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नीम करौली बाबा के आश्रम का नाम कैसे पड़ा कैंची धाम, जानें महत्व

उत्तराखंड में हल्द्वानी से भवाली होते हुए अल्मोड़ा जाने वाले राजमार्ग पर स्थित कैंची धाम, नीम करौली बाबा के आश्रम के रूप में एक प्रमुख आध्यात्मिक केंद्र है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस आश्रम का नाम कैंची धाम क्यों रखा गया, और कुछ और क्यों नहीं? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
Editorial
Updated:- 2025-03-14, 15:30 IST

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा कैंची धाम एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। यह स्थान 20वीं सदी के महान संतों में से एक, नीम करौली बाबा के आश्रम के रूप में जाना जाता है। नीम करौली बाबा, जिन्हें हनुमान जी का अवतार माना जाता है, ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए। अब ऐसे में सवाल है कि बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम ही क्यों पड़ा और इस धाम का इतिहास और धार्मिक महत्व क्या है। इसके बारे में विस्तार से इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

कौन हैं नीम करौली बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम कैसे पड़ा?

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नीम करौली बाबा, जिन्हें 'महाराज जी' के नाम से भी जाना जाता है, बीसवीं सदी के महान संतों में से एक थे। उनके भक्त उन्हें हनुमान जी का अवतार मानते हैं। नीम करौली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के अकबरपुर गांव में हुआ था। नीम करौली बाबा ने अपने जीवनकाल में अनेकों चमत्कार किए, जिसके कारण भक्तों की उनके प्रति आस्था और गहरी हो गई। आपको बता दें, नीम करौली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई हनुमान मंदिरों का निर्माण करवाया।

नीम करौली बाबा के आश्रम का नाम कैंची धाम कैसे पड़ा?

कैंची धाम एक प्रसिद्ध आश्रम है जो नैनीताल से लगभग 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस आश्रम की स्थापना 1960 के दशक में प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु नीम करोली बाबा ने की थी। नीम करोली बाबा को महाराज जी के नाम से भी जाना जाता है।
कैंची धाम की स्थापना 15 जून 1964 को नीम करोली बाबा द्वारा की गई थी। यह आश्रम बाबा नीम करोली और उनके भक्तों द्वारा स्थापित किया गया था। कैंची धाम में मुख्य रूप से नीम करोली बाबा का मंदिर है, साथ ही यहां हनुमान जी, राम-सीता और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी हैं।

कैंची धाम का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यह स्थान दो पहाड़ियों के बीच स्थित है और यहां से गुजरने वाला रास्ता कैंची के आकार का दिखता है। इस वजह से इस स्थान का नाम 'कैंची धाम' रखा गया। कैंची धाम एक शांत और आध्यात्मिक स्थान है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता भी अद्भुत है। यहां आने वाले लोग शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव करते हैं।

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कैंची धाम जहां पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं

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कैंची धाम से जुड़ी मान्यता यह है कि नीब करौली बाबा हनुमान जी के परम भक्त थे। उनकी हनुमान जी के प्रति गहरी भक्ति के कारण, कई लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। यही कारण है कि कैंची धाम में आने वाले श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। यह माना जाता है कि बाबा नीब करौली अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वे अपने भक्तों के दुखों को दूर करते हैं और उन्हें सही मार्ग दिखाते हैं।

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