें तो उनके विशेष नियम बनाए गए हैं। अगर आप घर के मंदिर में शिवलिंग स्थापित करती हैं तो उन्हें कुछ विशेष नियमों का पालन करते हुए ही स्थापित करना चाहिए जिससे घर की सुख समृद्धि बनी रहे। आइए ज्योतिर्विद पं रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें घर के मंदिर में शिवलिंग स्थापित करने के नियमों के बारे में, जिनका पालन करना बहुत जरूरी माना जाता है।
शिवलिंग का आकार
यदि आप घर में शिवलिंग स्थापित कर रहे हैं तो आपको इसके आकारका विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। बहुत से लोग अपने घर में बड़े शिवलिंग रखते हैं जो भले ही दिखने में आकर्षक क्यों न लगें और घर आने जाने वालों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र हों, लेकिन बड़े शिवलिंग रखना घर के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
घर में स्थापित करने वाले शिवलिंग का आकार हमेशा छोटा होना चाहिए और ये अंगूठे के आकार से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
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शिवलिंग की संख्या
यदि हम वास्तु के नियमों की मानें तो घर के मंदिर में शिवलिंग की संख्या कभी भी एक से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। घर में कभी भी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए। चूंकि शिवलिंग शिव जी का प्रतीक है और भगवान शिव एक ही हैं, इसलिए हमें उनके लिए एक ही स्थान पर अलग-अलग प्रतीकों का उपयोग नहीं करना चाहिए।
वैसे तो ज्योतिष के अनुसार किसी भी भगवान की एक से ज्यादा मूर्तियां (मंदिर में वास्तु अनुसार रखें मूर्तियों की संख्या)घर के मंदिर में स्थापित करने की मनाही होती है, लेकिन शिवलिंग यदि एक से ज्यादा संख्या में रखे जाते हैं तो ये उनका अपमान करने जैसा होता है।
किस तरह का शिवलिंग रखें
यदि आप घर में शिवलिंग रख रहे हैं तो कोशिश करें कि नर्मदा नदी में मिलने वाले पत्थर से बने शिवलिंग को ही घर में रखना सबसे शुभ माना जाता है। शिवलिंग जिस सामग्री से बना है वह अधिमानतः इसी पत्थर की होनी चाहिए। हालांकि अगर आप धातु से बना शिवलिंग स्थापित कर रही हैं तो ध्यान रखें कि यह सोने, चांदी या तांबे से बना होना चाहिए और शिवलिंग के चारों ओर एक धातु का सांप भी बैठा होना चाहिए।
शिवलिंग की नियमित पूजा करें
घर में यदि आप शिवलिंग स्थापित करती हैं तो इसकी नियमित पूजा जरूरी है। दिन के दोनों समय शिवलिंग (शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही तरीका) की पूजा करें और उन्हें नियमित स्नान कराएं। यदि सुबह और शाम दोनों समय इनकी पूजा करना संभव न हो तो इन्हें घर में रखने से बचना चाहिए।
रोज सुबह स्नान करने के बाद उस पर चंदन से तिलक लगाएं। शिवलिंग पर कभी भी सिंदूर या हल्दी का तिलक न लगाएं। मुख्य रूप से सोमवार के दिन शिवलिंग को दूध, जल और गंगाजल मिलाकर स्नान कराएं।
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वास्तु के अनुसार शिवलिंग की दिशा
घर में शिवलिंग स्थापित करने के लिए दो स्वीकृत दिशाएं हैं। शिवलिंग ऐसे स्थापित करें कि पूजन के समय भक्त का मुख पूर्व दिशा की ओर हो और शिवलिंग पश्चिम दिशा की ओर रखें। शिवलिंग की जलधारी हमेशा उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। इसके अलावा आप शिवलिंग की जलधारी पूर्व दिशा की ओर भी रख सकती हैं और भक्त को उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजन करना चाहिए।
यदि आप यहां बताए नियमों के अनुसार घर के मंदिर में शिवलिंग की स्थापना करती हैं तो ये जीवन में समृद्धि के मार्ग खोल सकता है।
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