Moon On Shiv Head: भगवान शिव के रूप के वर्णन में चंद्रमा का जिक्र जरूर आता है। महादेव की किसी भी प्रतिमा या फोटो में यह देखा जा सकता है कि उनके शीश पर गंगा और मस्तक पर अर्ध चंद्र विराजमान हैं।
हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स ने हमें चंद्रमा की उत्पत्ति की कथा और क्यों भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने शीश पर धारण किया इसके बारे में विस्तार से बताया है जो आज हम आपके साथ साझा करने जा रहे हैं।
शिवपुराण की कथा
- शिवपुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान भगवान शिव (कौन थीं भगवान शिव की 5 बेटियां) ने हलाहल विष का पान किया था। इस विष को अपने कंठ में धारण करने के कारण भगवान शिव नीलकंठ कहलाए थे।
- पुराण में लिखित कथा के मुताबिक, विष पान के बाद महादेव का शरीर तपने लगा था और उनका मस्तिष्क जरूरत से ज्यादा गर्म हो गया था। महादेव का ये दृश्य देख सभी देवी देवता घोर चिंतित होने लगे।
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- ऐसी परिस्थिति में तब चंद्र देव ने महादेव से उन्हें धारण करने की विनती की। चंद्रमा को शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है। चंद्रमा की शीतलता से अग्नि का ताप भी ठंडा पड़ जाता है।
- इसी कारण से चंद्र देव और अन्य सभी ने भगवान शिव से चंद्र को अपने शीश पर स्थापित करने की प्रार्थना की। कहा जाता है कि सभी की प्रार्थना स्वीकार करते हुए महादेव ने तब अपने मस्तक पर अर्ध चंद्र को स्थान दिया था।
लोक कथा
- एक अन्य कथा के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि चंद्रमा की 27 पत्नियां थीं लेकिन प्रिय उन्हें एक ही थीं जिनका नाम रोहिणी था। इस बात से अन्य पत्नियां अक्सर दुखी रहा करती थीं।
- एक दिन जब चंद्रमा की अन्य पत्नियां अपनी भावनाओं पर धैर्य न रख सकीं तो उन्होंने अपने पिता दक्ष से इस विषय में बात कर अपनी पीड़ा बताई जिसके बाद दक्ष प्रजापति में चन्द्रमा को श्राप दे दिया।
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- श्राप के कारण चंद्रमा का सारा तेज क्षीण होता चला गया और चंद्र देव को भयंकर रोगों ने घेर लिया। तब चंद्र देव को देवर्षि नारद (देवर्षि नारद ने क्यों दिया था नारायण को श्राप) ने भगवान शिव की पूजा का मार्ग सुझाया।
- चंद्र देव ने भगवान शिव की न सिर्फ पूजा की बल्कि उनके घोर ताप में लीन हो गए। तब भगवान शिव ने प्रकट होकर चंद्रमा के श्राप को समाप्त कर दिया और चंद्र देव की तपस्या के फल के र्रोप में उन्हें अपने मस्तक पर धारण कर लिया।
तो ये थी चंद्रमा को भगवान शिव द्वारा अपने शीश पर धारण करने की कथा। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Freepik, Herzindagi
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