किसी भी देश में सरकार के सुशासन का अंदाजा वहां की महिलाओं की स्थिति से लगाया जा सकता है। अगर महिलाएं प्रगति कर रही हैं तो निश्चित रूप से देश भी आगे बढ़ेगा। हमारे देश में महिलाएं काफी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली कई योजनाएं आईं और पहले से जारी कई योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू किया गया। इन योजनाओं के जरिए महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास किया गया।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। ऐसे मौके पर आइए जान लेते हैं कि उनकी सरकार ने देश की आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए किस तरह की योजनाएं लागू कीं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
इस सामाजिक अभियान के जरिए बच्चियों की शिक्षा का स्तर बढ़ाकर उनके जागरूकता लाने के प्रयास किए गए। यह योजना 22 जनवरी 2015 को शुरू हुई थी और यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का संयुक्त उपक्रम है। इस स्कीम के लागू होने के बाद कई जगहों पर लिंग अनुपात बेहतर होने की खबरें सामने आई हैं।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस सिलेंडर वितरित किए गए। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 8000 करोड़ रुपये को मंज़ूरी दी है।
बच्चियों की सुरक्षा के लिए उठाए कदम
छोटी बच्चियों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कड़े कानून बनाए हैं। 12 साल के कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने पर मृत्युदंड का प्रावधान लागू किया गया है और 16 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के लिए 10-20 वर्षों की सजा का प्रावधान है।
गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाएं
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 6000 रुपये का इंसेंटिव दिया जाता है। इस योजना के जरिए हर साल लगभग 50 लाख महिलाओं को लाभ होता है। मैटरनिटी लीव भी 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्तों के लिए कर दी गई है ताकि महिलाओं को पूरा आराम मिल सके और वे स्वस्थ रहें।
महिला ई हाट
इस योजना का मुख्य फोकस घर पर रहने वाली महिलाओं पर है। उन्हें ही ध्यान में रख कर ये योजना शुरु की गई है। इसके लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक मंच तैयार किया है जिसके माध्यम से महिलाएं अपने हुनर के जरिए कमाई भी कर सकती हैं। मंत्रालय ने इस योजना का नाम महिला 'ई-हाट' दिया है।
वन स्टॉप सेंटर स्कीम
1 अप्रैल 2015 को आई यह योजना 'निर्भया' फंड के साथ लागू की गई थी। देश के अलग-अलग शहरों में चल रही इस योजना के अंतर्गत उन महिलाओं को शरण देती हैं, जो हिंसा का शिकार हो जाती हैं। इसके तहत पुलिस डेस्क, लीगल-मेडिकल हेल्प और काउंसिलिंग कराई जाती है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए 181 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर है।
महिला हेल्पलाइन स्कीम
इस स्कीम के तहत महिलाओं को 24 घंटे तुरंत मदद देने की व्यवस्था की गई। विशेष रूप से हिंसा की शिकार महिलाओं को इस स्कीम के जरिए मदद पहुंचाने का प्रयास किया गया। यह स्कीम 1 अप्रैल 2015 को लागू की गई थी।
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