आखिर कैसे चार अंको का OTP खाली कर देता है बैंक अकाउंट का सारा पैसा, जानिए किस तरह से काम करता है ये कोड

आज के समय अधिकतर काम ऑनलाइन माध्यम से किए जाते हैं। ऐसे में ओटीपी स्टेप सबसे महत्त्वपूर्ण स्टेप होता है। इसकी मदद से कुछ ही सेकंड में सभी काम कर सकते हैं। 

 
What to do if OTP is shared

टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में आज हर एक काम ऑनलाइन मीडियम की मदद से किए जाते हैं। बैंक अकाउंट से लेकर आईडी कार्ड आदि को यूजर के पर्सनल कॉन्टेक्ट नंबर से रजिस्टर किया जाता है। ऐसे में किसी भी काम को करने के लिए ओटीपी की जरूरत पड़ती है। बिना ओटीपी के आप किसी भी काम को नहीं कर सकते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह कोड क्यों जरूरी है। ओटीपी का एक गलत इस्तेमाल बैंक अकाउंट के सारे पैसे को एक चुटकी में उड़ा देता है। इस लेख में आज हम आपको ओटीपी से जुड़ी बड़ी हर एक जानकारी के बारे में बताने जा रहे हैं।

आखिर क्या होता है ओटीपी कोड (What can someone do with your OTP number)

What can someone do with your OTP number

वर्तमान में हम सभी घर बैठे तमाम काम कर लेते हैं फिर चाहे बच्चे की फीस जमा करनी हो या फिर बैंक में ट्रांजैक्शन करना हो। खासकर कोरोना महामारी के दौरान मोबाइल द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर वित्तीय लेनदेन का काम किया गया। ऐसी स्थिति में डिजिटल दुनिया में परिवार और खुद की सुरक्षा भी मायने रखती है, ताकि पर्सनल इंफॉर्मेशन से लेकर अकाउंट संबंधित डिटेल्स का मिसयूज न हो। नेट बैंकिंग से लेकर सामान खरीदने के लिए सभी डिटेल्स भरने के बाद आखिर में एक कोड जनरेट होकर हमारे फोन पर मैसेज की मदद से आता है, जिसे हम ओटीपी यानी वन टाइम पासवर्ड कहते हैं। यह कोड 6 से 8 नंबर के डिजिट का होता है।

कितने बार कर सकते हैं ओटीपी का उपयोग

Length of OTP

ओटीपी कोड का इस्तेमाल आज के समय ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर ट्रांजेक्शन करने जैसी हर एक जगह इसका उपयोग करना होता है। ओटीपी हमेशा रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है। इसे भरने के बाद ही आप आगे का प्रोसेस कर सकते हैं। ओटीपी का एक बार उपयोग करने के बाद आप दोबारा प्रयोग में नहीं ला सकते हैं। एक बार इस्तेमाल करने के बाद यह ऑटोमेटिक एक्सपायर हो जाता है।

ऐसे काम करता है ओटीपी स्कैम

What is the recommended length of OTP

वन टाइम पासवर्ड को जनरेट करने के लिए दो इनपुट्स का उपयोग किया जाता है। पहला सीड और दूसरा मूविंग फैक्टर है। बता दें कि जब ऑथेंटिकेशन सर्वर पर किसी प्रकार का नया अकाउंट बनाया जाता है तब हर बार मूविंग फैक्टर बदलता है, जिसकी वजह से आपके नंबर पर हर बार एक नया ओटीपी कोड जनरेट देखने को मिलता है। अगर आप गलती से भी इस कोड को किसी और को बताते हैं तो आप फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं। ओटीपी गूगल ईमेल या रजिस्टर्ड नंबर पर आता है और ये दोनों ही आपके बैंक अकाउंट से लेकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक से कनेक्ट होते हैं। ऐसे में जीमेल का पासवर्ड सिक्योर और सेफ करके रखें।

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