आजकल लोग अपने गार्डन में लगभग सभी तरह के पौधे लगाने लगे हैं क्योंकि प्लांट्स को लगभग हर वर्गीय परिवार प्राथमिकता देने लगे हैं। पौधों से ना सिर्फ घर स्वच्छ रहता है बल्कि खूबसूरत भी लगा है। लेकिन प्लांट्स जितने दिखने में अच्छे लगते हैं, उससे कहीं ज्यादा उनकी देखभाल भी करनी पड़ती है। कुछ लोग तो सिर्फ इसलिए प्लांट्स नहीं लगाते क्योंकि प्लांट्स को हर मौसम के हिसाब से देखभाल की जरूरत होती है। अगर पौधों की ठीक से देखभाल नहीं होती, तो वह सूखने लग जाते हैं और भी कई दिक्कतें होने लग जाती हैं।
सबसे ज़्यादा लोगों को पत्तों का सूखना और मुड़ना जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपके पौधे में भी यह समस्या उत्पन्न हो गई है, तो उससे निपटने के लिए आप इस लेख में बताए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं, जो आपके पौधों को इस समस्या से छुटकारा दिला सकते हैं।लेकिन उससे पहले जानते हैं कि आखिर पत्तियां क्यों मुड़ने लगती हैं।
आखिर क्यों होती हैं लीफ कर्ल?
कर्ल रोग एक वायरस के कारण पौधों में होने वाली दुनिया की प्रमुख बीमारियों में से एक है। यह वायरस ज्यादातर कपास, पपीता, टमाटर, भिंडी, मिर्च, शिमला मिर्च और तंबाकू आदि जैसी फसलों या पौधों में लगता है। आपको बता दें कि लीफ कर्ल रोग सफेद मक्खी के एक समूह के कारण पौधों में होता है।
रोग की शुरुआत पौधों की ऊपरी पत्तियों से होती है। इसमें पत्ती का ऊपर/नीचे की ओर मुड़ना और उसके बाद पत्ती का मोटा होना आदि शामिल है। हालांकि, इस वायरल की अवधि 10-18 दिनों तक होती है लेकिन कई बार यह लम्बी अवधि तक भी रहता है। इसलिए जरूरी है अपने पौधों की अच्छी तरह से देखभाल करें।
अपनाएं ये टिप्स
- 1 लीटर पानी में 5 ग्राम साबुन मिलाकर इस द्रव को पत्तियों के तल पर उच्च दाब पर छिड़कें, इससे सफेद मक्खियां दूर हो जाती हैं।
- 1 लीटर पानी में 5 मिलीलीटर नीम आधारित कीटनाशक मिलाएं और इसमें 1 मिलीग्राम गोंद मिलाएं। इस घोल को पत्तियों के तल पर छिड़कें।
- एक लीटर पानी में 20 ग्राम वर्टिसिलियम लेकानी मिलाएं और इस घोल को पत्तियों के तल पर लगाएं।
- एक खाली टिन को पीले रंग से पेंट करें और उसके बाहर अरंडी का तेल लगाएं। इसे मिर्च के पौधे के पास लटका दें। मक्खियां टिन की ओर आकर्षित होंगी और उस पर चिपक जाएंगी।
- पौधे की खाद आप लगभग हर 15 दिन पर बदलते रहें ताकि पौधों को सभी पोषक तत्व सही समय पर मिलते रहें आप कभी फिश्मील, कभी बोनमील, कभी सामान्य खाद आदि का इस्तेमाल करें।
- इसके अलावा, आप हल्दी से बना स्प्रे और हींग का प्रयोग पत्तों पर कर सकते हैं। हालांकि पत्ते पूरी तरह से ठीक नहीं होंगे लेकिन हां यह संक्रमण बढ़ेगा नहीं और वह थम जाएगा।
- ऐसे पौधों को अलग रख दें जिनके पत्ते मुड़ने या सूखने लगे हैं क्योंकि यह बीमारी अन्य पौधों को भी लग सकती है। आप इस बात का खास ध्यान रखें।
इस तरह करें देखभाल
पत्तों के मुड़ने की और भी कई वजह हो सकती हैं जैसे पौधों को सही पोषक तत्व ना मिलना, फंगस लग जाना आदि। इसलिए जरूरी है कि आपसफेद मक्खियोंको भगाने के साथ-साथ इन चीज़ें का भी ध्यान रखें।
कीटों को स्वाभाविक रूप से रोकें
कई बार पौधों में कीटों की वजह से भी पत्तियां मुड़ने, सिकुड़ने, धब्बे लगने आदि जैसी परेशानियां होने लग जाती हैं। इसलिए आप कोशिश कीजिए कि पौधों में घोंघे और स्लग को निर्जलित करने और मारने के लिए आप सादे नमक का उपयोग करने के बजाय , एप्सम साल्ट का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप एक कप एप्सम सॉल्ट को पांच गैलन पानी में मिलाएं और पत्ते पर स्प्रे करें। पौधों में इसके नियमित रूप से स्प्रे करने पर कीटों की समस्या दूर हो जाएगी।
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पोषक तत्व बढ़ाएं
पौधों की ग्रोथपूर्ण रूप से तभी होती है जब उसे नियमित रूप से सभी पोषक तत्व मिलते हैं। अगर उन्हें सही पोषक तत्व नहीं मिलते तो वह सूखने लग जाते हैं और उनकी सही ग्रोथ नहीं होती है। इसलिए जरूरी है पौधों की समय-समय पर देखरेख की जाए ताकि पौधे सूखे नहीं और उन्हें सभी पोषक तत्व मिलते रहें। पौधों को सभी पोषक तत्व की कमी को दूर करने के सबसे अच्छा स्रोत है नीम खली क्योंकि इसमें मैग्नीशियम-सल्फेट नाइट्रोजन, फास्फोरस और सल्फर सहित प्रमुख खनिजों आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पौधे के सेल को तेजी को बढ़ाने में मददगार है।
बीजों को दें एक बेहतर शुरुआत
एक अच्छे प्लांट के लिए जरूरी है बीजों की ग्रोथ पूर्ण रूप से हो। अगर बीजों की ग्रोथठीक से नहीं होती, तो पौधों को कई दिक्कतें का सामना करना पड़ता है जैसे पत्ते सूख जाते हैं और उसमें फल, फूल नहीं आ पाते इसलिए आप बीजों को एक बेहतर शुरुआत देने के लिए नीम खली का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि इसमें मौजूद मैग्नीशियम पौधों की कोशिका को मजबूत करके और वृद्धि के लिए ऊर्जा प्रदान करके बीज के अंकुरण को बढ़ाता है।
साथ ही, अंकुरण प्रक्रिया के दौरान सल्फर आसानी से नष्ट हो जाता है, इसलिए बीज बोने के बाद आप हर गैलन पानी के साथ एक चम्मच एप्सम साल्ट को मिट्टी में मिला दें और इस्तेमाल करें। इसके अलावा, आप बीज बोने से पहले प्रत्येक छेद में एक बड़ा चम्मच एप्सम सॉल्ट भी मिला सकती हैं।
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