अगर आप एंटीक बाइक को शौकीन हैं और आप पुरानी बाइक लेने की सोच रहे हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसलिए, सेकेंड हैंड बाइक खरीदने से पहले वाहन पहचान संख्या (VIN), चेसिस नंबर और इंजन नंबर का पता लगाना बहुत जरूरी है। ये नंबर गाड़ी की हिस्ट्री और उसकी कानूनी स्थिति को जानने में आपकी मदद करते हैं।
अक्सर ऐसी शिकायत सुनने में आती है कि पुरानी बाइक खरीदने के बाद खराब निकली। इसलिए, आमतौर पर बाइक को खरीदने से पहले अच्छी तरह से देखें और उसकी हालत का अंदाजा जरूर लगाएं। इंजन, गियर, ब्रेक, टायर, और अन्य भागों को ध्यान से चेक कर लें। बाइक चलाकर देखें और उसकी परफॉर्मेंस का अनुभव करें। किसी अच्छे मैकेनिक से बाइक की जांच करवाएं।
बाइक के रजिस्ट्रेशन पेपर (RC), इंश्योरेंस पेपर और अन्य कागजातों की जांच करें। ध्यान दें कि सभी कागजात वैलिड और अपडेटेड हैं या फिर सौदेबाजी करें। आमतौर पर गाड़ी खरीदते वक्त लोग यही चेक करते हैं पर आप चाहें तो इन बातों का भी रखें ध्यान।
पुरानी बाइक खरीदते समय PDI (Pre-Delivery Inspection) चेक करें
PDI का मतलब है प्री-डिलीवरी इंस्पेक्शन। यह एक जरूरी प्रक्रिया है, जिसमें आप यह तय करते हैं कि आप जो बाइक खरीद रहे हैं वह अच्छी हालत में है और इसमें कोई खराबी नहीं है। बाइक की कंपनी खुद कई पैरा मीटर पर चेकमार्क लगाती है। नई बाइक खरीदते समय PDI आमतौर पर कंपनी द्वारा किया जाता है, लेकिन पुरानी बाइक खरीदते समय आपको इसे खुद करना होगा।
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पुरानी बाइक खरीदते समय चेसिस नंबर देखें
चेसिस नंबर बाइक की एक अलग पहचान होती है। यह 17 अंकों का नंबर होता है, जो बाइक के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करता है, जैसे कि निर्माता, मॉडल, वर्ष और VIN (वाहन पहचान संख्या)। इसलिए बाइक खरीदते समय चेसिस नंबर या फ्रेम नंबर चेक करना बहुत जरूरी साबित हो सकता है। चेसिस नंबर आपको गाड़ी के कागजात और रजिस्ट्रेशन कार्ड पर लिखा मिल जाएगा। लेकिन इन सभी तरीकों से बेहतर होता है कि आप खुद से ही नंबर बाइक के इंजन या फ्रंट शॉक-अप के आस-पास लिखा होता है, इसे पढ़ें और बाइक से मैच करें। चेसिस नंबर में 10 वें नंबर का मतलब बाइक के बनने का साल और 12वें का मतलब महीना होता है।
इसके अलावा बाइक खरीदते समय इंजन नंबर चेक करना बहुत जरूरी है। इंजन नंबर बाइक के रजिस्ट्रेशन कार्ड (RC), इंश्योरेंस पेपर, और अन्य कागजातों पर लिखा होता है।
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टायर के बनने की तारीख कैसे चेक करें
टायर पर कई सारे नंबर लिखे होते हैं, जिनमें से कुछ टायर के बनने की तारीख बताते हैं। टायर के बनने की तारीख जानना जरूरी होता है, क्योंकि इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि टायर कितने पुराने हैं और क्या उन्हें बदलने का समय आ गया है। टायर के साइड वॉल पर आखिरी चार अंकों को देखें। ये चार अंक टायर के बनने का सप्ताह और वर्ष बताते हैं। पहले दो अंक टायर के बनने का सप्ताह बताते हैं। आखिरी दो अंक टायर के बनने का साल बताते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर टायर पर 1623 लिखा है, तो इसका मतलब है कि टायर 2023 के 16वें सप्ताह अप्रैल में बनाया गया था।
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