हाल ही में कोरोना वैक्सीन से जुड़े कुछ दुष्प्रभावों की खबरें सामने आई हैं, जिससे कई लोगों में चिंता पैदा हो गई है। यह जानना जरूरी है कि हर किसी के लिए खतरा समान नहीं होता और अधिकांश दुष्प्रभाव हल्के और अस्थायी हो सकते हैं, तो वहीं कुछ गंभीर मामले भी हो सकते हैं। यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि आपको कौन सी वैक्सीन लगी थी ताकि आप संभावित दुष्प्रभावों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकें। टीटीएस (Thrombosis with Thrombocytopenia Syndrome) एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है जो बहुत कम मामलों में ही होता है। यह स्वाभाविक है कि आप चिंतित हों, खासकर अगर आपने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है।
अगर आपने कोविड-19 वैक्सीन राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से लगवाई है, तो आप अपनी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को पोर्टल पर लॉगिन करके डाउनलोड कर सकते हैं। इसमें वैक्सीन की प्रकार और डेट शामिल होती है। इस सर्टिफिकेट पर टीके का नाम, निर्माता कंपनी, तारीख और बैच नंबर दर्ज होता है। अगर आपने अपना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट खो दिया है, तो ऐसे चेक कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में अब तक करीब 175 करोड़ कोविशील्ड के डोज लगे हैं।
यह एक दुर्लभ रक्त विकार है जो खून के थक्कों और प्लेटलेट की कम गिनती का कारण बनता है। यह आमतौर पर वैक्सीन लगने के 5 से 42 दिनों के बीच होता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक आम होता है, खासकर 50 वर्ष से कम आयु की महिलाओं में।
गंभीर सिरदर्द जो दूर नहीं होता है। पेट में दर्द या दबाव, चेहरे, बाहों या पैरों में अप्रत्याशित रक्तस्राव या चोट, छोटे-छोटे लाल या बैंगनी रंग के चकत्ते जो थोड़े समय में बड़े हो जाते हैं। सांस लेने में कठिनाई और तेज दिल की धड़कन।
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कोविशील्ड एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वीएक्टर-आधारित वैक्सीन है। जबकि, को-वैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित इनएक्टिवेटेड वैक्सीन है। वीएक्टर-आधारित वैक्सीन एक किस्म की वैक्सीन है, जो मानव शरीर में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को पैदा करने के लिए एक वायरस या बैक्टीरिया के संशोधित संस्करण का इस्तेमाल करती है। वहीं, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन, जिन्हें मृत वैक्सीन भी कहा जाता है, एक तरह की वैक्सीन है, जो रोगजनकों (जैसे वायरस या बैक्टीरिया) के कमजोर या निष्क्रिय तौर पर इस्तेमाल करके काम करती है। इसके साथ ही किसी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से मदद लें।
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