मिडिल क्लास फैमली में फर्स्ट हैंड कार खरीदना किसी चैलेंज से कम नहीं होता है। इस कारण ज्यादातर लोग सेकेंड हैंड कार की तरफ अपना रुख करते हैं, जिसे पहले भी कोई व्यक्ति इस्तेमाल कर चुका है। ऐसे में सेकेंड हैंड कार खरीदना जितना बजट फ्रेंडली होता है, उतना ही रिस्की भी। इसलिए सेकेंड हैंड कार खरीदते समय कुछ चीजों का ध्यान जरूर देना चाहिए, जिससे कार खरीदने के बाद आपको पछतावा ना हो।
आज के आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि आखिर वो जरूरी बातें कौन सी हैं, जिन्हें सेंकेड हैंड कार खरीदते वक्त आपको ध्यान में रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन खास बातों के बार में-
ज्यादातर सेकेंड हैंड कार में फ्रॉड होने का डर होता है, कि कहीं कोई आपको गड़बड़ कार ना दे दें। ऐसे में आपको कार के मालिक और कार से जुड़ी सारी हिस्ट्री जाननी चाहिए। ताकि आपको कार के साथ हुए किसी भी हादसे के विषय में पूरी जानकारी हो।
जब भी आप सेंकेड हैंड कार लेने का फैसला करें, सब से पहले कार की टेस्ट ड्राइव करें, ताकि कार के अंदर किसी भी कमी को जानने में आपको आसानी हो। ध्यान दें कि टेस्ट ड्राइव महज थोड़ी दूर की ही ना हो बल्कि 20 से 25 किलोमीटर लंबी हो, जिससे कार के अंदर अगर कोई अंदूरनी कमी हो तो आसानी से चेक किया जा सके।
अगर कार में कोई समस्या होती है, तो उसमें से आने वाली आवाजों को सुनकर बड़ी आसानी से पता चल जाता है। इसलिए कार को एक जगह खड़ा करके स्टार्ट कर दें और थोड़ी देर की न्यूट्रल पर रखें। इसके बाद कार की सभी खिड़कियां खोलकर अपने कार की अवाज सुनें। ऐसे में अगर कार से कोई आवाज आ रही है तो इसकी शिकायत डीलर या कार मालिक से करें।
टेस्ट ड्राइव पर जाते समय इस बात का ध्यान दें कि कहीं कार बार-बार जल्दी हीट तो नहीं हो जा रही। टेस्ट ड्राइव पर तभी जाएं जब कार की हीट नॉर्मल हो, टेंपरेचर टेस्ट करने के लिए कार के बोनट पर हाथ रखकर चेक करें, इससे पता चल जाएगा कि कार की हीट सामान्य है या नहीं।
अक्सर गाड़ी जैसे-जैसे पुरानी होती जाती है, वैसे ही धुआ फेंकने लगती है। इसलिए सेकेंड हैंड कार लेते समय एक बार धुएं को चेक करा लें, ताकि अगर इंजन से जुड़ी कोई खराबी हो तो आपको पता चल जाए।
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कार खरीदते समय कार के चेसिस नंबर को जरूर चेक करें। कार और कागज पर लिखे चेचिस नंबर अगर एक से ना हों तो कार खरीदने से बचें, हो सकता है आपको कोई फ्रॉ़ड गाड़ी बेंच रहा हो।
कार में इंजन और मेन चीजों के अलावा इलेकट्रिकल हिस्सों को भी अच्छे से चेक करें। जैसे विंडो अप-डाउन स्विच, क्लच, ब्रेक, क्लच, बटन, मिल्डिंग, हॉर्न, वाइपर, स्विच और एक्सिलेटर जैसी सभी चीजों को अच्छे से चेक कर लें।
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सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले कार के बीमा और नो क्लेम बोनस को चेक कर लें। ऐसा करने से काप कार के सही रेट का पता लगा सकेंगे। इतना ही आप कार के मालिक या डीलर से बेहतर तरीके से मोलभाव भी कर सकेंगे। बीमा क्लेम देखने से आप ये भी बड़ी आसानी से पता कर पाएंगे कि कहीं पहले इस कार के साथ कोई बाड़ा एक्सिडेंड तो नहीं हुआ है।
कार के बारे में अगर सही जानकारी लेनी है तो किसी भरोसेमंद डीलर से डील करें। ताकि बाद में ठगने का खतरा ना हो। इस समय देश में कई ऐसी कंपनियां हैं जो सेकेंड हैंड कार बेचती हैं, इसलिए आप कोशिश करें कि भरोसेमंद कंपनियों से ही कार की डील करें।
तो ये थीं कुछ बातें जिनका ध्यान आपको सेकेंड हैंड कार खरीदते वक्त जरूर देना चाहिए। आपको हमारा ये आर्टिकल अगर पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें साथ ही ऐसी जानकारियों के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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