अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए विज्ञापन कंपनियां और ब्रैंड्स इतना नीचे गिर जाते हैं कि महिलाओं के ऑब्जेक्टिफाई करने में भी उन्हें शर्म नहीं आती! आपने भी ऐसे ऐड्स देखे होंगे जहां एक परफ्यूम का ढक्कन खुलते ही महिलाओं को पुरुषों की ओर दौड़ते दिखाया जाता है। तो अब सवाल है कि क्या इन सब हथकड़ों के बगैर पुरुषों के परफ्यूम नहीं बिकते? क्या बिना सेक्सिट मजाक के उन्हें कोई नहीं खरीदेगा? और यह आपकी परफ्यूम की खुशबू पर लड़कियों का आपके पीछे दौड़ने का मतलब और मकसद आखिर क्या है?
मैं उस हर व्यक्ति से सवाल करना चाहती हूं जो महिलाओं को ऑब्जेक्टिफाई करने से पीछे नहीं हटता, मैं पूछना चाहती हैं कि क्या आप इस तरह से अपने परिवार की महिलाओं को देखते हैं? या क्या उनके लिए इस तरह के सेक्सिस्ट जोक कहना आपके लिए भी नॉर्मल है?
अब हाल ही में पुरुषों के परफ्यूम वाले एक विज्ञापन ने फिर एक बार हदें पार कर दी। जिस एक डर के साथ हम महिलाएं जी रही हैं, जो एक शब्द सुनकर किसी भी महिला की रूह कांप जाए उसका मजाक बनाना या उस पर कैजुअल जोक कह देना आपकी संवेदनशीलता और संवेदना के अभाव को ही दर्शाता है।
कोई भी विज्ञापन कंपनी या कहें कोई भी व्यक्ति'रेप'से इतने संवेदनशील मुद्दे पर कैसे मजाक बना सकता है। लेयर शॉट द्वारा गया यह आपत्तिजनक विज्ञापन न सिर्फ ऑफेंसिव है, बल्कि महिलाओं के प्रति असंवेदनशील और अपमानजनक भी है। रेप कल्चर को बढ़ावा देने वाले शॉट के इन दोनों विज्ञापनों की निंदा बॉलीवुड सेलिब्रिटीज सहित कई नामी-गिरामी सोशल एक्टिविस्ट ने भी की। यहां तक सरकार ने इस भद्दे विज्ञापन को तुरंत हटाने के निर्देश भी दिए।
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विज्ञापन में क्या दिखाया गया था?
इस प्रोडक्ट ने दो विज्ञापन बनाएं और दोनों ही विज्ञापन इंग्लैंड vs न्यू जीलैंड क्रिकेट मैच के दौरान दिखाए गए। विज्ञापन में महिला को डरी और परेशान दिखाया जाता है, जब उसे लगता है कि 3-4 लड़के उसका शोषण करेंगे।
पहले विज्ञापन में एक कपल बेडरूम में बैठा दिखाया है और लड़के के दोस्त अंदर आकर पूछ रहे हैं कि क्या उसने शॉट लिया? लड़का हां कहता है और फिर उसका एक दोस्त कहता है कि अब शॉट लेने की उनकी बारी है। लड़की एकदम घबरा जाती है, लेकिन वे लड़के आगे बढ़कर पास में रखी डिओड्रेंट की बॉटल उठाते हैं।
दूसरे ऐड में सुपर मार्केट का एक सीन दिखाया गया है। एक महिला सुपर मार्केट के शेल्व में कुछ ढूंढ रही होती है। लड़कों का एक ग्रुप उसके पीछे खड़े होकर बातें कर रहा होता है। उनमें से एक बोलता है, 'हम चार हैं और यह एक', तभी दूसरा बोलता है, 'कौन शॉट लेगा?' महिला उन्हें सुनती है और डर से पीछे मुड़ती है। उसके बाद विज्ञापन में दिखाया गया है कि वे लोग शेल्फ में रखी एक ही बॉटल की बात कर रहे हैं।
Fuming at cringe worthy ads of the perfume ‘Shot’. They show toxic masculinity in its worst form and clearly promote gang rape culture!The company owners must be held accountable. Have issued notice to Delhi Police and written letter to I&B Minister seeking FIR and strong action. pic.twitter.com/k8n06TB1mQ
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) June 4, 2022
दिल्ली महिला आयोग ने ट्वीट कर जताया रोष
दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, '(लेयर'र शॉट) डिओडोरेंट विज्ञापन देश में बलात्कार की मानसिकता को स्पष्ट रूप से बढ़ावा देता है।' उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस को एक नोटिस जारी किया गया है और सभी प्लेटफार्मों से विज्ञापन को हटाने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इस बारे में उन्होंने ट्वीट भी किया।
प्रियंका चोपड़ा जोनस ने जाहिर की नाराजगी
ग्लोबल स्टार प्रियंका चोपड़ा जोनस ने इस सेक्सिस्ट विज्ञापन के संबंध में अपनी नाराजगी और गुस्सा व्यक्त किया और सोशल मीडिया हैंडल ट्विटर पर इसे 'शेमफुल और डिसगस्टिंग' बताया। इस संबंध में उन्होंने सवाल किया कि आखिर कितने हरी बत्ती पाने के लिए विज्ञापन को कितने स्तरों की मंजूरी की आवश्यकता थी। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि उन्हें खुशी है कि इस विज्ञापन को तुरंत संज्ञान में लेकर हटा दिया गया और इसके निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई, लेकिन कितने लोगों ने उस वक्त यह सोचा कि यह विज्ञापन ठीक था।
