Gardening Tips: घर के गार्डन में भी उगा सकते हैं केसर, जानें कितनी आएगी लागत

भारत में तीन प्रकार के केसर उगाए जाते हैं, क्रीम केसर, एक्विला केसर और लच्छा केसर। आपको अपनी पसंद की किस्म के आधार पर बाजार से केसर के कंद खरीद सकते हैं।

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शायद इस बात से हम पहले से ही जानकार होंगे कि बाजार में मिलने वाले मसालों में सबसे कीमती और महंगे दाम पर केसर बिकता है। यह बात भी आपको अचंभित कर सकती है कि क्या घर पर केसर का पौधा लगाया जा सकता है? जी हां, आप अपने गार्डन में भी केसर का पौधा इन साइंटिफिक तरीकों से उगा सकते हैं। इस विधि को अमल करने में थोड़ी ज्यादा लागत आ सकती है, लेकिन आपको घर पर ही बाजार से कम दामों में केसर मिल सकती है।

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असल में केसर का इस्तेमाल हम खास मौकों पर पकने वाले पकवान में करते हैं। इसके लिए हमें बाजार में बहुत ज्यादा कीमत अदा करना पड़ता है। इसके केसरी रंग और स्वाद से आपका पकवान और भी लजीज हो सकता है। केसर महंगा होने के कारण हम त्योहार या समारोह पर ही इस्तेमाल करते हैं।

केसर ज्यादातर अनुकूल जलवायु और मिट्टी की स्थिति के कारण भारत में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में लगाया जाता है। अगर आप घर पर भी इसी तरह का वातावरण बनाने में कामयाब हो जाते हैं, तो आप सबसे महंगे मसालों में से एक को आधी कीमत पर अपने गार्डन में ही उगा सकते हैं।

केसर का पौधा उगाने के तरीके

  • केसर के कंदों को किसी अच्छी नर्सरी से खरीदें।
  • कंदों को मिट्टी में 8 से 13 सेमी गहरे और कम से कम 10 सेमी की दूरी पर दूरी पर लगाएं।
  • पौधों को खाद देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे मिट्टी से ही पर्याप्त पोषक तत्व प्राप्त कर लेते हैं।
  • केसर के फूल अक्टूबर से नवंबर तक खिलते हैं। फूलों को सुबह जल्दी उठाएं और लाल धागों जैसे केसर को सावधानी से निकाल लें।
  • केसर के पौधे को ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। आदर्श तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
  • केसर के पौधे को अच्छी तरह से सूखा हुआ, रेतीली और बलुई मिट्टी की आवश्यकता होती है। मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
  • केसर के पौधे को दिन में कम से कम 6 घंटे धूप की आवश्यकता होती है।
  • इन केसर के रेशों को सुखाएं और एक एयर टाइट कंटेनर में स्टोर करें।
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केसर का पौधा उगाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान:

  • भारत में तीन प्रकार के केसर उगाए जाते हैं, क्रीम केसर, एक्विला केसर और लच्छा केसर। आपको अपनी पसंद की किस्म के आधार पर बाजार से केसर के कंद खरीद सकते हैं।
  • मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए गोबर की खाद मिलाएं। मिट्टी को सही अनुपात में फास्फोरस, नाइट्रोजन और पोटेशियम भी मिलाना होगा ताकि यह तय किया जा सके कि पौधे की कटाई करने से पहले सभी खनिज मिल जाए।
  • अगर आप इसे कॉम्पैक्ट रखते हैं, तो कोई हवा का संचार नहीं होगा और कंद नष्ट हो सकते हैं।
  • तीन से चार महीनों के भीतर केसर के फूल कटाई के लिए तैयार हो जाएंगे। फूलों को सूर्योदय से लेकर 10 बजे के बीच ही तोड़ना बेहतर माना जाता है।
  • आपको फूलों में लाल-भूरे रंग के वर्तिकाग्र यानी स्टिग्मा जो धागे के जैसा होता है उसे बांधना होगा और कम से कम पांच से छह दिनों के लिए धूप में सुखाना होता है।

केसर का पौधा उगाने में एयरोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं

आप केसर के पौधे को उगाने में एयरोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। एयरोपोनिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें पौधों को मिट्टी के बजाय हवा में उगाया जाता है। इस तकनीक में, पौधों की जड़ों को एक पोषक तत्व समाधान में लटका दिया जाता है, उन्हें ऑक्सीजन और पानी की देने के लिए एक स्प्रे या फव्वारे का इस्तेमाल किया जाता है।

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एयरोपोनिक्स तकनीक के फायदे

  • यह मिट्टी के उपयोग को कम करता है, जिससे पानी की बचत होती है और पर्यावरण पर कम प्रभाव पड़ता है।
  • एयरोपोनिक्स पौधों को अधिक पोषक तत्वों पहुंचाने में मदद करता है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सुधार होता है।
  • एयरोपोनिक्स पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करता है, क्योंकि उन्हें मिट्टी के संपर्क में नहीं आने दिया जाता है।
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एयरोपोनिक्स तकनीक से उगाए गए केसर के पौधे मिट्टी में उगाए गए पौधों की तुलना में अधिक तेजी से और आसानी से बढ़ सकते हैं। वे अधिक पोषक तत्वों तक भी पहुंच हासिल करते हैं, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में सुधार होती है। इसके अलावा, एयरोपोनिक्स पौधों को रोगों और कीटों से बचाने में मदद करता है, जिससे उनके प्रोडक्शन को ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है।

केसर का दाम ऐसे जान सकते हैं कि अमेजन वेबसाइट पर 580 रुपये प्रति 1 ग्राम मिल रहा है। इससे हम अनुमान लगा सकते हैं कि केसर की कीमत कितनी हो सकती है। इसको लगाने में भी लाखों की लागत आ सकती है।

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Image credit: Freepik

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