निरोगी रहने के लिए धनतेरस के दिन इस विधि से करें धन्वंतरि जी की पूजा, मिलेगी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से राहत

धनतेरस के दिन घरों में धन्वंतरि और कुबेर पूजा का भी विधान बताया गया है। धन्वंतरि जी को विष्णु भगवान का अवतार माना गया है और धन त्रयोदशी के दिन ही समुद्र मंथन से  उत्पन्न हुए थे।

 
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धनतेरस का त्योहार हिंदू धर्म में साल के खास पर्व में से एक है। इस साल धनतेरस का त्योहार 10 नवंबर को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा तो होती ही है, साथ ही इस दिन कुबेर महाराज और धन्वंतरि जी की भी पूजा होती है। मान्यता है, धन्वंतरि जी को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि जी की पूजा जो कोई भी इस दिन पूरे विधि विधान और सच्चे मन से करते हैं, उन्हें गंभीर स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से राहत मिलती है।

कौन हैं धन्वंतरि?

Dhanvantari worship importance

हिंदू धर्म में धन्वंतरि जी को देव वैद्य कहा जाता है। कथाओं के अनुसार इनका जन्म समुद्र मंथन के दौरान धन त्रयोदशी वाले दिन हुआ था। बता दें कि हिंदू धर्म में वर्णित कई तरह के कथाओं में कहा गया है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष के द्वादशी तिथि को कामधेनु, त्रयोदशी को धन्वंतरी, चतुर्दशी को महाकाली और अमावस्या को माता लक्ष्मी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई थी। धन्वंतरि जी माता लक्ष्मी के भाई के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि दोनों का प्राकट्य समुद्र से हुआ है।

कैसे करें भगवान धन्वंतरि जी की पूजा/ Dhanvantari Puja Vidhi

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  • कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष काल में धन्वंतरि जी की पूजा करें।
  • इसके लिए पूजा घर में एक पाटा बिछाएं और उसमें लाल या पीला रंग का कपड़ा बिछाकर धन्वंतरि जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें (धनतेरस पूजा)।
  • बता दें कि दीपावली के इस पांच दिन के त्योहार में माता लक्ष्मी, गणेश और कुबेर देवता की पूजन का भी विधान है।
  • दीया जलाने के पहले नीचे में चावल या नया धान रखें। अब तांबे के जल में रखे कलश के पानी से सभी देवी और देवताओं को आचमन करवाएं।
  • सभी स्थापित देवी देवता का रोली कुमकुम, हल्दी, पीला चावल, फूल, दूर्वा, पान, फूल, श्री फल और नैवेद्य अर्पित कर प्रणाम करें।
  • भगवान धन्वंतरि से रोगों के नाश, स्वस्थ शरीर और परिवार के दीर्घायु और आरोग्यता के लिए प्रार्थना करें।
  • भगवान धन्वंतरि की पूजा के दौरान 'ॐ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः' का जाप करते रहें। इस मंत्र के उच्चारण से भगवान धन्वंतरि प्रसन्न होते हैं।
  • बता दें कि धन्वंतरि जी की पूजा से शरीर में रोग नहीं आती और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर परेशानी नहीं होती।
  • आयुर्वेद में भी जीवन में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की कामना के लिए निरोगी शरीर को महत्वपूर्ण बताया गया है।
  • बताए गए साधारण विधि से आप भगवान धन्वंतरि जी की पूजा करते हैं, तो वे आपसे प्रसन्न होते हैं और आरोग्य होने के लिए वरदान देते हैं।

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Image Credit- Her Zindagi

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