आजकल हर तरफ एक ही चर्चा है, और वो है गर्मी। दिल्ली, मुंबई, गुजरात, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि कई राज्यों के लोग हीटवेव से तिलमिला उठे हैं। ऐसे में अगर अचानक से बिजली गुल हो जाए तो मानों कोई बहुत बड़ी बिपदा आन पड़ी हो। गर्मी के मौसम में जगह-जगह पॉवर कट होना आजकल आम बात है। ऐसे में सब लोगों का ध्यान इन्वर्टर की तरफ ही जाता है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि इस भीषण गर्मी में इन्वर्टर भी आपका साथ न छोड़े तो फिर आपको उनके अंदर मौजूद वाटर लेवल को हमेशा चेक करते रहना चाहिए, क्योंकि अगर बैटरी में वाटर लेवल कम हुआ तो फिर बैटरी भी ख़राब हो सकती है। इस लेख में हम आपको कुछ आसान टिप्स बताने जा रहे हैं जिन्हें फॉलो करके आप आसानी से बैटरी का वाटर लेवल चेक कर सकते हैं और वाटर डाल सकते हैं। आइए जानते हैं।
क्यों आवश्यकता है इन्वर्टर बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर?
आपको बता दें कि इन्वर्टर के अंदर इस्तेमाल किया जाने वाला डिस्टिल्ड वाटर (एसिड) आमतौर पर सल्फ्यूरिक एसिड होता है। इन्वर्टर में वाटर यानि एसिड हमेशा सामान्य होना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सल्फ्यूरिक एसिड पर्याप्त रूप से है और पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है। अगर सामान्य स्तर से बैटरी में पानी कम होता है तो बैटरी कभी भी ख़राब हो सकती है। हालांकि, नॉर्मल पानी डालने की गलती आप कभी न करें।
क्यों इस्तेमाल होता है डिस्टिल्ड वाटर?
अगर आप नियमित समय पर बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करते हैं तो यह पानी आयरन इलेक्ट्रोड को रोकने में मदद करता है और रासायनिक प्रतिक्रियाओं के द्वारा करंट उत्पन्न होती है। डिस्टिल्ड वाटर (एसिड) में कार्बन यौगिक के कण मौजूद होते हैं जो बैटरी में ऊर्जा उत्पन्न करने में सहायक होते हैं। इसलिए जब इन्वर्टर बैटरी पानी की बात आती है, तो केवल एसिड डालने का सुझाव दिया जाता है।
इन्वर्टर में वाटर कब और कितना डालें?
लगभग हर इन्वर्टर बैटरी में एक वाटर फिलर लेवल का इंडिकेटर होता है। अगर इंडिकेटर 'हरे' चिन्ह पर है तो इन्वर्टर में ज़रूरत के हिसाब से पानी मौजूद है और अगर यह इंडिकेटर बंद है या 'लाल' चिन्ह दिख रहा है तो आपको इन्वर्टर में एसिड डालने की ज़रूरत है। अगर एडिस लाल चिन्ह के नीचे चला गया है तो बैटरी बहुत जल्द ख़राब भी हो सकती है। इसलिए नियमित समय पर बैटरी में वाटर डालते रहे। खासकर जब गर्मियों में इन्वर्टर पर अधिक लोड हो तो पानी डालते रहना चाहिए।(फैन की स्पीड बढ़ाने के टिप्स)
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इन्वर्टर बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर भरने का तरीका
- इन्वर्टर में डिस्टिल्ड वाटर भरने से पहले आप मेन पॉवर को ऑफ़ कर दें।
- पहले ही बता चुके हैं कि लाल निशान दिखने के बाद वाटर को डालने की ज़रूरत है। अगर निशान ग्रीन दिखाई दें रहा है तो आपको पानी डालने की ज़रूरत नहीं है।
- बैटरी में एक स्थान पर नहीं बल्कि अलग-अलग कई छेद होते हैं और सभी छेद में आपको सामान्य स्तर पर वाटर डालने की ज़रूरत है।
- एक बाद जब आप सभी छेद में डिस्टिल्ड वाटर डाल दें तो लगभग 3-4 घंटे बैटरी को चार्ज करने के बाद ही इस्तेमाल करें।
- नोट- बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर भरते समय हाथों में ग्लव्स और चेहरे पर मास्क ज़रूर लगाए।
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Image Credit:(@helpingmitra,hz)
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