ये किस्सा उस वक्त का है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री हुआ करते थे। जब पॉलिटिक्स की लड़ाई से परे इंसानियत को भी महत्व दिया जाता था। अटल बिहारी वाजपेयी और राजीव गांधी दोनों ने ही अपने-अपने तरीके से देश की सत्ता को संभाला और इतिहास के कुछ ऐसे फैसलों को अंजाम दिया जिनकी वजह से आज हमारा देश तरक्की की राह पर है। दोनों को ही इतिहास में जगह मिली है और इनकी जिंदगी से जुड़ा एक अहम किस्सा भी है।
अटल बिहारी वाजपेयी राजीव गांधी से लगभग 20 साल बड़े थे। वाजपेयी ने खुद कहा था कि उन्हें राजीव गांधी अपने छोटे भाई की तरह लगते हैं। राजीव गांधी को 1991 में मार दिया गया था जिसके बाद वाजपेयी जी ने दुख भी जाहिर किया था और राजीव गांधी से जुड़े कुछ किस्से भी बताए थे।
जिस किस्से की बात आज हम करने जा रहे हैं उसके बारे में राजीव गांधी की मौत के बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने एक इंटरव्यू में बताया था। उस वक्त भाजपा और कांग्रेस दोनों ही देश की सत्ता हासिल करने में लगी हुई थी।
राजीव गांधी ने बचाई थी अटल जी की जान
यह बात 1988 की है जब अटल बिहारी वाजपेयी को किडनी की बीमारी हो गई थी। 1985 में अटल जी ने पहले से ही अपनी किडनी खो दी थी और दूसरी में बीमारी होने का मतलब था गंभीर अंत। पर किसी तरह से इसके बारे में राजीव गांधी को पता चल गया।
अटल जी का एक वीडियो इंटरनेट पर मौजूद है जिसमें वह इसी किस्से के बारे में बता रहे हैं। उनके अनुसार, "जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब उन्हें किसी तरह मेरी किडनी की समस्या के बारे में पता चल गया था। डॉक्टर्स ने मुझे अमेरिका जाकर इलाज करवाने को कहा था, लेकिन मेरे पास उतने पैसे नहीं थे। उन्होंने एक दिन मुझे अपने ऑफिस में बुलाया और कहा कि वो मुझे अमेरिका में यूएन डेलिगेशन के साथ भेजेंगे। उस वक्त मैं अमेरिका गया और अपना इलाज करवाया। सारी तैयारी और खर्च सरकार द्वारा ही उठाया गया।"
इस वीडियो को यहां देखें-
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इसका जिक्र Untold Vajpayee: Politician and Paradox नामक किताब में भी किया गया है जहां जर्नलिस्ट उल्लेख एनपी ने अटल जी को कोट करते हुए लिखा है, "राजीव गांधी की वजह से ही मैं आज जिंदा हूं।"
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आपको बता दें कि 1988 में यूनाइटेड नेशन्स में अटल बिहारी वाजपेयी की स्पीच को आज तक की बेस्ट स्पीच में से एक माना जाता है जिसमें उन्होंने न्यूक्लियर हथियारों के बारे में बात की थी। अटल जी अमेरिका से वापस तभी आए थे जब उनका इलाज पूरा हो गया था। जब तक वाजपेयी जी ने खुद इसके बारे में नहीं बताया था तब तक किसी को भी पता नहीं था कि ऐसा कुछ हुआ है।
वैसे वाजपेयी जी एक बार फिर किडनी की समस्या को लेकर अमेरिका गए थे, लेकिन तब तक वो खुद प्रधानमंत्री बन चुके थे।
राजीव गांधी बोफोर्स घोटाले में फंसे थे, लेकिन फिर भी उन्हें एक बेहतर नेता माना जाता रहा है। इसके साथ ही ऐसे कई किस्से हैं जो बताते हैं कि राजीव गांधी ना सिर्फ एक अच्छे नेता, बल्कि एक अच्छे इंसान भी थे। उन्होंने कभी खुद इसका जिक्र तक नहीं किया कि अटल बिहारी वाजपेयी को आखिरी मौके पर यूएन डेलिगेट्स में क्यों शामिल किया गया था। पर शायद यही वो समय था जिसने अटल जी को देश के सबसे अच्छे नेता के रूप में निखारा।
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