भारत में कोविड-19 का कहर जारी है और ऐसे मौके पर लगातार लोग वैक्सीन लगवा रहे हैं। वैक्सीन लगवाने के साथ-साथ लोग कोरोना वैक्सीन स्लॉट्स को लेकर भी थोड़ा परेशान हैं। दरअसल, कई राज्यों में जहां कोविड वैक्सीन फ्री में लग रही है वहां भी वैक्सीन के स्लॉट्स मिलने मुश्किल हो गए हैं और प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन की कीमत काफी बढ़ गई है। पर अब सरकार ने इसपर रोक लगाने की ठानी है।
प्राधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में वैक्सीन के दामों को लेकर घोषणा की थी कि सरकार इसके दाम कम रखने के बारे में सोच रही है। अब ये फैसला आ गया है कि प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन के चार्ज और इसे लगाने यानि नर्सिंग चार्ज कितना लिया जाएगा।
150 रुपए से ज्यादा नहीं लगेगा वैक्सीन लगवाने का चार्ज-
कई प्राइवेट अस्पतालों में सिर्फ वैक्सीन लगवाने का चार्ज 500 रुपए चार्ज लगा देते हैं और ये तरीका गलत है। ऐसे में केंद्र सरकार ने वैक्सीन लगवाने का चार्ज 150 रुपए कर दिया है। ध्यान रहे कि ये नर्सिंग चार्ज है जो प्राइवेट अस्पतालों में दिया जाता है।
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भारत में मिलने वाले अलग-अलग वैक्सीन की कीमतें-
भारत में मिलने वाले अलग-अलग वैक्सीन की कीमतें भी सरकार ने निर्धारित कर दी है। नए नियमों के हिसाब से वैक्सीन के एक डोज की कीमत इससे ज्यादा नहीं हो सकती है-
कोवीशील्ड-
कोवीशील्ड वैक्सीन जिसके सबसे ज्यादा डोज लग रहे हैं उसे 780 रुपए से ज्यादा में कहीं भी नहीं बेचा जा सकता है। यानि अगर आप कोवीशील्ड का एक डोज लगवा रहे हैं तो अधिकतम 780 रुपए देने होंगे। कई राज्यों के सरकारी संस्थानों में ये वैक्सीन फ्री में मिलेगी।
कोवैक्सीन-
एक और भारत निर्मित वैक्सीन जिसे हर राज्य में लगाया जा रहा है वो है कोवैक्सीन। हालांकि, ये कोवीशील्ड की तरह बहुतायत में नहीं है, लेकिन फिर भी इस वैक्सीन को बहुत असरदार माना जा रहा है। कोवैक्सीन की कीमत 1410 रुपए रखी गई है और फिलहाल मिलने वाली सभी वैक्सीन्स की कीमतों में ये सबसे ज्यादा है।
स्पूत्निक V-
रशिया से इम्पोर्ट की गई स्पूत्निक वैक्सीन अभी भारत में हर जगह उपलब्ध नहीं हुई है, लेकिन जल्दी ही इसके सभी जगह आने की संभावनाएं हैं। इसकी कीमत सरकार ने 1145 रुपए रखी है।
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सरकार ने वैक्सीन के बजट को लोगों के लिए सुरक्षित बनाने के लिए 35000 करोड़ के फंड्स अलग रखे हैं। इसके अलावा, सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 31 दिसंबर तक इस स्कीम के मुताबिक 180 करोड़ डोज लग जाएंगे और सरकार को 45000 से 50000 करोड़ का खर्च भी आ सकता है। ये नई वैक्सीन पॉलिसी के मुताबिक होगा।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि केंद्र सरकार 25 प्रतिशत वैक्सीनेशन प्रोसेस देखेगी और बाकी राज्यों पर छोड़ दिया जाएगा। 21 जून अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस से पीम मोदी के मुताबिक केंद्र सरकार राज्यों को फ्री वैक्सीन मुहैया करवाएगी। जिन लोगों को फ्री वैक्सीन नहीं चाहिए वो प्राइवेट अस्पतालों से इसे लगवा सकते हैं। प्राइवेट अस्पतालों को ये सुविधा दी गई है कि सीधे वैक्सीन बनाने वाली कंपनी से इसे खरीदें।
भारत के वैक्सीन प्रोसेस को और बेहतर बनाने की कोशिश लगातार चल रही है और इस कड़ी में बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं। बहरहाल, आपके लिए भी ये बहुत जरूरी है कि आप सही से वैक्सीन लगवाएं और इस प्रोसेस का हिस्सा बनें।
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