आमतौर पर हर तुलसी का पौधा हर घर में होता है। खासतौर पर हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत महत्व दिया गया है। लेकिन अक्सर लोगों की ये समस्या होती है कि उनके घर की तुलसी बहुत अच्छे से लग नहीं रही या तुलसी का पौधा बार-बार सूख जाता है। तुलसी का धार्मिक महत्व भी है इसलिए हर मौसम में हरी भरी रहनी चाहिए क्योंकि तुलसी का पौधा सूखना शुभ नहीं माना जाता है।
जहां आयुर्वेद इसे बहुत अच्छी औषधि के रूप में बताता है, वहीं तुलसी का महत्व पौराणिक कथाओं में भी बहुत माना गया है। लेकिन कई बार तुलसी का पौधा ठीक से नहीं लगता और सूख जाता है या फिर सड़ने लगता है। अगर आपके साथ भी ये परेशानी आ रही है तो आपके लिए ये टिप्स फायदेमंद साबित होंगी। आप इन टिप्स को अपनाते हुए तुलसी विवाह के दिन ही एक नया तुलसी का पौधा अपने घर में लगा सकती हैं।
तुलसी का पौधालगाते समय ये ध्यान रखें कि ज्यादा पानी डालने की वजह से उसकी जड़ों में फंगस लग जाती है। यही कारण है कि तुलसी के पौधे को लगाते समय आपको ध्यान रखना है कि सिर्फ मिट्टी में उसे न लगाएं बल्कि उसकी जगह 70% मिट्टी और 30% रेत का इस्तेमाल करें। ऐसे में बारिश के मौसम में भी तुलसी की जड़ों में ज्यादा देर तक पानी नहीं टिकेगा और वो लंबे समय तक हरा-भरा रहेगा।
गाय का महत्व भारत में वैसे ही बहुत है और गाय का गोबर बहुत अच्छी खाद का काम करता है। लेकिन इसे ऐसे ही नहीं डालना है। इसे सुखा कर इसका पाउडर जैसा फॉर्म आपको मिट्टी में डालना है। ये नेचुरल खाद का काम करेगा जो घर के गार्डन में तुलसी के पौधे को आसानी से लगा देगा। ये पौधा जल्दी बढ़ेगा भी और इससे ये हर मौसम में हरा भरा रहेगा।
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पॉट थोड़ा गहरा और चौड़ा होना चाहिए। इसके बाद आप उसमें नीचे दो बड़े छेद कीजिए। इसके बाद नीचे एक कागज रखकर उसमें वो खाद वाली मिट्टी मिलाएं जो ऊपर बताई गई थी। इसी के साथ, आप उसमें तुलसी का पौधा लगाएं।
आप चाहें तो इसमें gypsum salt का प्रयोग भी कर सकती हैं। एक लीटर पानी में सिर्फ एक चम्मच ये सॉल्ट लेकर पौधे की पत्तियों और मिट्टी में छिड़कें। इससे पौधा बहुत हरा भरा रहेगा। इसे किसी भी पौधे पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसे पौधा लगाने के बाद कम से कम 20-25 दिन बाद लगाना है। इसके अलावा, इसे डालने के 1 दिन बाद ही तुलसी की पत्तियोंको खाना है। उसे धो कर ही खाएं।
तुलसी के पौधे में पहली बार में ठीक से पानी डाल लीजिए, लेकिन इसके बाद आप उसे मिट्टी गीली रहने तक छोड़ दीजिए। सर्दियों में तो आप 4-5 दिन में एक बार भी पानी डाल सकती हैं। इसके अलावा, बर्सात में तो भूल ही जाएं। बारिश के मौसम की ये समस्या होती है कि तुलसी का पौधा उसमें बहुत जल्दी सड़ने लगता है। इसका ध्यान रखें।
तुलसी के पौधे के ऊपर पिंचिंग बहुत जरूरी होती है। यानी जब इसे लगाए हुए 1 हफ्ता हो जाए तो आप सबसे ऊपर वाली पत्तियों को तोड़ दें। ऐसा इसलिए ताकि पौधा सिर्फ ऊपर से न बढ़े बल्कि उसकी अन्य पत्तियों की तरफ से भी ग्रोथ हो। इसका कारण ये है कि ऊपर की ग्रोथ को हमने थोड़ा सा रोक दिया है तो पौधा अब अन्य जगहों से बढ़ने की कोशिश करेगा।
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मंजरी यानी तुलसी के बीज अगर पौधे में आने लगे हैं तो आप उन्हें हटा लें। ये सूखते ही या तो आप किसी अन्य गमले में शिफ्ट कर दें या फिर इन्हें हटाकर अलग रख दें और सुखा कर इसे अन्य सामग्री जैसे खाने-पीने में फ्लेवर के लिए इस्तेमाल करें। तुलसी का पौधा ऐसे में बहुत ही अच्छा इफेक्ट देगा। सूखी मंजरी हटाने से उसकी लाइफ और बढ़ जाएगी।
अगर आपके तुलसी के पौधे में कीड़े लग रहे हैं तो आपको नीम ऑयल स्प्रे की जरूरत होगी। एक लीटर पानी में 10 बूंद इस स्प्रे की डालें और तुलसी की पत्तियों में अच्छे से स्प्रे करें। आपकी ये समस्या खत्म हो जाएगी।
जिन तरीकों को हमने बताया है उनका इस्तेमाल करने पर तुलसी के पौधे में कोई नुकसान नहीं होगा। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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