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ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ने भी विज्ञापन बनाने वालों की लगाई क्लास
ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ऐसे मुद्दों पर हमेशा अपनी आवाज बुलंद करते दिखाई देते हैं। एक बार फिर उन्होंने इस आपत्तिजनक विज्ञापन के प्रति अपना गुस्सा जाहिर किया। ऋचा ने ट्वीट कर कहा कि यह विज्ञापन किसी तरह का एक्सिडेंट नहीं है, क्योंकि वह स्क्रिप्ट, क्रिएटिव्स, कास्टिंग, क्लाइंट्स, और भी कई लेयर्स से गुजरते हुए यहां तक पहुंचा है। उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या ये लोग रेप को एक मजाक समझते हैं। उन्होंने यह भी सलाह दी कि विज्ञापन बनाने वाली एजेंसी पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
This ad is not an accident. To make an ad, a brand goes through several layers of decision making. Creatives, script, agency, client, casting… DOES EVERYONE THINK RAPE IS A JOKE? Revelatory! This brand, the agency that made this ad need to be sued for the filth they’re serving. https://t.co/M3YjbljAYN
— RichaChadha (@RichaChadha) June 4, 2022
वहीं स्वरा भास्कर ने ट्वीट कर कहा- 'एक टीनएज लड़की का हैदराबाद में रेप हुआ और ऐसी घटनाएं देश में होती ही रहती हैं। इस तरह की कंपनियां ऐसे विज्ञापन रेप और गैंगरेप को बढ़ावा देने के लिए बन रहे हैं। यह घृणित से परे है!बिल्कुल शर्मनाक! इसे किस एजेंसी ने बनाया है?'
फरहान अख्तर और सोना महापात्रा ने जताया रोष
अभिनेता और फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने विज्ञापन के निर्माताओं पर पलटवार किया। सोना महापात्रा ने भी घृणित विज्ञापन के बारे में ट्वीट किया।
क्या रहा सरकार का कदम?
केंद्र ने सोशल मीडिया पर नाराजगी और दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अपील के बाद विवादास्पद परफ्यूम के विज्ञापनों को निलंबित करने का आदेश दिया है। केंद्र ने ट्विटर और यूट्यूब से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से विवादास्पद विज्ञापनों को हटाने को भी कहा। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने यूट्यूब और ट्विटर को लिखे एक पत्र में कहा कि विज्ञापन शिष्टता और नैतिकता के हित में महिलाओं के चित्रण के लिए हानिकारक और सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) का उल्लंघन है।
DCW के अनुसार, 'यह विज्ञापन साफ तौर से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा को बढ़ावा दे रहा है और पुरुषों में एक बलात्कारी मानसिकता को प्रोत्साहित कर रहा है। DCW ने लिखा, 'विज्ञापन घिनौना है और इसे मास मीडिया पर चलाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।'
ऐडवर्टीजमेंट सेक्टर रेगुलेटर ASCI जिसने बॉडी स्प्रे ब्रांड के विवादास्पद विज्ञापनों को निलंबित कर दिया, ने भी कहा कि विज्ञापन ने गंभीर उल्लंघन किया है।
Both Government and ASCI have intervened to stop the further publishing of the offending advertisement of Layerr Shot. https://t.co/wZm5B9tonb
— ASCI (@ascionline) June 4, 2022
ASCI ने जारी किए गए एक स्टेटमेंट में कहा- 'उक्त विज्ञापन एएससीआई के अध्याय II के संभावित उल्लंघन में है, जिसमें कहा गया है कि विज्ञापनों में कुछ भी अशोभनीय, अश्लील नहीं होना चाहिए, विशेष रूप से महिलाओं के चित्रण में या कुछ भी प्रतिकूल नहीं होना चाहिए। विज्ञापनों में ऐसा कुछ न हो जो डिसेंसी के मानकों को तोड़कर गंभीर और व्यापक अपराध का कारण बनता है।'
अब आप ही बताएं ऐसे मुद्दों पर मजाक करने वालों को क्या कहा जाए? महिलाओं को सेक्सुअलाइज करना और ऑब्जेक्टिफाई करना आपकी संकुचित मानसिकता को दर्शाता है। और हम ऐसे विज्ञापन बनाने वाले लोगों, ऐसी सोच रखने वालों से एक ही चीज कहेंगे कि हम इससे सहमत नहीं हैं और रेप जैसे संवेदनशील मुद्दे का मजाक बनाना बिल्कुल भी सही नहीं है।
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