बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, वैसे-वैसे माता-पिता उन्हें अच्छे संस्कार सिखाने के साथ-साथ उसकी शिक्षा की नींव मजबूत करने के लिए भी रास्ता देखना शुरू कर देते हैं। इसके लिए सही स्कूल का चयन भी करते हैं, क्योंकि स्कूल से बच्चों को केवल किताबी ज्ञान नहीं मिलता, बल्कि यहां से बच्चे को अनुशासन, व्यवहारिकता और सामाजिक शिक्षा भी मिलती है।
हालांकि, माता-पिता बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं, लेकिन व्यवस्थित शिक्षा की शुरुआत स्कूल से ही होती है, इसलिए स्कूल और शिक्षक का स्तर बच्चे के समग्र विकास पर गहरा प्रभाव डालता है। ऐसे में, छोटे बच्चों के लिए सही स्कूल चुनना माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला होता है। बच्चे की शिक्षा के अलावा, उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए स्कूल अहम भूमिका निभाता है।
यही वजह है कि स्कूल का चुनाव करना माता-पिता के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी बन जाती है। अपने बच्चे के लिए पेरेंट्स एक उपयुक्त स्कूल खोजने के लिए वे हरसंभव कोशिश भी करते हैं, ताकि उसका भविष्य उज्ज्वल हो सके। अगर आप भी अपनी बच्चे की शुरुआती शिक्षा के लिए उन्हें स्कूल भेजने का फैसला कर रही हैं, तो यहां कुछ जरूरी बातें दी गई हैं, जो आपको सही स्कूल चुनने में मदद कर सकती हैं।
बच्चों के लिए स्कूल का चुनाव करते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
स्कूल की लोकेशन
छोटे बच्चों को खास कर प्राइमरी स्कूलिंग के दौरान यह देखना बहुत जरूरी होता है कि स्कूल का लोकेशन क्या है। स्कूल के आसपास का इलाका और वहां रहने वाले लोगों का भी बच्चों की मानसिकता पर असर होता है। इसके लिए हमेशा सही लोकेशन और घर से बहुत ज्यादा दूर स्कूल का चयन न ही करें तो बेहतर है।
स्कूल का वातावरण और सुरक्षा
स्कूल का माहौल सुरक्षित और साफ-सुथरा होना चाहिए। बच्चों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी, गार्ड और सुरक्षित प्ले एरिया हो। टीचर्स और स्टाफ बच्चों के प्रति स्नेही और सहयोगी होने चाहिए।
टीचिंग स्टाफ और टीचिंग मेथड
छोटे बच्चों के लिए अगर आप स्कूल सर्च कर रहे हैं, तो आपको स्कूल के टीचर्स और टीचिंग मेथड के बारे में जान लेना बेहद जरूरी है। बच्चों को हमेशा ऐसे ही स्कूल में भेजे जो शिक्षक योग्य, अनुभवी और बच्चों के प्रति धैर्यवान हों। साथ ही, छोटे बच्चों को सजा देकर पढ़ाना उनके लिए मुसिबत हो सकती है। उन्हें पढ़ाने की विधि रोचक और बच्चों की उम्र के अनुसार होनी चाहिए। जिस स्कूल में एक्टिविटी-बेस्ड लर्निंग हो वहीं भेजना ज्यादा सही हो सकता है।
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एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज
स्कूल में खेल, म्यूजिक, आर्ट, डांस जैसी गतिविधियों की सुविधा होनी चाहिए, ताकि बच्चा सर्वांगीण विकास कर सके। माता-पिता और स्कूल के बीच संवाद हो। स्कूल में नियमित पेरेंट-टीचर मीटिंग होती हो। स्कूल प्रशासन माता-पिता की चिंताओं को गंभीरता से लेता हो।
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फीस स्ट्रक्चर और सुविधाएं
स्कूल की फीस आपकी बजट के अनुसार हो और उसमें दी जाने वाली सुविधाएं उचित होनी चाहिए। इसके अलावा, अतिरिक्त खर्च यूनिफॉर्म, किताबें, ट्रांसपोर्ट आदि के बारे में पहले से जानकारी लें। अन्य पेरेंट्स से स्कूल के बारे में फीडबैक लें। स्कूल का परीक्षा परिणाम, अनुशासन और पूर्व छात्रों की सफलता की दर पर ध्यान दें।
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