तुलसी ही नहीं, ऐसे कई औषधीय पौधे हैं जिन्हें घर की बालकनी या गार्डन में आसानी से लगाया जा सकता है। जी हां, आज हम यहां जिस पौधे की बात करने जा रहे हैं उसे आयुर्वेद में बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है। यह पौधा और कोई नहीं, बल्कि गुग्गुल है। आयुर्वेद में गुग्गुल को आंखों की बीमारी, पेट की समस्याओं और कान की दुर्गंध जैसी बीमारियों के लिए फायदेमंद माना गया है।
आजकल बालकनी या गार्डन में फल-फूल वाले पौधों के साथ आयुर्वेदिक पौधे लगाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ता जा रहा है। यही वजह है कि घर-घर में तुलसी से लेकर गिलोय तक के पौधे आसानी से देखने को मिल जाते हैं। अगर आप कोई नया आयुर्वेदिक पौधा लगाने के बारे में सोच रहे हैं. तो गुग्गुल का प्लांट भी लगा सकते हैं। आइए, यहां जानते हैं कि गुग्गुल का पौधा किस तरह आसानी से गमले में लगाया जा सकता है।
गुग्गुल के पौधे की गोंद में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सूजन, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों में फायेदमंद हो सकते हैं। गुग्गुल का पौधा ऐसे तो गर्म और शुष्क वातावरण में पाया जाता है, लेकिन सही देखभाल मिले तो यह कहीं भी उगाया जा सकता है। आइए, यहां जानते हैं गुग्गल का पौधा लगाने का सही तरीका क्या है।
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गुग्गुल का पौधा लगाने के लिए मिट्टी के गमले का चयन करें, क्योंकि इसमें पानी जमा नहीं होता है और पौधा आसानी और तेजी से ग्रो कर सकता है। गुग्गुल का पौधा लगाने के लिए 12 से 15 इंच गहरा और चौड़ा गमला लें, जिससे जड़ें आसानी से फैल सकें।
गुग्गुल के पौधे की ग्रोथ के लिए सूखी और रेतीली मिट्टी फायदेमंद हो सकती है। इसके लिए 40 परसेंट रेतीली मिट्टी, 30 परसेंट गार्डनिंग मिट्टी, 20 परसेंट कंपोस्ट और 10 परसेंट कोकोपीट या परलाइट लें। सभी को अच्छी तरह से मिक्स करके गमले में डाल दें।
गुग्गुल के पौधे के लिए धूप सबसे ज्यादा जरूरी होती है। ऐसे में इस पौधे को ऐसी जगह रखें जहां दिन में कम से कम 6 घंटे की धूप आती हो।
गुग्गुल के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में अगर आप पौधे को हफ्ते में एक या दो बार ही पानी देंगे, तो भी आपका पौधा खराब नहीं होगा। गुग्गुल के पौधे की मिट्टी जब पूरी तरह से सूख जाए, तब ही इसे पानी दें।
गुग्गुल के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगें, तो उनकी समय-समय पर छटाई और कटाई करते रहें। ऐसे में पौधे को समय-समय पर पानी और हेल्दी फर्टिलाइजर देते रहें।
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गुग्गुल के पौधे में ऐसे तो कीट कम लगते हैं, लेकिन अगर फिर भी कीड़े लग जाएं, तो नीम का पानी या नीम के तेल का स्प्रे करना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, गुग्गुल के पौधे में फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए मिट्टी में नमी न जमा होने दें। इसके अलावा, पौधे की ग्रोथ के लिए केले के छिलकों का पानी भी नेचुरल फर्टिलाइजर के तौर पर फायदेमंद हो सकता है।
मार्च के महीने में गुग्गुल का पौधा लगाया जा सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आने वाले महीनों में गर्मी बढ़ती है, जो गुग्गुल के पौधे की ग्रोथ के लिए फायदेमंद हो सकता है।
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