लोहड़ी का त्योहार सूर्य के दक्षिणायन से उत्तरायण में आने का पर्व है। यह त्योहार विशेष रूप से पंजाबी समुदाय के लोगों के बीच बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। इसे मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल और कश्मीर के लोगों को मानते देखा जाता है। यह पूरे देश में हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। लोहड़ी की मुख्य विशेषताएं अलाव जलाना, लोक गीत गाना, व्यंजनों का आनंद लेना और मिलजुलकर नृत्य करना है। यह त्योहार पंजाब में अच्छी फसल के मौसम का प्रतीक है।
यह आमतौर पर मकर संक्रांति से एक दिन पहले पड़ता है और इसे साल के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इसके अलावा, लोहड़ी सर्दियों के मौसम के अंत के साथ लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता या भगवान सूर्य का मुख्य रूप से स्वागत करता है। खासतौर पर अच्छी फसल के लिए और भगवान सूर्य और धरती मां को धन्यवाद देने के लिए यह त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार खासतौर पर नयी दुल्हन के लिए ख़ास होता है क्योंकि इस दिन नवविवाहित लड़कियां अपने त्योहार को ख़ास बनाने के लिए कई तरह के काम करती हैं। अगर आपकी भी नयी शादी हुई है और इस साल आपकी पहली लोहड़ी है तो ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ आरती दहिया जी से जानें कि आपको शादी के बाद पहली लोहड़ी में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सोलह श्रृंगार करके करें पूजन
पहली लोहड़ी के अवसर पर,नवविवाहित दुल्हननए, चमकीले कपड़े पहनती है, चूड़ियां पहनती है, मेंहदी लगाती है वहीं दूल्हा भी नई पोशाक पहनता है, आमतौर पर दुल्हन के साथ मेल खाती हुई पोशाक पहनता है। अपनी पहली लोहड़ी के अवसर पर, नवविवाहित जोड़े तिल, गुड़, रेवाड़ी, पॉपकॉर्न और गन्ना को सबसे पहले आग में फेंकते हैं। युगल एक बार फिर अलाव के चारों ओर 7 फेरे लेता है। इसके बाद नवविवाहित जोड़ा कार्यक्रम में उपस्थित सभी बुजुर्गों का आशीर्वाद लेता है। अगर आपकी भी नयी शादी हुई है तो सभी बड़ों का आशीर्वाद आपके लिए जरूरी है।
काले कपड़े पहनने से बचे
अगर आपकी नई शादी हुई है और ये आपकी पहली लोहड़ी है तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप इस दिन किसी भी तरह के काले कपड़े पहनने से बचें। काले कपड़ों को अपशगुन का प्रतीक माना जाता है और इसलिए इस तरह के कपड़े नई नवेली दुल्हन को खासतौर पर लोहड़ी के मौके पर नहीं पहनने चाहिए।
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तामसिक भोजन ना करें
लोहड़ी के त्यौहार के दिन ऐसा माना जाता है कि लोहड़ी माता की पूजा की जाती है और आग के चारों तरफ फेरे लिए जाते हैं। ऐसे में आपको इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन जैसे मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन मदिरा का सेवन भी पूरी तरह से वर्जित होता है। इसलिए शादी के बाद पहली लोहड़ी में तामसिक भोजन से बचें।
लोहड़ी की परिक्रमा जूते-चप्पल पहन कर ना करें
लोहड़ी में अग्नि के फेरे लिए जाते हैं। इसलिए कभी भी आपको लोहड़ी माता की परिक्रमा जूते या चप्पल पहनकर नहीं करनी चाहिए। ऐसा करना आपके जीवन में आने वाले कष्टों का कारण बन सकता है। ऐसा माना जाता है कि नवविवाहिता को इस दिन किसी प्रकार का आपसी मतभेद नहीं करना चाहिए। जिससे घर में झगड़े का माहौल न बने। घर में किसी तरह का लड़ाई झगड़े का माहौल न बनाएं और बड़ों का आशीर्वाद लें।
जूठा भोग अग्नि में ना डाले
इस दिन अग्नि में पॉप कॉर्न और तिल डालने का रिवाज है जिससे लोहड़ी माता प्रसन्न होती हैं। लेकिन भूलकर भी नवविवाहिता को लोहड़ी की पूजा में जूठे भोग को नहीं डालना चाहिए। ऐसा करना आपको परेशानी में डाल सकता है और खुशहाली को कम कर सकता है।
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इस प्रकार शादी के बाद पहली लोहड़ी में यहां बताई गई बातों का ध्यान रखना आपके जीवन में खुशहाली का कारण बन सकता है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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