कितना होता है एक हिंदू महिला का पति की संपत्ति पर अधिकार, एक्सपर्ट से जानें क्या कहता है कानून

पति की संपत्ति पर एक हिंदू महिला का कितना अधिकार हो सकता है, इस पर सुप्रीम कोर्ट फैसला लेने वाला है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले आइए, यहां एक्सपर्ट से जान लेते हैं कि पति की संपत्ति को लेकर कानून क्या कहता है। 
hindu woman property rights

शिक्षा और सामान अधिकारी की वजह से भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ है। महिलाएं शिक्षित हो रही हैं और पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर सफलता का आसमान छू रही हैं। लेकिन, इसी 21वीं सदी में हम पति की संपत्ति पर एक हिंदू महिला का कितना अधिकार हो सकता है, इस पर भी अटके हुए हैं।

पति की संपत्ति पर महिला का कितना अधिकार होता है, यह सालों से एक मुश्किल और संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है। इस मुद्दे पर भारतीय कानून और समाज में बदलाव के साथ समय-समय पर बहस छिड़ती रही है। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महिला को हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के तहत संपत्ति के अधिकारों की व्याख्या को सुलझाने का फैसला कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने करीब छह दशकों से पेंडिंग 1965 के कंवर भान नाम के शख्स की वसीयत से जुड़े केस को बड़े बेंच के पास भेजने का फैसला किया है। जिससे पति की संपत्ति पर एक हिंदू महिला का कितना अधिकार होता है, इस मुद्दे को मुश्किल से सरल बनाया जा सके।

क्या था कंवर भान की वसीयत से जुड़ा मामला?

can women claim on husband property

कंवर भान ने अपनी पत्नी को आजीवन एक जमीन का अधिकार दिया था, लेकिन यह शर्त रखी थी कि पत्नी की मृत्यु के बाद वह उसके उत्तराधिकारियों के पास चली जाएगी। हालांकि, केस क्या है और इस पर सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला रहने वाला है, आज हम इस पर बात नहीं करने जा रहे हैं। बल्कि आज हम एक्सपर्ट से यह समझेंगे कि एक हिंदू महिला का पति की संपत्ति पर कितना अधिकार होता है।

इसे भी पढ़ें: क्या कोई पति अपनी संपत्ति पत्नी को बेच सकता है? जानें क्या हैं अधिकार

एक हिंदू महिला का कितना होता है पति की संपत्ति पर अधिकार?

how much right of hindu women on husband property by expert

पति की संपत्ति पर एक हिंदू महिला यानी उसकी पत्नी का कितना अधिकार होता है, इसे जानने के लिए हमने माननीय सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट अरुण कटियार से बात की है। एडवोकेट वरुण कटियार क्रिमिनल, वैवाहिक और संवैधानिक कानून से जुड़े मामले देखते हैं।

एडवोकेट का कहना है कि पति की संपत्ति पर हिंदू महिला का कितना अधिकार होता है, यह थोड़ा उलझा हुआ मामला है, क्योंकि इसे समझने के लिए यह जानना जरूरी होगा कि संपत्ति में अधिकार के लिए किन-किन फैक्टर्स को ध्यान में रखा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि संपत्ति में अधिकार होगा या नहीं, यह एक फैक्टर पर नहीं, बल्कि अनेक पर निर्भर करता है।

इसे भी पढ़ें: प्रॉपर्टी को लेकर परिवार में ही किसी पर करना हो केस तो सबसे पहले करें यह काम

जैसे- पति की पुश्तैनी प्रॉपर्टी पर पत्नी को डायरेक्ट अधिकार नहीं मिलता है। अगर पति जिंदा है, तो उसकी किसी भी प्रॉपर्टी पर पत्नी का सीधा अधिकार नहीं होता है। वहीं अगर प्रॉपर्टी पर ज्वाइंट मालिकाना हक है, तो महिला का अधिकार हो सकता है। लेकिन, प्रॉपर्टी सिर्फ पति के नाम पर है और वह जीवित है तो पत्नी का अधिकार नहीं होता है।

एडवोकेट के मुताबिक, पति की मृत्यु के बाद अगर कोई वसीयत नहीं बनी है, तो प्रॉपर्टी पत्नी और बच्चों (लड़के-लड़की दोनों) में बराबर हिस्से में बंट जाएगी। लेकिन, पति के जीवित रहते पत्नी का किसी भी तरह से प्रॉपर्टी में डायरेक्ट अधिकार नहीं होता है। पति अपनी पत्नी को प्रॉपर्टी गिफ्ट करदे या वसीयत में लिख जाए, तो एक मुद्दा होता है।

एडवोकेट का कहना है कि तलाक के केस में भी पत्नी का पति की प्रॉपर्टी में आधा अधिकार नहीं होता है। ऐसे मामलों में भी पति की आय और उसकी हैसियत के अनुसार ही चीजें तय की जाती हैं।

हमारी स्टोरी से रिलेटेड अगर कोई सवाल है, तो आप हमें कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे।

अगर आपको स्टोरी अच्छी लगी है, इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी से।

Image Credit: Supreme Court of India Website and Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP